11. निम्नलिखित को मिलाएं –सूची – I (मृदा राजस्थान)(a) लाल रेतीली मिट्टी(b) पीली, भूरी रेतीली मिट्टी(c) लवणीय मिट्टी(d) भूरी रेतीली मिट्टीसूची – II (जिले)(1) पाली, सिरोही, सीकर, झुंझुनू(2) नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर(3) नागौर, पाली(4) नागौर, जोधपुर, पाली, जालौर, चूरू और झुंझुनूकूट –
- A. a-4, b-3, c-2,d-1
- B. a-1, b-2, c-3,d-4
- C. a-3, b-4, c-1,d-2
- D. a-4, b-3, c-1, d-2
व्याख्या: यह राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में पाई जाने वाली मिट्टियों का सही जिला-वार वर्गीकरण है। लाल रेतीली मिट्टी (a) नागौर, जोधपुर जैसे जिलों में, लवणीय मिट्टी (c) बाड़मेर, जैसलमेर के कुछ हिस्सों में पाई जाती है।
12. राजस्थान के पश्चिमी भाग में पायी जाने वाली कौन-सी मृदा कम उपजाऊ होती है -निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
- A. जलोढ़ मृदा
- B. मरुस्थलीय मृदा
- C. काली मृदा
- D. लैटेराइट मृदा
व्याख्या: मरुस्थलीय मृदा (रेतीली मिट्टी) में जैविक पदार्थों (ह्यूमस) और पोषक तत्वों की कमी होती है, जिसके कारण यह बहुत कम उपजाऊ होती है।
13. राजस्थान में भूरी मृदा कहां नहीं पाई जाती -
- A. टोंक
- B. उदयपुर
- C. बूंदी
- D. पाली
व्याख्या: भूरी मृदा का विस्तार मुख्य रूप से बनास बेसिन में है, जिसमें टोंक, उदयपुर, बूंदी के क्षेत्र आते हैं। पाली जिला इस क्षेत्र से बाहर है, जहाँ रेतीली और इनसेप्टीसोल्स मिट्टी की प्रधानता है।
14. राजस्थान के निम्नलिखित में से किन जिलों में ‘इन्सेप्टीसोल्स मृदा’ पायी जाती है -
- A. जयपुर, दौसा और अलवर
- B. कोटा, बूंदी और बारां
- C. जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर
- D. पाली, भीलवाड़ा और सिरोही
व्याख्या: इन्सेप्टीसोल्स मृदा, जो नई विकसित हो रही मिट्टी है, मुख्य रूप से अरावली के गिरिपादीय क्षेत्रों और अर्ध-शुष्क जलवायु वाले जिलों जैसे पाली, भीलवाड़ा और सिरोही में पाई जाती है।
15. राजस्थान में नाइट्रेट की उपस्थिति के कारण कौन सी मृदा उर्वरक है -
- A. लाल-पीली
- B. लाल-लोमी
- C. लाल - रेतीली
- D. भूरी- रेतीली
व्याख्या: भूरी-रेतीली मिट्टी में नाइट्रेट की मात्रा प्राकृतिक रूप से अधिक होती है, जो पौधों के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। इसी कारण यह मिट्टी अपेक्षाकृत उर्वरक होती है।
16. किस जिले में लाल - लोमी मृदा (Red Loamy Soil) पाई जाती है -
- A. अलवर
- B. झालावाड़
- C. उदयपुर
- D. चूरू
व्याख्या: लाल-लोमी मिट्टी दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में पाई जाती है, जहाँ अरावली की पुरानी चट्टानें मौजूद हैं।
17. निम्न कथनों पर विचार कीजिए -क. लाल रेतीली मिट्टी कृषि के लिए ठीक होती है लेकिन पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है।ख. लाल रेतीली मिट्टी राजस्थान के कोटा, बून्दी व झालावाड जिले के कुछ भाग में पाई जाती है।ग. लाल रेतीली मिट्टी के लिए जिन क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाऐं हैं, वे क्षेत्र कृषि की दृष्टि से उन्नत है।उपरोक्त कथनों में से -
- A. केवल क सही है।
- B. केवल ख सही है।
- C. केवल क एवं ग सही है।
- D. केवल क एवं ख सही है।
व्याख्या: कथन 'ख' गलत है क्योंकि कोटा, बूंदी, झालावाड़ (हाड़ौती क्षेत्र) में काली मिट्टी पाई जाती है, न कि लाल रेतीली मिट्टी। कथन 'क' और 'ग' सही हैं कि पानी की उपलब्धता होने पर इस मिट्टी में अच्छी खेती हो सकती है।
18. राजस्थान में निम्न में से किस स्थान पर इनसेप्टीमोल्स मृदा नहीं पायी जाती है -
- A. सिरोही
- B. राजसमन्द
- C. भीलवाड़ा
- D. बूंदी
व्याख्या: बूंदी हाड़ौती पठार का हिस्सा है, जहाँ वर्टीसोल्स (काली मिट्टी) की प्रधानता है। सिरोही, राजसमंद और भीलवाड़ा में इनसेप्टीसोल्स मृदा पाई जाती है।
19. हड़ौती पठार पर पाई पाने वाली मृदा है-
- A. लाल
- B. काली
- C. पीली
- D. भूरी
व्याख्या: हाड़ौती पठार (कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़) का निर्माण बेसाल्टिक लावा से हुआ है, जिसके अपक्षय से काली मिट्टी बनती है। इसे 'कपास की मिट्टी' भी कहते हैं।
20. राजस्थान में प्रथम मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला कब स्थापित की गई-
- A. 1964
- B. 1958
- C. 1974
- D. 1982
व्याख्या: राजस्थान में मिट्टी की जाँच और उसकी उर्वरता में सुधार के लिए पहली मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला 1958 में जोधपुर में स्थापित की गई थी।