61. तेजाजी का मेला आयोजित किया जाता है -
- A. गोठ मांगलोद
- B. डेगाना
- C. मेड़ता
- D. परबतसर
व्याख्या: वीर तेजाजी का मुख्य पशु मेला नागौर जिले के परबतसर नामक स्थान पर आयोजित किया जाता है।
62. गोमती सागर पशु मेले का आयोजन निम्नलिखित में से किस स्थान पर होता है -
- A. बूंदी
- B. कोटा
- C. उदयपुर
- D. झालरापाटन
व्याख्या: गोमती सागर पशु मेला, जो मालवी नस्ल के पशुओं के लिए प्रसिद्ध है, झालावाड़ के झालरापाटन में आयोजित होता है।
63. कल्याणजी का मेला कहां आयोजित होता है -
- A. जयपुर
- B. आमेर
- C. फालना
- D. डिग्गी
व्याख्या: प्रसिद्ध कल्याणजी का मेला टोंक जिले की मालपुरा तहसील के डिग्गी नामक स्थान पर आयोजित होता है।
64. शाहपुरा-भीलवाड़ा में आयोजित होने वाला रामस्नेही सम्प्रदाय का फूलडोल मेला आयोजित होता है -
- A. रंगपंचमी को
- B. ऋषि पंचमी को
- C. बसन्त पंचमी को
- D. नाग पंचमी को
व्याख्या: फूलडोल मेला चैत्र कृष्ण प्रतिपदा (होली के अगले दिन) से चैत्र कृष्ण पंचमी (रंगपंचमी) तक आयोजित होता है।
65. तेजाजी की स्मृति में राजस्थान में किस स्थान पर एक पशु मेला लगता है -
- A. देशनोक
- B. आसींद
- C. परबतसर
- D. तिलवाड़ा
व्याख्या: लोकदेवता तेजाजी की स्मृति में एक विशाल पशु मेला नागौर के परबतसर में आयोजित किया जाता है।
66. किस लोक-संत की स्मृति में प्रतिवर्ष चैत्र अमावस्या को जोधपुर के कोलू अथवा कोलूमंड ग्राम में विशाल मेला लगता है -
- A. रामदेवजी
- B. पीपाजी
- C. पाबूजी
- D. तेजाजी
व्याख्या: कोलूमंड गाँव लोकदेवता पाबूजी का जन्म स्थान है और यहीं पर उनकी स्मृति में चैत्र अमावस्या को मेला भरता है।
67. राजस्थान का कौन-सा मेला राजस्थानी जनजातियों का कुम्भ कहलाता है -
- A. शीतला माता मेला
- B. कपिल मुनि मेला
- C. बेणेश्वर मेला
- D. करणी माता मेला
व्याख्या: डूंगरपुर का बेणेश्वर मेला राजस्थान की जनजातियों, विशेषकर भील समुदाय का सबसे बड़ा मेला है, जिसे 'आदिवासियों का कुंभ' कहते हैं।
68. अन्नकूट मेला आयोजित होता है -
- A. चारभुजा
- B. किशनगढ़
- C. चित्तौड़गढ़
- D. नाथद्वारा
व्याख्या: अन्नकूट महोत्सव या मेला दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा पर राजसमंद जिले के नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर में आयोजित होता है।
69. ‘कैलादेवी’ का मेला कब लगता है -
- A. चैत्र-कृष्ण पक्ष
- B. चैत्र-शुक्ल पक्ष
- C. वैशाख-शुक्ल पक्ष
- D. वैशाख-कृष्ण पक्ष
व्याख्या: करौली में कैलादेवी का लक्खी मेला प्रतिवर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में, विशेषकर अष्टमी तिथि को, आयोजित होता है।
70. राजस्थान का वह मेला जो दीपदान के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है -
- A. घुश्मेश्वर मेला
- B. भर्तृहरि मेला
- C. कैलादेवी मेला
- D. चन्द्रभागा मेला
व्याख्या: झालावाड़ के झालरापाटन में कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाला चन्द्रभागा मेला पवित्र स्नान और दीपदान के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।