76. निम्न में से किस प्रशस्ति के रचयिता अत्री और महेश थे -
- A. रणकपुर प्रशस्ति
- B. कुम्भलगढ़ प्रशस्ति
- C. कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
- D. बिजौलिया अभिलेख
Answer: चित्तौड़गढ़ स्थित कीर्ति स्तंभ (विजय स्तंभ) प्रशस्ति की रचना अत्रि भट्ट ने शुरू की थी और उनके निधन के बाद उनके पुत्र महेश भट्ट ने इसे पूरा किया।
77. ऐतिहासिक प्रमाणों, दस्तावेजों, पत्रों, मुगल फरमानों एवं हस्त चित्रित तस्वीरों के एलबम के अध्ययन हेतु संग्रहण स्थित है -
- A. बीकानेर संग्रहालय बीकानेर
- B. राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर
- C. खेतडी महल झुंझुनूं
- D. चन्दन महल जोधपुर
Answer: राजस्थान राज्य अभिलेखागार, बीकानेर, ऐतिहासिक रिकॉर्ड, मुगल फरमान, दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण कागजातों के संरक्षण और अध्ययन का प्रमुख केंद्र है।
78. ‘श्रृंगी ऋषि शिलालेख’ किस भाषा में लिखा गया है -
- A. पाली
- B. प्राकृत
- C. उर्दू
- D. संस्कृत
Answer: मेवाड़ से प्राप्त श्रृंगी ऋषि शिलालेख, जो राणा मोकल के समय का है, संस्कृत भाषा में लिखा गया है और यह गुहिल वंश के इतिहास की जानकारी देता है।
79. ‘गाधिया’ सिक्के किस राज्य से संबंधित थे -
- A. जोधपुर
- B. उदयपुर
- C. जयपुर
- D. बीकानेर
Answer: गाधिया सिक्के प्राचीन काल में मेवाड़ क्षेत्र (उदयपुर) में प्रचलित एक प्रमुख मुद्रा थी।
80. निम्नलिखित में से किस ग्रंथ में अलाउद्दीन खिलजी की जालौर विजय का विवरण मिलता है -
- A. कुवलयमाला
- B. नागदमण
- C. कान्हड़देव प्रबन्ध
- D. हाला झाला री कुण्डलियां
Answer: पद्मनाभ द्वारा रचित 'कान्हड़देव प्रबन्ध' जालौर के शासक कान्हड़देव चौहान और अलाउद्दीन खिलजी के मध्य हुए संघर्ष और खिलजी की विजय का मुख्य साहित्यिक स्रोत है।
81. बीकानेर के इतिहास लेखन में कौन सी ‘ख्यात’ अति लाभदायक है -
- A. मुण्डीयार री ख्यात
- B. बांकीदास री ख्यात
- C. दयालदास री ख्यात
- D. नैणसी री ख्यात
Answer: 'दयालदास री ख्यात', जिसे 'बीकानेर रा राठौड़ां री ख्यात' भी कहते हैं, बीकानेर राज्य के राठौड़ वंश के इतिहास का सबसे विस्तृत और प्रामाणिक स्रोत मानी जाती है।
82. किस शिलालेख में ‘विप्रः श्रीवस्तगोत्रेभूत्’ शब्द का उल्लेख हुआ है -
- A. बिजौलिया शिलालेख
- B. घोसुण्डी शिलालेख
- C. घटियाला शिलालेख
- D. मानमोरी शिलालेख
Answer: बिजौलिया शिलालेख में चौहानों को 'वत्सगोत्रीय ब्राह्मण' (विप्रः श्रीवस्तगोत्रेभूत्) बताया गया है, जो उनकी उत्पत्ति के ब्राह्मण वंश के सिद्धांत का आधार है।
83. बिजौलिया शिलालेख के अनुसार चौहान राजवंश का संस्थापक कौन था -
- A. सोमेश्वर
- B. अर्णोराज
- C. वासुदेव
- D. पृथ्वीराज तृतीय
Answer: बिजौलिया शिलालेख के अनुसार, वासुदेव चौहान को चौहान वंश का संस्थापक (आदिपुरुष) माना जाता है, जिसने सांभर झील का निर्माण भी करवाया था।
84. ‘बुद्धिविलास’ पुस्तक के लेखक कौन हैं -
- A. किसना अरहा
- B. बखत राम शाह
- C. बांकी दास
- D. नरोत्तम
