21. निम्नलिखित मेलों का मिलान उनके संबंधित स्थान से होता है -मेलास्थान1. गोपेश्वर मेलाA. आशपुर, डूंगरपुर2. बाणेश्वर मेलाB. घाटोल, बांसवाड़ा3. बाबू महाराज मेलाC. कोलायत, बीकानेर4. कपिल मुनि मेलाD. बदी, धौलपुर
- A. 1-A, 2-B, 3-C, 4-D
- B. 1-B, 2-A, 3-C, 4-D
- C. 1-B, 2-A, 3-D, 4-C
- D. 1-A, 2-B, 3-D, 4-C
व्याख्या: सही मिलान है: गोपेश्वर मेला - घाटोल (बांसवाड़ा), बाणेश्वर (बेणेश्वर) मेला - आशपुर के पास नवाटापरा (डूंगरपुर), बाबू महाराज मेला - बाड़ी (धौलपुर), और कपिल मुनि मेला - कोलायत (बीकानेर)।
22. ‘लांगुरिया’ गीत किस मेले का आकर्षण है -
- A. जीण माता का मेला
- B. रामदेवजी का मेला
- C. शीतला माता का मेला
- D. कैलादेवी का मेला
व्याख्या: लांगुरिया गीत और नृत्य करौली में आयोजित होने वाले कैलादेवी के मेले का मुख्य आकर्षण हैं, जो भक्तों द्वारा देवी की आराधना में किए जाते हैं।
23. निम्नलिखित में से कौन-सा मेला वर्ष में तीन बार आयोजित होता है -
- A. भर्तृहरि का मेला
- B. डिग्गी कल्याण जी का मेला
- C. सीताबाड़ी का मेला
- D. धींगा गवर का बेंतमार मेला
व्याख्या: टोंक जिले में डिग्गी कल्याण जी का मेला वर्ष में तीन बार - श्रावण मास की अमावस्या, वैशाख पूर्णिमा और भाद्रपद शुक्ल एकादशी को आयोजित होता है।
24. तेजाजी पशु मेला आयोजित होता है -
- A. मेड़ता
- B. परबतसर
- C. गोगामेड़ी
- D. तिलवाड़ा
व्याख्या: आय की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला, वीर तेजाजी पशु मेला, नागौर जिले के परबतसर में आयोजित होता है।
25. “आदिवासियों का कुंभ” राजस्थान के कौन से मेले को कहा जाता है -
- A. बेणेश्वर मेला
- B. कैला देवी मेला
- C. जीणमाता मेला
- D. डिग्गी मेला
व्याख्या: डूंगरपुर में सोम-माही-जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम पर लगने वाले बेणेश्वर मेले को 'आदिवासियों का कुंभ' कहा जाता है।
26. निम्न में से कौनसा मेला लुनी नदी के किनारे भरता है -
- A. लोहार्गत मेला
- B. थार महोत्सव
- C. मल्लीनाथ पशु मेला
- D. मेवाड़ महोत्सव
व्याख्या: मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा में लूनी नदी के तट पर आयोजित किया जाता है।
27. चन्द्रभागा मेले का आयोजन किस जिले में होता है-
- A. बारां
- B. चितोड़गढ़
- C. झालावाड़
- D. बांसवाडा़
व्याख्या: यह प्रसिद्ध मेला और पशु मेला झालावाड़ जिले के झालरापाटन में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होता है।
28. केसरियाजी का मेला कहाँ भरता है -
- A. परबतसर में
- B. किराडू में
- C. झालरापाटन में
- D. धुलेव में
व्याख्या: प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव जी का यह प्रसिद्ध मेला उदयपुर जिले के धुलेव गांव में भरता है। इन्हें केसरियाजी या कालाजी के नाम से भी जाना जाता है।
29. राजस्थान में सीताबाड़ी मेला किस कस्बे के निकट आयोजित होता है -
- A. नोखा
- B. तिलवाड़ा
- C. केलवाडा
- D. कोलायत
व्याख्या: सीताबाड़ी मेला, जिसे सहरिया जनजाति का कुंभ कहते हैं, बारां जिले के शाहबाद उपखंड के केलवाड़ा कस्बे के पास आयोजित होता है।
30. ‘सीताबाड़ी आदिवासियों का मेला’ किस जिले में लगता है -
- A. बारां
- B. भरतपुर
- C. जयपुर
- D. बांसवाड़ा
व्याख्या: यह मेला बारां जिले में लगता है और यह विशेष रूप से सहरिया जनजाति की संस्कृति और आस्था का केंद्र है।