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राजस्थान की हस्तकला

Rajasthan Arts and Culture - राजस्थान की हस्तकला
71. ‘बेवाण’ कला सम्बन्धित है -
  • A. प्रस्तर मूर्ति कला से
  • B. आँगन-चित्रण से
  • C. मृण कला से
  • D. काष्ठ कला से
72. अजरख प्रिन्ट का सम्बन्ध है -
  • A. बालोतरा से
  • B. पाली से
  • C. बगरू से
  • D. बाड़मेर से
73. शिल्पग्राम कहां स्थित है -
  • A. सिरोही
  • B. उदयपुर
  • C. जयपुर
  • D. सीकर
74. राजसमंद का मोलेला गाँव किस शिल्पकला के लिए विख्यात है -
  • A. माण्डणा शिल्प
  • B. काष्ठ कला
  • C. पटचित्र कला
  • D. मृण शिल्प
75. ग्रामीण गैर-कृषि विकास एजेन्सी की स्थापना राजस्थान सरकार द्वारा नवम्बर 1995 में की गई थी। इसका उद्देश्य है
  • A. शिल्पकार परिवारों के लिये स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
  • B. शिल्पकार परिवारों के लिये मजदूरी पर रोजगार को बढ़ावा देना।
  • C. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व गरीबी की रेखा से नीचे वाले परिवारों के लिये स्वरोजगार और मजदूरी पर रोजगार को बढ़ावा देना।
  • D. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिये रियायती वित्त और प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना।
76. राजस्थान में ‘जाजम छपाई’ का कार्य होता है -
  • A. भीलवाड़ा में
  • B. अजमेर में
  • C. नागौर में
  • D. चित्तौड़गढ़ में
77. प्रसिद्ध मीनाकारी ‘थेवा’ कला का संबंध है -
  • A. बीकानेर
  • B. प्रतापगढ़
  • C. जयपुर
  • D. जोधपुर
78. निम्न में से कौनसा जोडा सुमेलित है -
  • A. मसूरिया साडी-कोटा
  • B. संगमरमर पर नक्काशी-टोंक
  • C. बादला-जयपुर
  • D. नमदा-जोधपुर
79. निम्न में से असत्य कथन है -
  • A. डूंगरपुर जिले में देवल की खान से परेवा पत्थर निकलता है।
  • B. काष्ट पर कलात्क मूर्तियां बनाने के लिए बांसवाड़ा का तलवाड़ा गांव प्रसिद्ध है।
  • C. बांसवाड़ा के चन्दूजी का गढ़ा तथा डूंगरपुर के बोड़ीगामा गांव में बनने वाले तीर-कमान प्रसिद्ध है।
  • D. राजस्थान को हस्तकलाओं के आगार के रूप में जाना जाता है।
80. ‘ब्लू पॉटरी’ राजस्थान के निम्नलिखित में से किस स्थान का पारंपरिक शिल्प है -
  • A. जैसलमेर
  • B. कोटा
  • C. जयपुर
  • D. उदयपुर