31. राजस्थानी रा पैला कहाणीकार किणनैं मान्या जावै -
- A. बैजनाथ पंवार
- B. शिवचन्द भरतिया
- C. दामोदर शर्मा
- D. श्रीलाल नथमल जोशी
व्याख्या: शिवचन्द भरतिया को राजस्थानी का पहला कहानीकार, पहला नाटककार और पहला उपन्यासकार माना जाता है। उनकी कहानी 'विश्रांत प्रवास' पहली राजस्थानी कहानी मानी जाती है।
32. ‘शिशुपाल वधम्’ संस्कृत महाकाव्य के रचयिता महाकवि माघ का निवास स्थान था -
- A. सिरोही
- B. भीनमाल
- C. आबू
- D. रणकपुर
व्याख्या: संस्कृत के प्रसिद्ध महाकवि माघ, जिन्होंने 'शिशुपाल वधम्' की रचना की, राजस्थान के भीनमाल (जालौर) के निवासी थे।
33. ‘जिन भद्र सूरि ग्रंथ भण्डार’ राजस्थान में किस जिले में संरक्षित है -
- A. चित्तौड़गढ़
- B. जोधपुर
- C. जालौर
- D. जैसलमेर
व्याख्या: ‘जिनभद्र सूरि ग्रंथ भंडार’ जैसलमेर दुर्ग में स्थित एक भूमिगत पुस्तकालय है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे बड़े जैन पांडुलिपि भंडारों में से एक है।
34. कुवलयमाला में कितनी देशी भाषाओं का उल्लेख है -
व्याख्या: उद्योतन सूरि द्वारा रचित ग्रंथ ‘कुवलयमाला’ में 18 देशी भाषाओं का उल्लेख मिलता है, जिसमें 'मरु-भाषा' (मारवाड़ी) भी शामिल है।
35. 'मधुमती' पत्रिका का प्रकाशन निम्नलिखित विकल्पों में से कहाँ से होता है?
- A. राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर
- B. राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर
- C. राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, जयपुर
- D. राजस्थान ब्रज भाषा अकादमी, जयपुर
व्याख्या: 'मधुमती' राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर की मासिक पत्रिका है। यह हिंदी साहित्य की एक प्रतिष्ठित पत्रिका है।
36. ‘कुवलयमाला’ ग्रंथ में उल्लिखित क्षेत्रीय भाषाओं की संख्या है -
व्याख्या: जैन आचार्य उद्योतन सूरि द्वारा रचित ‘कुवलयमाला’ ग्रंथ में कुल 18 क्षेत्रीय भाषाओं का उल्लेख किया गया है।
37. ‘दयालदास री ख्यात’ में किस रियासत के शासकों का वर्णन है -
- A. जोधपुर
- B. बीकानेर
- C. जैसलमेर
- D. जयपुर
व्याख्या: ‘दयालदास री ख्यात’ में बीकानेर के राठौड़ वंश के शासकों का विस्तृत वर्णन मिलता है। इसकी रचना दयालदास सिंचायच ने की थी।
38. निम्नलिखित में से कौनसा युग्म (पुस्तक-लेखक) असंगत हैं -
- A. देश दर्पण - शंकरदान सामौर
- B. सूरज प्रकाश - करणीदान
- C. किरतार बावनी - कवि ईसरदास
- D. रघुनाथ रूपक - मंछाराम सेवग
व्याख्या: 'किरतार बावनी' के लेखक दुरसा आढ़ा हैं, न कि कवि ईसरदास। अन्य सभी युग्म सही सुमेलित हैं।
39. ‘विरुद्ध छिहत्तरी’ रा रचनाकार रो नांव है -
- A. श्रीधर व्यास
- B. राठौड़ पृथ्वीराज
- C. दुरसा आढ़ा
- D. सूर्यमल्ल मीसण
व्याख्या: ‘विरुद्ध छिहत्तरी’ (विरुद छहतरी) के रचनाकार कवि दुरसा आढ़ा हैं। इसमें उन्होंने महाराणा प्रताप की प्रशंसा में 76 दोहे लिखे हैं।
40. ‘बातां री फुलवारी’ नामक ग्रंथ के लेखक कौन थे -
- A. श्रीधर
- B. विजयदान देथा
- C. रांगेय राघव
- D. भरत व्यास
व्याख्या: ‘बातां री फुलवारी’ राजस्थानी लोक कथाओं का एक प्रसिद्ध संग्रह है, जिसके लेखक विजयदान देथा 'बिज्जी' हैं। यह ग्रंथ 14 खंडों में विभक्त है।