51. मल्लीनाथ पशु मेला आयोजित होता है -
- A. झालरापाटन में
- B. सवाई माधोपुर में
- C. परबतसर में
- D. तिलवाड़ा में
व्याख्या: यह राजस्थान का सबसे प्राचीन पशु मेला है, जो तिलवाड़ा (बालोतरा) में आयोजित होता है।
52. निम्न में से असंगत है -
- A. न्हाण उत्सव - कोटा
- B. हाथी महोत्सव - आमेर
- C. बैलून महोत्सव - बाड़मेर
- D. एडवेंचर महोत्सव - जयपुर
व्याख्या: एडवेंचर स्पोर्ट्स या महोत्सव का आयोजन मुख्य रूप से कोटा और बूंदी में किया जाता है, न कि जयपुर में।
53. मल्लीनाथजी पशु मेला कब प्रारम्भ होता है -
- A. चैत्र शुक्ल एकादशी
- B. चैत्र कृष्ण नवमी
- C. चैत्र अमावस्या
- D. चैत्र कृष्ण एकादशी
व्याख्या: मल्लीनाथजी पशु मेला चैत्र कृष्ण एकादशी से प्रारम्भ होकर चैत्र शुक्ल एकादशी तक चलता है।
54. पुष्कर पशु मेला कब आयोजित किया जाता है -
- A. चैत्र के माह में
- B. कार्तिक के माह में
- C. आषाढ़ के माह में
- D. भाद्रपद के माह में
व्याख्या: पुष्कर का प्रसिद्ध पशु मेला प्रतिवर्ष कार्तिक माह में (कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक) आयोजित होता है।
55. किसकी स्मृति में तिलवाड़ा का पशु मेला आयोजित होता है -
- A. गोगाजी
- B. पाबूजी
- C. मल्लिनाथजी
- D. तेजाजी
व्याख्या: तिलवाड़ा का पशु मेला लोक देवता मल्लिनाथजी की स्मृति में आयोजित होता है।
56. चन्द्रभागा का प्रसिद्ध मेला कहां लगता है -
- A. बूंदी
- B. पुष्कर
- C. केशोराय पाटन
- D. झालरा पाटन
व्याख्या: यह प्रसिद्ध मेला झालावाड़ जिले के झालरापाटन में लगता है, जो हाड़ौती का सुरंगा मेला भी कहलाता है।
57. सूची-I व सूची-II को सुमेल करते हुए सही उत्तर लिखिए:सूची-I सूची-IIA. देवनारायण मेला 1. भाद्रपद शुक्ल द्वितीयाB. रामदेवजी मेला 2. भाद्रपद शुक्ल नवमीC. वीर फत्ताजी मेला 3. भाद्रपद शुक्ल सप्तमीD. तेजाजी मेला 4. भाद्रपद शुक्ल दशमीकोड : A B C D
- A. 3 1 2 4
- B. 4 2 1 3
- C. 2 3 1 4
- D. 2 4 3 1
व्याख्या: सही मिलान है: देवनारायण मेला (भाद्रपद शुक्ल सप्तमी), रामदेवजी मेला (भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से), वीर फत्ताजी मेला (भाद्रपद शुक्ल नवमी), और तेजाजी मेला (भाद्रपद शुक्ल दशमी)।
58. राजस्थान के रूणेचा के मेले की वह विशेषता जो सुखी समाज के लिए आवश्यक है -
- A. सत्य बोलना
- B. निरन्तर ईश्वर स्मरण
- C. स्वच्छता से रहना
- D. साम्प्रदायिक सद्भाव
व्याख्या: रामदेवरा (रूणेचा) का मेला हिंदू-मुस्लिम एकता और साम्प्रदायिक सद्भाव का एक अनूठा प्रतीक है, जहाँ दोनों समुदायों के लोग समान श्रद्धा से आते हैं।
59. कुंभ मेले का लघु मरूस्थलीय रूप किस जिले में आयोजित होता है-
- A. बीकानेर
- B. बाड़मेर
- C. जोधपुर
- D. जैसलमेर
व्याख्या: बाड़मेर जिले के चौहटन में लगने वाले सुईयां मेले को 'मरुस्थल का अर्द्धकुम्भ' कहा जाता है। यह हर 12 वर्ष बाद सोमवती अमावस्या पर लगता है।
60. चन्द्र मीणा पर विजय का उत्सव मनाने के लिए कछवाहों द्वारा कौन-सा मेला शुरू किया गया -
- A. खलकणी माता डंकी मेला
- B. डिग्गी कल्याण जी मेला
- C. भार्तृहरि मेला
- D. पुष्कर मेला
व्याख्या: स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, जयपुर के पास लगने वाले खलकाणी माता मेले का संबंध कछवाहा वंश की ऐतिहासिक घटनाओं से जोड़ा जाता है।