191. 19वीं शताब्दी के किस कवि को दरबारी चाटुकारिता से दूर रहकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ लिखने के लिए ‘लोक - कवि’ कहकर पुकारा जाता है -
- A. दयाल दास
- B. श्यामल दास
- C. बांकीदास
- D. शंकरदान सामोर
व्याख्या: शंकरदान सामोर ने अपनी कविताओं के माध्यम से ब्रिटिश शासन का कड़ा विरोध किया, जिसके कारण उन्हें 'लोक-कवि' के रूप में प्रसिद्धि मिली।
192. साहित्य एवं साहित्यकार के युग्म में से असंगत छांटिए –
- A. राजप्रकाश – किशोरदास
- B. राजवल्लभ – महाराणा कुंभा
- C. अमरसार – पं. जीवाधर
- D. पाबू प्रकाश – मोड़जी आशिया
व्याख्या: यह युग्म असंगत है क्योंकि 'राजवल्लभ' ग्रंथ के रचयिता महाराणा कुंभा के शिल्पी मंडन थे, न कि स्वयं महाराणा कुंभा।
193. सप्तकिरण से अभिप्राय है –
- A. पद्य / कविता
- B. युद्ध अभ्यास
- C. प्राकृतिक स्थल
- D. परिधान
व्याख्या: 'सप्तकिरण' का साहित्यिक संदर्भ में उपयोग अक्सर पद्य या कविताओं के संग्रह के लिए किया जाता है, जो विभिन्न विषयों पर प्रकाश डालता है।
194. निम्न में से कौनसा युग्म असंगत है -
- A. कामराज रतिसार - महाराण कुंभा
- B. एकलिंगमहात्म्य - कान्हा व्यास
- C. वैद्य मंडन - चरक
- D. कोदण्ड मंडन - मंडन
व्याख्या: 'वैद्य मंडन' की रचना शिल्पी मंडन ने की थी, जबकि चरक 'चरक संहिता' के लिए प्रसिद्ध हैं। इसलिए यह युग्म गलत है।
195. भीनमाल, महान संस्कृत कवि ______ का जन्मस्थल है।
- A. कालिदास
- B. माघ
- C. पाणिनि
- D. भास
व्याख्या: प्रसिद्ध संस्कृत महाकाव्य 'शिशुपाल वध' के रचयिता महाकवि माघ का जन्म राजस्थान के भीनमाल में हुआ था।
196. “बीसलदेव रासो” की मुख्य महिला पात्र निम्नलिखित में से कौन सी है -
- A. इन्दुमति
- B. राजमति
- C. पद्मिनी
- D. देवल देवी
व्याख्या: 'बीसलदेव रासो' की कहानी राजा बीसलदेव (विग्रहराज चतुर्थ) और उनकी रानी राजमती के प्रेम, वियोग और पुनर्मिलन पर केंद्रित है।
197. जैन कवि समयसुन्दर री रचना नीं हैं -
- A. सीताराम चौपाई
- B. मृगावती रास
- C. नल दमयन्ती चौपाई
- D. पद्मिनी चरित चौपाई
व्याख्या: 'पद्मिनी चरित चौपाई' की रचना लब्धोदय ने की थी, न कि जैन कवि समयसुन्दर ने।
198. वंशावलियों का पीढ़ी-दर-पीढ़ी लेखन करने वाला कौन वर्ग था -
- A. जागा
- B. पुजारी
- C. महाजन
- D. उपरोक्त सभी
व्याख्या: जागा समुदाय के लोग परंपरागत रूप से विभिन्न वंशों और कुलों की वंशावलियों को लिखने और उनका रिकॉर्ड रखने का कार्य करते थे।
199. वै कुणसा कवि है जकां री भगति अर चमत्कार री वजै सूं लोग बांनै ‘परमेसर’ रै समान बतावण लागा हा -
- A. बारहठ ईसरदास
- B. राठौड़ पृथ्वीराज
- C. सायांजी झूला
- D. माधोदास दधवाड़िया
व्याख्या: बारहठ ईसरदास अपनी गहन भक्ति और चमत्कारों के लिए इतने प्रसिद्ध थे कि लोग उन्हें ईश्वर (परमेसर) का अवतार मानने लगे थे।
200. हाड़ौती अंचल रा चावा गीतकार है -
- A. रेवंतदान चारण
- B. चन्द्रसिंह हाड़ा
- C. रघुराजसिंह हाड़ा
- D. गणेशलाल व्यास
व्याख्या: रघुराजसिंह हाड़ा को हाड़ौती क्षेत्र के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय गीतकार के रूप में जाना जाता है।