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राजस्थान की हस्तकला

Rajasthan Arts and Culture - राजस्थान की हस्तकला
141. निम्न में से हस्त उद्योग का कौन सा केन्द्र है-
  • A. हनुमानगढ़
  • B. झालावाड़
  • C. सांगानेर
  • D. दौसा
142. ‘तारकशी’ के आभूषण (जेवर ) किस स्थान के प्रसिद्ध हैं -
  • A. उदयपुर
  • B. नाथद्वारा
  • C. चित्तौड़गढ़
  • D. बाड़मेर
143. राजस्थानी में ‘मोजड़ी’ शब्द का अर्थ है -
  • A. साड़ी
  • B. खेल
  • C. पक्षी
  • D. जूतियां
144. ब्ल्यू पोटरी – जयपुर से सम्बन्धित शिल्पकार का नाम है :
  • A. अबरार अहमद
  • B. राजेश गोधा
  • C. अनुराधा जांगीड़
  • D. नरोत्तम जांगीड़
145. निम्न को सुमेलित कीजिए-अ. कठपुतलियां1. उदयपुरब. नांदणे2. भीलवाड़ास. तलवार3. सिरोहीद. बादला4. जोधपुरकूट अ, ब, स, द
  • A. 1324
  • B. 1234
  • C. 2134
  • D. 1342
146. तारकशी के आभूषण के लिये राजस्थान का कौनसा स्थान प्रसिद्ध है -
  • A. नाथद्वारा
  • B. चित्तौड़गढ़
  • C. बाड़मेर
  • D. उदयपुर
147. राजस्थान की प्रसिद्ध लोक कला “बेवाण” है -
  • A. खादी के कपड़े पर लोक देवता के जीवन को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करना।
  • B. लकड़ी से निर्मित सिंहासन जिस पर ठाकुरजी की मूर्ति को श्रृंगारित करके बैठाया जाता है।
  • C. लकड़ी से निर्मित तलवारनुमा आकृति जिसका उपयोग रामलीला नाटक में किया जाता है।
  • D. कपाटों युक्त लकड़ी से निर्मित मंदिरनुमा आकृति।
148. नमदा राजस्थान का एक स्थानीय शब्द है। यह एक प्रकार का ऊनी कपड़ा है जिसका उपयोग फर्शकवरिंग के लिए किया जाता है और इसका उत्पादन मुख्यतः टोंक में होता है। नमदा बनाने की कला राजस्थान की नहीं है। इसे ______ से आयातित माना जाता है।
  • A. ईरान
  • B. अफगानिस्तान
  • C. रूस
  • D. चीन
149. राजस्थान के कोटा और बाराँ जिले में बनाई जाने वाली ‘चूंदडी’ का कार्य _______ प्रकार का है -
  • A. हाथ की कढ़ाई
  • B. पॉटरी का निर्माण
  • C. टाई एवं डाई
  • D. पेन्टिंग
150. बेवाण है -
  • A. लकड़ी के बने देव विमान
  • B. पूजा के थाल
  • C. छपाई में प्रयुक्त लकड़ी के छापे
  • D. मांगलिक अवसरों पर कुमकुम,चावल आदि रखने हेतु प्रयुक्त लकड़ी का पात्र