131. सवाई जयसिंह द्वारा लिखित “जयसिंह कारिका” नामक ग्रंथ किस विषय से संबंधित है -
- A. ज्योतिष
- B. अर्थशास्त्र
- C. राजनीति
- D. सैन्य-प्रशासन
व्याख्या: “जयसिंह कारिका” ग्रंथ महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा लिखा गया था और यह ज्योतिष शास्त्र से संबंधित है।
132. ‘प्रेम विनोद’ नामक ग्रंथ किसकी रचना है -
- A. अजबदे पंवार
- B. हंसाबाई
- C. छत्र कुंवारी
- D. किरण देवी
व्याख्या: ‘प्रेम विनोद’ नामक ग्रंथ की रचना किशनगढ़ के राजा सावंत सिंह की पुत्री छत्र कुंवरी ने की थी।
133. दलपत विजय द्वारा लिखित ग्रंथ है -
- A. खुम्माण रासो एवं जसवंत रासो
- B. खुम्माण रासो, जसवंत रासो एवं सगत रासो
- C. खुम्माण रासो एवं विजयपल रासो
- D. केवल खुम्माण रासो
व्याख्या: दलपत विजय द्वारा लिखा गया प्रमुख ग्रंथ ‘खुम्माण रासो’ है, जिसमें मेवाड़ के बप्पा रावल से लेकर राजसिंह तक के शासकों का वर्णन मिलता है।
134. ‘बातां री फुलवारी’ (राजस्थान लोक कथाओं का संग्रह) किसके द्वारा लिखी गई है:निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
- A. विजयदान देथा
- B. लक्ष्मी कुमारी
- C. श्री लाल
- D. मालचन्द तिवारी
व्याख्या: ‘बातां री फुलवारी’ राजस्थानी लोक कथाओं का एक प्रसिद्ध संग्रह है, जिसे प्रसिद्ध साहित्यकार विजयदान देथा 'बिज्जी' ने लिखा है।
135. राजस्थानी उपन्यास और नाटक के प्रथम लेखक कौन थे? (निम्न में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें)
- A. नेमी चरण भारतीय
- B. देवी चरण भारतीय
- C. शिव कुमार भारतीय
- D. शिव चन्द्र भारतीय
व्याख्या: शिवचंद्र भरतिया (भारतीय) को आधुनिक राजस्थानी साहित्य का अग्रदूत माना जाता है। उन्हें राजस्थानी का पहला उपन्यासकार ('कनक सुंदरी') और पहला नाटककार ('केसर विलास') होने का श्रेय प्राप्त है।
136. ‘ढोला-मारू-री-वात’ किसके द्वारा लिखी गई थी -
- A. नयनचन्द्र सूरी
- B. खुशाल चन्द्र
- C. बप्पा भट्टी सूरी
- D. श्रृंगारदेवी
व्याख्या: जबकि 'ढोला मारू रा दूहा' के रचयिता कवि कल्लोल हैं, 'ढोला-मारू-री-वात' (गद्य रचना) के लेखक खुशाल चंद्र (कुशललाभ) माने जाते हैं।
137. “एक बीनणी दो बीन” उपन्यास के लेखक कौन हैं -
- A. हरीश भदानी
- B. चन्द्र प्रकाश देवल
- C. नथमल जोशी
- D. अन्नाराम सुदामा
व्याख्या: “एक बीनणी दो बीन” प्रसिद्ध राजस्थानी उपन्यासकार श्रीलाल नथमल जोशी की एक चर्चित कृति है।
138. राव जैतसी रो छंद की रचना किसने की -
- A. गौरीशंकर हीराचंद ओझा
- B. कन्हैया लाल सेठिया
- C. सूजाजी
- D. शारंगधर
व्याख्या: ‘राव जैतसी रो छंद’ की रचना बीठू सूजा जी ने की थी। यह डिंगल भाषा का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
139. ‘राजस्थानी रामायण’ का रचनाकार किसे माना जाता है -
- A. सहजोबाई
- B. समर्थनदास मनीषी
- C. समयसुन्दर
- D. सीताराम केसरिया
व्याख्या: जैन कवि समयसुन्दर को 'राजस्थानी रामायण' का रचनाकार माना जाता है। उन्होंने रामकथा को राजस्थानी में काव्यात्मक रूप दिया।
140. कुवलयमाला नामक कथा संग्रह में कितनी देशी भाषाओं के नामों का उल्लेख हुआ है -
व्याख्या: उद्योतन सूरि द्वारा रचित ग्रंथ ‘कुवलयमाला’ में 18 विभिन्न देशी भाषाओं का उल्लेख है, जिनमें से एक 'मरु-भाषा' भी है।