81. उनियारा चित्रकला शैली, चित्रकला की किन शैलियों का मिश्रण है -
- A. जयपुर और बूंदी शैली
- B. अलवर और कोटा शैली
- C. कोटा और आमेर शैली
- D. बीकानेर और आमेर शैली
व्याख्या: उनियारा शैली, जो ढूंढाड़ स्कूल की उपशैली है, पर जयपुर और बूंदी दोनों शैलियों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
82. पशुपक्षियों को महत्व देने वाली चित्र शैली है -
- A. किशनगढ़
- B. बुन्दी
- C. जयपुर
- D. मेवाड़
व्याख्या: बूंदी चित्रकला शैली अपने प्रकृति चित्रण के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें पशु-पक्षियों और सघन वनस्पतियों का सुंदर चित्रण किया गया है।
83. कवि एवं चित्रकार नागरीदास के रूप में कौन प्रसिद्ध था -
- A. राजा कृष्ण देव
- B. राजा वृन्दावनदास
- C. राजा सावन्त सिंह
- D. राणा कुम्भा
व्याख्या: किशनगढ़ के राजा सावंत सिंह भगवान कृष्ण के भक्त थे और 'नागरीदास' के उपनाम से कविता लिखते थे।
84. कथन अ: राजस्थानी चित्रशैलियों की विषयवस्तु मुख्यतः धार्मिक है।कारण ब: राजस्थान का समाज धार्मिकता की भावना से ओतप्रोत है।
- A. अ व ब दोनों सही हैं।
- B. ब सही हैं, और अ गलत है।
- C. अ और ब दोनों सही हैं, किन्तु ब, अ की ठीक व्याख्या करता है।
- D. अ और ब दोनों सही हैं, किन्तु ब, अ की ठीक व्याख्या नहीं करता।
व्याख्या: राजस्थानी समाज की गहरी धार्मिक आस्था के कारण ही यहाँ की चित्रकला में कृष्ण-लीला, रामायण और अन्य धार्मिक विषय प्रमुख रहे हैं। इसलिए, कथन और कारण दोनों सही हैं और कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
85. ‘पिछवाई’ कलाकृतियों में बने चित्र उद्धृत किए गए हैं –
- A. भगवान राम के जीवन से
- B. पांडवों के जीवन से
- C. भगवान कृष्ण के जीवन से
- D. भगवान शिव के जीवन से
व्याख्या: पिछवाई कला में मुख्य रूप से भगवान कृष्ण (श्रीनाथजी) की बाल लीलाओं और जीवन प्रसंगों का चित्रण किया जाता है।
86. किशनगढ़ शैली का प्रसिद्ध चित्रकार था -
- A. नंदलाल
- B. जमनादास
- C. नागरीदास
- D. हसन
व्याख्या: नागरीदास (राजा सावंत सिंह) स्वयं एक कवि और कला प्रेमी थे और किशनगढ़ शैली के मुख्य संरक्षक थे। दिए गए विकल्पों में वे सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। हालांकि, मुख्य चित्रकार निहालचंद थे।
87. चाँद, तैय्यब, रामसिंह भाटी, साहिबा एवं उस्ना चित्रकार निम्न में से किस चित्र शैली से सम्बन्धित हैं -
- A. देवगढ़
- B. अजमेर
- C. शाहपुरा
- D. जैसलमेर
व्याख्या: ये सभी चित्रकार अजमेर चित्रकला शैली से जुड़े हुए हैं, जो एक स्थानीय और दरबारी शैली थी।
88. निम्नलिखित में से किस शासक के काल में साहिबराम ने ‘आदमकद चित्र’ बनाने की परम्परा की शुरुआत की -
- A. अनिरुद्ध सिंह, बूँदी
- B. रामसिंह, कोटा
- C. विनयसिंह, अलवर
- D. ईश्वरी सिंह, जयपुर
व्याख्या: चित्रकार साहिबराम ने जयपुर के महाराजा ईश्वरी सिंह के शासनकाल में उनके आदमकद चित्र बनाकर इस परंपरा की शुरुआत की।
89. किस क्षेत्र को राजस्थानी चित्रकला का जन्मस्थान माना जाता है -
- A. मारवाड़
- B. मेवाड़
- C. ढूंढाड़
- D. हाड़ौती
व्याख्या: मेवाड़ को राजस्थानी चित्रकला की मूल शैली या जन्मस्थान माना जाता है क्योंकि यहीं से सबसे पुराने चित्रित ग्रंथ मिले हैं।
90. ‘बणी-ठणी’ चित्र किस शैली का है -
- A. मेवाड़
- B. बूंदी
- C. बीकानेर
- D. किशनगढ़
व्याख्या: 'बणी-ठणी' किशनगढ़ चित्रकला शैली का विश्व प्रसिद्ध चित्र है, जिसे निहालचंद ने बनाया था।