Answer: बखतराम शाह द्वारा रचित 'बुद्धिविलास' ग्रंथ से जयपुर शहर की स्थापना और उसकी नगर-निर्माण योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
85. निम्न में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है -लेखक - ग्रंथ(A) सूर्यमल्ल मीसण - वंशोदय(B) पद्मनाम - कान्हड़देव प्रबन्ध (C) करणीदान - सूरज प्रकाश(D) मण्डन - राजवल्लभ
Answer: सूर्यमल्ल मिश्रण ने 'वंश भास्कर' और 'वीर सतसई' जैसे ग्रंथों की रचना की थी, 'वंशोदय' की नहीं। अन्य सभी विकल्प सही सुमेलित हैं।
86. बरली शिलालेख, जो कि अशोक काल से पूर्व का माना जाता है, प्राप्त हुआ है -
- A. अलवर जिले में
- B. अजमेर जिले में
- C. भीलवाड़ा जिले में
- D. टोंक जिले में
Answer: यह शिलालेख, जो राजस्थान का सबसे प्राचीन ज्ञात शिलालेख है, अजमेर जिले के बड़ली गाँव के पास भिलोत माता मंदिर से प्राप्त हुआ था।
87. ‘मुण्डीयार री ख्यात’ किस राजवंश से सम्बन्धित है -
- A. मेवाड़ के सिसोदिया
- B. सिरोही के चौहान
- C. मारवाड़ के राठौड़
- D. बूंदी के हाड़ा
Answer: इस ख्यात में मारवाड़ (जोधपुर) के राठौड़ वंश का प्रारम्भ से लेकर महाराजा जसवंत सिंह तक का इतिहास लिखा गया है।
88. निम्नलिखित में से किसने चार खंडों वाला इतिहास ‘वंश भास्कर’ लिखा था -
- A. सूर्यमल्ल मिश्रण
- B. कविराज श्यामलदास
- C. गोबिंद गंगाधर पांडे
- D. दशोरा दुर्लभ राम
Answer: वंश भास्कर एक विशाल महाकाव्य है जिसकी रचना बूंदी के राजकवि सूर्यमल्ल मिश्रण ने की थी, जिसमें हाड़ा चौहानों का विस्तृत इतिहास है।
89. ढीगला, भीडरिया, नाथद्वारिया है-
- A. मेवाड़ में प्रचलित तांबे के सिक्के
- B. मेवाड़ की दरी पट्टियों के नाम
- C. मेवाड़ की ओढ़नियों के नाम
- D. मेवाड़ के राजस्व करों के नाम
Answer: ढींगला, भीलड़ी, त्रिशूलिया और नाथद्वारिया मेवाड़ रियासत में प्रचलित विभिन्न प्रकार के तांबे के सिक्कों के नाम थे।
90. मण्डौर अभिलेख किस राजा की प्रशस्ति है -
- A. बाउक
- B. अपराजित
- C. शीलादित्य
- D. आदित्यवर्द्धन
Answer: मंडौर (जोधपुर) से प्राप्त 837 ई. का यह अभिलेख प्रतिहार शासक बाउक की प्रशंसा में लिखा गया है और इसमें प्रतिहारों की वंशावली दी गई है।
91. “कंत घरे किम आविया, तेहां रौ घण त्रास।लहँगे मूझ लुकीजियै, बैरी रौ न विसास॥”उपरोक्त दोहा _____ द्वारा लिखा गया था।
- A. जोधराज
- B. सूर्यमल मिश्रण
- C. चंद बरदाई
- D. दलपत विजय
Answer: यह दोहा महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण की प्रसिद्ध कृति 'वीर सतसई' से लिया गया है, जो वीरता और शौर्य की भावना को दर्शाता है।
92. सूरज प्रकाश ग्रंथ में किस राज्य के शासकों की जानकारी मिलती है -
- A. जैसलमेर
- B. जोधपुर
- C. चित्तौड़गढ़
- D. बीकानेर
Answer: 'सूरज प्रकाश' की रचना कवि करणीदान ने की थी। इसमें जोधपुर (मारवाड़) के राठौड़ वंश के शासकों, विशेषकर महाराजा अभय सिंह की उपलब्धियों का वर्णन है।
93. ‘हम्मीर हठ’ नामक ग्रन्थ किसने लिखा -
- A. चन्द्रशेखर
- B. केशवदेव
- C. दलपत
- D. जोधराज
