41. निम्नलिखित में से कौन-सी पीएच परास क्षारीय मृदा की सूचक है -
- A. 2.3 से 3.6
- B. 7
- C. 4.2 से 4.8
- D. 8 से ऊपर
व्याख्या: pH पैमाने पर 7 का मान उदासीन होता है, 7 से कम अम्लीय और 7 से अधिक क्षारीय होता है। 8 से ऊपर का pH मान मिट्टी के अधिक क्षारीय होने का सूचक है।
42. राजस्थान के किस प्रदेश में एन्टिसोल समूह की मृदा मिलती है-
- A. पूर्वी
- B. पश्चिमी
- C. दक्षिणी-पूर्वी
- D. दक्षिणी
व्याख्या: एन्टिसोल (Entisols) समूह में मुख्य रूप से रेतीली मिट्टी आती है, जो राजस्थान के लगभग सभी पश्चिमी जिलों (मरुस्थलीय प्रदेश) में पाई जाती है।
43. राजस्थान में ‘बंजर भूमि विकास कार्यक्रम’ क्रियान्वित होता है -
- A. वन विभाग द्वारा
- B. कृषि विभाग द्वारा
- C. सिंचाई विभाग द्वारा
- D. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा
व्याख्या: यह एक तथ्यात्मक जानकारी है। राजस्थान में बंजर भूमि के विकास और सुधार से संबंधित कार्यक्रम ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के द्वारा चलाए जाते हैं।
44. भूरी रेतीली कछारी मिट्टी के संबंध में कौनसा कथन असत्य है -
- A. यह मिट्टी राजस्थान के अलवर, भरतपुर के उत्तरी भाग और गंगानगर जिले के मध्य में पाई जाती है।
- B. इस मिट्टी में चावल व गन्ने की खेती की जाती है।
- C. इस मिट्टी का रंग लाल व भूरा होता है।
- D. इस मिट्टी में चूना, फोस्फोरस व ह्यूमस की कमी होती है।
व्याख्या: यह कथन असत्य है क्योंकि चावल और गन्ना अधिक पानी वाली फसलें हैं जो इस मिट्टी के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इस मिट्टी में आमतौर पर गेहूं, सरसों, और बाजरा जैसी फसलें उगाई जाती हैं।
45. मृदा संरक्षण की प्रमुख विधि कौन सी नहीं है -
- A. फसल चक्रीकरण
- B. रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग
- C. पट्टीदार कृषि
- D. पशुचारण पर नियंत्रण
- E. फसल चक्रीकरण।
- F. भूमि को ढकना (जैसे: फसल अवशेष छोड़ना)।
- G. आड़ी बोवाई (Contour farming)।
- H. टेरेसिंग (ढलानों पर सीढ़ीदार खेत बनाना)।
- I. वनरोपण (पेड़ लगाना)।
- J. पशुचारण पर नियंत्रण।
- K. जैविक खाद का प्रयोग।
व्याख्या: रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग मिट्टी की संरचना को नुकसान पहुँचाता है और उसकी उर्वरता को कम कर सकता है। यह मृदा संरक्षण की विधि नहीं, बल्कि मृदा क्षरण का एक कारण हो सकता है।
46. राजस्थान के निम्नांकित किन जिलों में ‘लाल लोम’ मृदा पाई जाती है -
- A. उदयपुर-कोटा
- B. भीलवाड़ा-अजमेर
- C. बांसवाड़ा-डूंगरपुर
- D. जयपुर-दौसा
व्याख्या: लाल लोम (या लाल दोमट) मिट्टी राजस्थान के दक्षिणी भाग, विशेषकर बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर के मध्यवर्ती व दक्षिणी भागों में पाई जाती है।
47. निम्न कथनों पर विचार कीजिए -क. जालौर जिले में प्रायः रेतीली व रेतीली दुमट मिट्टी पाई जाती है।ख. रेतीली मिट्टी सांचोर, सायला, जालौर व भीनमाल पंचायत समिति के उत्तरी भागों में पाई जाती है।ग. दुमट मिट्टी जसवंतपुरा तहसील में पाई जाती है।
- A. केवल क एवं ग सही है।
- B. केवल ख सही है।
- C. केवल क सही है।
- D. केवल क एवं ख सही है।
व्याख्या: जालौर जिले की मिट्टी के संबंध में पहले दो कथन (क और ख) सही हैं। जसवंतपुरा तहसील में मुख्य रूप से भूरी रेतीली मिट्टी पाई जाती है, इसलिए कथन 'ग' पूरी तरह सही नहीं है।
48. राजस्थान के किस भाग में ‘एण्टीसोल्स’ मृदा पायी जाती है -
- A. दक्षिणी
- B. दक्षिण पूर्वी
- C. पश्चिमी
- D. पूर्वी
व्याख्या: एण्टीसोल्स (Entisols) एक प्रकार की अविकसित मिट्टी है, जिसमें रेतीली मिट्टी प्रमुख है। यह राजस्थान के शुष्क पश्चिमी भाग में प्रमुखता से पाई जाती है।
49. निम्न में से कौन सी मृदा, राजस्थान में कपास फसलों के उत्पादन हेतु सर्वाधिक उपयुक्त है -
- A. मिश्रित लाल एवं पीली मृदा
- B. भूरी जलोढ़ मृदा
- C. मध्यम काली मृदा
- D. लाल लोमी मृदा
व्याख्या: कपास के लिए काली मिट्टी (वर्टीसोल्स) सबसे अच्छी होती है क्योंकि इसकी जल धारण क्षमता अधिक होती है। राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में पाई जाने वाली मध्यम काली मृदा इसके लिए सर्वाधिक उपयुक्त है।
50. राजस्थान में नॉन-कैल्साइट ब्राउन (भूरी) मृदा किन जिलों में पाई जाती है -
- A. जालौर, पाली तथा बालोतरा
- B. प्रतापगढ़, डूँगरपुर तथा बांसवाड़ा
- C. गंगानगर, चूरू तथा बीकानेर
- D. जयपुर, सीकर तथा झुन्झुनूँ
व्याख्या: यह एक विशिष्ट प्रकार की भूरी मिट्टी है जिसमें कैल्शियम की मात्रा कम होती है। यह मिट्टी मुख्य रूप से शेखावाटी क्षेत्र के सीकर, झुंझुनूं और जयपुर के उत्तरी भागों में पाई जाती है।