141. अधोलिखित को सुमेलित कीजिए :लेखक ग्रंथI. श्रीधर A. रणमल्ल छंदII. नरपति नाल्ह B. विजयपाल रासोIII. नल्ल सिंह C. बीसलदेव रासोIV. बादर D. वीरमायणसही कूट का चुनाव कीजिए :I II III IV
- A. A B C D
- B. D B C A
- C. A C B D
- D. D C B A
व्याख्या: सही मिलान इस प्रकार है: श्रीधर - रणमल्ल छंद, नरपति नाल्ह - बीसलदेव रासो, नल्ल सिंह - विजयपाल रासो, बादर - वीरमायण।
142. ‘खुमाण रासो’ का रचनाकार कौन था -
- A. जाचिक जीवण
- B. दलपत
- C. जोधराज
- D. ईसरदास
व्याख्या: ‘खुमाण रासो’ के रचनाकार दलपत विजय थे। इस ग्रंथ में मेवाड़ के शासकों की वंशावली और उनके युद्धों का वर्णन है।
143. राजस्थानी साहित्य में “परची”/“परिचयी” व्यंजित करता है -
- A. संतों का जीवन चरित
- B. शासकों के वीरतापूर्ण कृत्यों का वृत्तान्त
- C. शासकों की वंशावली
- D. यात्रा वृत्तान्त
व्याख्या: राजस्थानी साहित्य में “परची” या “परिचयी” वह विधा है जिसमें किसी संत के जीवन, उनके उपदेशों और चमत्कारों का वर्णन होता है।
144. ‘किरतार बावनी’ के लेखक हैं -
- A. गिरधर
- B. नल्लसिंह
- C. दुरसा आढ़ा
- D. करणीदान
व्याख्या: ‘किरतार बावनी’ के लेखक कवि दुरसा आढ़ा हैं। उन्होंने इस रचना में तत्कालीन सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का चित्रण किया है।
145. एल. पी. टैसीटोरी संबंधित है -
- A. चारण साहित्य से
- B. राजस्थानी चित्रकला से
- C. ग्रामीण ढांचागत विकास से
- D. राजस्थान के स्वतंत्रता आंदोलन से
व्याख्या: इटली के विद्वान लुइगी पियो टेसिटोरी (L.P. Tessitori) ने राजस्थान में रहकर चारण साहित्य पर महत्वपूर्ण शोध और सर्वेक्षण का कार्य किया।
146. पाण्डुलिपियों का संपादन एवं प्रकाशन का कार्य मुख्यतः किसका है -
- A. प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय जयपुर
- B. राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर
- C. राजस्थान पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जयपुर
- D. प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान जोधपुर
व्याख्या: प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर का मुख्य कार्य प्राचीन पांडुलिपियों की खोज, उनका संरक्षण, संपादन और प्रकाशन करना है।
147. अमर चूनड़ी कहाणी - संग्रह रा रचनाकार है -
- A. सत्यनारायण सोनी
- B. नृसिंह राजपुरोहित
- C. मूलचंद प्राणेस
- D. नानूराम संस्कर्ता
व्याख्या: 'अमर चूनड़ी' नामक कहानी संग्रह के रचनाकार प्रसिद्ध राजस्थानी साहित्यकार नृसिंह राजपुरोहित हैं।
148. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये और सूचियों के नीचे किये गये कूट का प्रयोग करके सही उत्तर को चुनिये :सूची-I (पुस्तकें) सूची-II (लेखक)(a) हम्मिरायण (i) चारण शिवदास(b) रणमल रौ छन्द (ii) बीठू सूजा(c) अचलदास खींची री वचनिका (iii) पद्मनाभ(d) राव जैतसी रौ छन्द (iv) श्रीधर व्यासकूट : (a) (b) (c) (d)
- A. (iii) (iv) (i) (ii)
- B. (i) (ii) (iii) (iv)
- C. (ii) (iii) (iv) (i)
- D. (iv) (i) (iii) (ii)
व्याख्या: यह प्रश्न विकल्पों में त्रुटिपूर्ण है। सही मिलान है: हम्मिरायण - भांडउ व्यास, रणमल रौ छन्द - श्रीधर व्यास, अचलदास खींची री वचनिका - शिवदास गाडण, राव जैतसी रौ छन्द - बीठू सूजा। दिए गए विकल्पों में कोई भी सही नहीं है। प्रश्न में 'पद्मनाभ' दिया गया है जबकि 'हम्मीरायण' के लेखक 'भांडउ व्यास' हैं।
149. ‘ढोला मारु रा दूहा’ कृति रे नायक ढोला रो असल नांव कांई हो -
- A. नळ
- B. पिंगल
- C. नरवर
- D. साल्हकुमार
व्याख्या: ‘ढोला मारू रा दूहा’ लोकगाथा के नायक ढोला का वास्तविक नाम साल्हकुमार था, जो नरवर के राजा नळ के पुत्र थे।
150. ‘हम्मीरमदमर्दन’ नामक साहित्यिक कृति के लेखक कौन है -
- A. रूपक
- B. जयसिंह
- C. रत्नाकर
- D. गुणभाष
व्याख्या: ‘हम्मीरमदमर्दन’ नामक नाटक के लेखक जयसिंह सूरी हैं, जिसमें रणथम्भौर के शासक हम्मीर देव चौहान की वीरता का गुणगान है।