71. सूची-1 को सूची-2 से सुमेलित कीजिये और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिये -सूची-1(राज्य सचिवालय में रैंक)सूची-2(भूमिका/कार्य)अ. शासन सचिव1. कार्यक्रम क्रियान्वयनब. परियोजना अधिकारी2. नीति-निर्माणस. अनुभाग अधिकारी3. सम्पूर्ण पर्यवेक्षणद. सहायक 4. बजट क्रियान्वयन 5. नैत्यक लिपिकीय कार्यकूट - अ, ब, स, द
- A. 1, 4, 2, 3
- B. 2, 1, 3, 5
- C. 2, 4, 3, 1
- D. 1, 3, 4, 5
व्याख्या: सही मिलान है: शासन सचिव (अ) नीति-निर्माण (2) करता है। परियोजना अधिकारी (ब) कार्यक्रम क्रियान्वयन (1) के लिए जिम्मेदार है। अनुभाग अधिकारी (स) अपने अनुभाग का सम्पूर्ण पर्यवेक्षण (3) करता है। सहायक (द) नैत्यक लिपिकीय कार्य (5) करता है।
72. निम्नांकित में से कौन सामाजिक लेखा परीक्षा, जवाबदेही एवं पारदर्शिता सोसायटी (एस.एस.ए.ए.टी.) के शासी निकाय के अध्यक्ष हैं -
- A. वित्त मंत्री
- B. मुख्यमंत्री
- C. मुख्य सचिव
- D. निदेशक, सामाजिक लेखा परीक्षा, जवाबदेही एवं पारदर्शिता सोसायटी (एसं.एस.ए.ए.टी.)
व्याख्या: सामाजिक लेखा परीक्षा, जवाबदेही एवं पारदर्शिता सोसायटी (SSAT) के शासी निकाय (Governing Body) की अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव करते हैं ताकि योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
73. 1963 में, राजस्थान प्रशासनिक सुधार समिति द्वारा सचिवालय के संबंध में दिये सुझावों के बारे में निग्न कथनों पर विचार करें और नीचे दिये गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए -(i) सचिव के पद पर नियुक्ति तीन वर्ष से अधिक के लिये नहीं होनी चाहिए।(ii) सचिव के पद पर केवल योग्यता नियुक्ति का आधार होनी चाहिए, न कि वरिष्ठता।कूट -
- A. (i) और (ii) दोनों सही हैं
- B. केवल (i) सही है
- C. (i) और (ii) दोनों गलत हैं
- D. केवल (ii) सही है
व्याख्या: 1963 की हरीश चंद्र माथुर की अध्यक्षता वाली प्रशासनिक सुधार समिति ने सचिवालय के कामकाज पर कई सुझाव दिए थे, लेकिन ये दोनों विशिष्ट सुझाव (3 वर्ष का निश्चित कार्यकाल और केवल योग्यता) उस रूप में नहीं दिए गए थे जैसा प्रश्न में वर्णित है। समिति ने प्रक्रियाओं में सुधार पर अधिक ध्यान केंद्रित किया था।
74. राजस्थान में मुख्य सचिव के पद पर कितनी महिलाएँ आसीन रह चुकी हैं - (मई 2025 तक)
व्याख्या: मई 2025 तक, राजस्थान में दो महिला मुख्य सचिव रही हैं: पहली, श्रीमती कुशल सिंह (2009) और दूसरी, श्रीमती उषा शर्मा (2022-2024)।
75. राजस्थान की प्रथम महिला जिला प्रमुख थी-
- A. श्रीमती नगेन्द्र बाला
- B. श्रीमती महीमादेवी
- C. जानकी देवी
- D. श्रीमती किशोरी देवी
व्याख्या: श्रीमती नगेंद्र बाला (कोटा) राजस्थान की पहली महिला जिला प्रमुख बनी थीं। वह एक स्वतंत्रता सेनानी भी थीं और बाद में विधायक भी रहीं।
76. राजस्थान की एस.डी.जी. रिपोर्ट किसके द्वारा जारी की जाती है –
- A. आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय
- B. प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग
- C. जनगणना कार्य निदेशालय, राजस्थान
- D. कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग
व्याख्या: राजस्थान की सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals - SDG) रिपोर्ट, जो राज्य की प्रगति को दर्शाती है, आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय, आयोजना विभाग द्वारा तैयार और जारी की जाती है।
77. राजस्थान के मुख्य सचिवों का उनके कार्यकाल के अनुसार सही कालक्रम कौनसा है -
- A. कुशल सिंह, टी. श्रीनिवासन, डी.सी. सामन्त, सलाउद्दीन अहमद
- B. सलाउद्दीन अहमद, टी. श्रीनिवासन, कुशल सिंह, डी. सी. सामन्त
- C. डी.सी. सामन्त, कुशल सिंह, टी. श्रीनिवासन, सलाउद्दीन अहमद
- D. टी. श्रीनिवासन, डी.सी. सामन्त, सलाउद्दीन अहमद, कुशल सिंह
व्याख्या: दिए गए मुख्य सचिवों का सही कार्यकाल क्रम है: डी.सी. सामन्त (2005-2007), कुशल सिंह (2009), टी. श्रीनिवासन (2010), और सलाउद्दीन अहमद (2010-2012)।
78. राजस्थान के निम्नांकित मुख्य सचिवों में से किसका कार्यकाल सबसे कम रहा है -
- A. आनंद मोहनलाल सक्सेना
- B. एच. एम. माथुर
- C. इन्द्रजीत खन्ना
- D. गोपाल कृष्ण भनोत्
व्याख्या: श्री एच. एम. माथुर का कार्यकाल मुख्य सचिव के रूप में बहुत ही छोटा था, जो 16 फरवरी 1986 से 9 मार्च 1986 तक (केवल 22 दिन) का था।
79. राजस्थान में मुख्यमंत्री कार्यालय में डी.सी. सामन्त की नियुक्ति के साथ एक अतिरिक्त मुख्य सचिव का पद कब सृजित किया गया -
- A. 2001
- B. 2004
- C. 2006
- D. 2008
व्याख्या: मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में एक अतिरिक्त मुख्य सचिव का पद 2004 में डी.सी. सामन्त की नियुक्ति के साथ सृजित किया गया था। इसका उद्देश्य मुख्यमंत्री को प्रशासनिक कार्यों में और अधिक सहायता प्रदान करना था।
80. निम्नलिखित में से राजस्थान के किस मुख्य सचिव ने “नॉन स्टोरी ऑफ ए चीफ सेक्रेटरी ड्यूरिंग इमरजेंसी, एट सेट्रा” पुस्तक लिखी -
- A. गोपाल कृष्ण भनोत
- B. मोहन मुखर्जी
- C. मीठालाल मेहता
- D. आर.डी. थापर
व्याख्या: मोहन मुखर्जी, जो 1975-77 के दौरान (आपातकाल के समय) राजस्थान के मुख्य सचिव रहे, ने अपने अनुभवों पर आधारित यह पुस्तक लिखी थी।