271. वह स्थान, जो अपने मृदा शिल्प(टेराकोटा) के लिए प्रसिद्ध है -
- A. मोलेला
- B. कैथून
- C. बगरू
- D. सांगानेर
व्याख्या: मोलेला गाँव अपने पारंपरिक मृदा शिल्प, जिसे टेराकोटा कहा जाता है, के लिए प्रसिद्ध है।
272. अजरका प्रिन्ट के लिये राजस्थान में कौन सा स्थान प्रसिद्ध है-
- A. जैसलमेर
- B. बाड़मेर
- C. पाली
- D. सांगानेर
व्याख्या: अजरक प्रिंट के लिए राजस्थान का बाड़मेर जिला प्रसिद्ध है। यह दोनों तरफ छपाई की एक अनूठी तकनीक है।
273. छात्रों के लिए प्रसिद्ध है -
- A. पाली
- B. जयपुर
- C. भरतपुर
- D. फालना
व्याख्या: पाली जिले का फालना कस्बा छातों (Umbrellas) के निर्माण के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है।
274. किस प्रदेश का ‘अजरक प्रिंट’ प्रसिद्ध है -
- A. उदयपुर
- B. भीलवाड़ा
- C. बाड़मेर
- D. सांगानेर
व्याख्या: अजरक प्रिंट बाड़मेर की एक पारंपरिक वस्त्र छपाई कला है।
275. राजस्थान में हाथी दांत की कलात्मक चूड़ियां बनाने का प्रमुख केन्द्र है -
- A. जयपुर
- B. जोधपुर
- C. झालावाड़
- D. सीकर
व्याख्या: जयपुर शहर ऐतिहासिक रूप से हाथी दांत की कलात्मक चूड़ियों और अन्य वस्तुओं के निर्माण का एक मुख्य केंद्र रहा है।
276. राजस्थान की किस रियासत ने ब्लू पॉटरी को संरक्षण दिया -
- A. बूंदी
- B. उदयपुर
- C. जोधपुर
- D. जयपुर
व्याख्या: जयपुर रियासत ने ब्लू पॉटरी की कला को संरक्षण दिया, जिससे यह कला विकसित और प्रसिद्ध हुई।
277. राजस्थान हथकरघा नीति ______ को लागू हुई थी।
- A. 23 नवंबर, 2023
- B. 17 सितंबर, 2022
- C. 18 सितंबर, 2022
- D. 20 दिसंबर, 2023
व्याख्या: राजस्थान की पहली एमएसएमई नीति और हस्तशिल्प नीति 17 सितंबर 2022 को लागू की गई थी।
278. उदयपुर में भारतीय लोक कला मण्डल की स्थापना ____ ने की थी।
- A. देवीलाल सामर
- B. कोमल कोठारी
- C. करना भील
- D. जनार्दनराय नागर
व्याख्या: भारतीय लोक कला मंडल, उदयपुर की स्थापना वर्ष 1952 में पद्म श्री देवीलाल सामर द्वारा की गई थी।
279. राजस्थान में भारतीय हथकरघा (हैन्डलूम) प्रोद्यौगिकी संस्थान कहां पर स्थित है?
- A. जोधपुर
- B. भरतपुर
- C. जयपुर
- D. उदयपुर
व्याख्या: भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान (IIHT) राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित है।
280. ‘समुद्र लहर’ नाम का लहरिया कहाँ रंगा जाता है -
- A. जयपुर
- B. जोधपुर
- C. चित्तौड़
- D. कोटा
व्याख्या: लहरिया, जिसमें कपड़े पर लहरदार धारियाँ बनाई जाती हैं, जयपुर का प्रसिद्ध है। 'समुद्र लहर' लहरिया का एक विशिष्ट पैटर्न है जो यहीं रंगा जाता है।