241. अपने बहुआयामी रूपों जैसे ऊंट की खाल पर मीनाकारी, स्वर्ण मीनाकारी और महलों और हवेलियों में चित्रों (उस्ता कला) के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
- A. बीकानेर
- B. जोधपुर
- C. गंगानगर
- D. उदयपुर
व्याख्या: उस्ता कला, जिसमें ऊँट की खाल पर स्वर्ण मीनाकारी की जाती है, बीकानेर की एक विश्व प्रसिद्ध कला है।
242. ‘विकास के लिए फैशन’ संबंधित है -
- A. परिधानों की नई डिजाईन तैयार करना
- B. फैशन विकास के लिए एक स्वतंत्र संस्थान स्थापित करना।
- C. कन्या महाविद्यालयों में फैशन पाठ्यक्रम
- D. खादी एवं कोटा डोरिया को लोकप्रिय बनाना
व्याख्या: यह कार्यक्रम राजस्थान के पारंपरिक वस्त्रों जैसे खादी और कोटा डोरिया को आधुनिक फैशन से जोड़कर लोकप्रिय बनाने और बुनकरों को बढ़ावा देने से संबंधित है।
243. राजस्थान में किस त्यौहार से पहले श्राद्ध पक्ष में ‘साँझी’ बनायी जाती है -निम्निखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
- A. दिवाली
- B. पोंगल
- C. दशहरा
- D. होली
व्याख्या: साँझी, जो गोबर और मिट्टी से दीवारों पर बनाई जाती है, श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) में बनाई जाती है, जो दशहरे से ठीक पहले समाप्त होता है।
244. बाड़मेर प्रिंट अपने बोल्ड ज्यामितीय पैटर्न के लिए जाने जाते हैं जिन्हें कहा जाता है:
- A. बगरू प्रिंट
- B. सांगानेरी प्रिंट
- C. डब्बू रेसिस्ट प्रिंट
- D. अजरख प्रिंट
व्याख्या: अजरक प्रिंट की पहचान उसके बोल्ड ज्यामितीय पैटर्न और प्राकृतिक रंगों, विशेषकर नीले और लाल, से होती है। यह बाड़मेर का प्रसिद्ध प्रिंट है।
245. बाड़मेर किस छपाई कला के लिए प्रसिद्ध है-
- A. अजरख, मलीर
- B. दाबू, आजम
- C. बगरू, मेण
- D. अजरख, आजम
व्याख्या: बाड़मेर जिला अपनी दो प्रमुख छपाई कलाओं - अजरख प्रिंट और मलीर प्रिंट - के लिए विख्यात है।
246. हाथीदांत की वस्तुओं का प्रमुख केन्द्र है -
- A. जोधपुर
- B. जयपुर
- C. कोटा
- D. झालावाड़
व्याख्या: हालांकि अब प्रतिबंधित है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से जयपुर हाथीदांत की चूड़ियाँ और अन्य कलात्मक वस्तुएँ बनाने का एक प्रमुख केंद्र रहा है।
247. सुमेलित कीजिए –हस्तशिल्प स्थान(1) अजरक प्रिन्ट (i) नाथद्वारा(2) जाजम प्रिन्ट (ii) चित्तौड़गढ़(3) पिछवाई (iii) अकोला(4) दाबू प्रिन्ट (iv) बाड़मेरकूट –
- A. 1-(ii), 2-(iv), 3-(i), 4-(iii)
- B. 1-(iii), 2-(i), 3-(iv), 4-(ii)
- C. 1-(i), 2-(ii), 3-(iii), 4-(iv)
- D. 1-(iv), 2-(ii), 3-(i), 4-(iii)
व्याख्या: सही सुमेलन है: अजरक प्रिंट बाड़मेर से, जाजम प्रिंट चित्तौड़गढ़ से, पिछवाई कला नाथद्वारा से और दाबू प्रिंट अकोला से संबंधित है।
248. निम्नलिखित में से कौन सही ढंग से मेल नहीं खाता है -
- A. थेवा कला - प्रतापगढ़
- B. मीनाकारी - जयपुर
- C. अजरक प्रिंट - सांगानेर
- D. टेराकोटा कला - मोलेला
व्याख्या: अजरक प्रिंट बाड़मेर का प्रसिद्ध है, जबकि सांगानेर अपनी 'सांगानेरी प्रिंट' के लिए जाना जाता है। अन्य सभी विकल्प सही सुमेलित हैं।
249. राजस्थान का कौन सा क्षेत्र थेवा कला के लिए विख्यात है -
- A. प्रतापगढ़
- B. रामगढ़
- C. फतेहपुर
- D. लक्ष्मणगढ़
व्याख्या: थेवा कला, जो काँच पर सोने की जटिल कारीगरी है, के लिए राजस्थान का प्रतापगढ़ जिला विश्व प्रसिद्ध है।
250. चन्दुजी का गढा तथा बोडीगामा स्थल किसके लिए विख्यात है -
- A. कुन्दल कला के लिए
- B. तीर कमान निर्माण के लिए
- C. जाजम छपाई के लिए
- D. मीनाकारी के लिए
व्याख्या: राजस्थान के बांसवाड़ा में चन्दुजी का गढ़ा और डूंगरपुर में बोडीगामा, ये दोनों स्थान पारंपरिक रूप से तीर-कमान बनाने के लिए जाने जाते हैं।