Answer: चंद्रशेखर ने रणथंभौर के चौहान शासक हम्मीर देव के शौर्य और हठ पर आधारित ग्रंथ 'हम्मीर हठ' की रचना की थी।
94. निम्न में से किस रचना में अमीर खुसरो ने चित्तौड़ पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का वर्णन किया है -
- A. खाजाइन-उल-फुतूह
- B. नूह-ए-सिपेहर
- C. तुगलकनामा
- D. मिफ्ता-उल-फुतूह
Answer: अमीर खुसरो, जो इस आक्रमण के समय अलाउद्दीन खिलजी के साथ था, ने अपनी कृति 'खजाइन-उल-फुतूह' (तारीख-ए-अलाई) में चित्तौड़ आक्रमण का आँखों देखा वर्णन किया है।
95. निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख महाराणा कुम्भा के लेखन पर प्रकाश डालता है -
- A. कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
- B. जगन्नाथ राय प्रशस्ति
- C. राज प्रशस्ति
- D. राय सिंह प्रशस्ति
Answer: कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति (1460 ई.) में महाराणा कुम्भा की विजयों के साथ-साथ उनकी उपाधियों और उनके द्वारा रचित ग्रंथों का भी उल्लेख मिलता है, जो उनके लेखन पर प्रकाश डालता है।
96. किस अभिलेख में चौहानों को वत्स गोत्र का ब्राहम्ण कहा गया है -
- A. बिजौलिया अभिलेख
- B. चीरवा शिलालेख
- C. घोसुण्डी शिलालेख
- D. सारणेश्वर प्रशस्ति
Answer: 1170 ई. के बिजौलिया अभिलेख में चौहानों की उत्पत्ति वत्स गोत्र के ब्राह्मण से बताई गई है, जो उनके इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
97. निम्न का मिलान करें : पुस्तक लेखक (A) हम्मीर हाथ I चंद्र शेखर(B) हम्मीर महाकाव्य II नयन चंद्र सूरी(C) कान्हड़-दे परबन्धा III जयनक(D) पृथ्वीराज विजय IV पद्मनाभ
- A. A-I, B-II, C-III, D-IV
- B. A-II, B-I, C-III, D-IV
- C. A-II, B-I, C-IV, D-III
- D. A-I, B-II, C-IV, D-III
Answer: सही मिलान है: हम्मीर हठ - चंद्रशेखर, हम्मीर महाकाव्य - नयनचंद्र सूरी, कान्हड़दे प्रबन्ध - पद्मनाभ, और पृथ्वीराज विजय - जयानक।
98. कौन पृथ्वीराज चौहान तृतीय का दरबारी विद्वान नहीं था -
- A. विद्यापति गौड़
- B. वागीश्वर जर्नादन
- C. विश्वरूप
- D. सारंगधर
Answer: विद्यापति गौड़, वागीश्वर जनार्दन और विश्वरूप पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी विद्वान थे, जबकि सारंगधर का संबंध हम्मीर देव चौहान से है।
99. राजस्थान के कौन से ताम्रपत्र से रानी कर्मवती द्वारा जौहर के प्रमाण मिलते हैं -
- A. आहड ताम्रपत्र
- B. खेरोदा ताम्रपत्र
- C. पुर ताम्रपत्र
- D. चीकली ताम्रपत्र
Answer: पुर ताम्रपत्र (1535 ई.) एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत है जो गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह के आक्रमण के समय रानी कर्मावती द्वारा किए गए जौहर से पहले दिए गए भूमि-अनुदान का प्रमाण प्रस्तुत करता है।
100. निम्नलिखित में से कौन-सा मण्डोर के प्रतिहारों के इतिहास की जानकारी देता है -
- A. सम्भोली अभिलेख
- B. घटियाला अभिलेख
- C. बीजापुर अभिलेख
- D. अरभुना अभिलेख
Answer: घटियाला (जोधपुर) से प्राप्त अभिलेख मंडोर के प्रतिहार शासकों, विशेष रूप से कक्कुक के बारे में जानकारी का एक प्रमुख स्रोत है।