51. उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में मृदा उर्वरता में अवनयन का प्रमुख क्या कारण है -
- A. जल-भराव
- B. पवन अपरदन
- C. नाली अपरदन
- D. गहन कृषि
व्याख्या: उत्तर-पश्चिमी राजस्थान (गंगानगर-हनुमानगढ़) में नहरों से अत्यधिक सिंचाई के कारण जल-भराव (सेम) और लवणता की समस्या पैदा हुई है, जिससे मिट्टी की उर्वरता में कमी आई है। पवन अपरदन पूरे पश्चिमी राजस्थान की समस्या है, लेकिन उत्तर-पश्चिम में जल-भराव मुख्य कारण है।
52. नीचे लेटेराइट मिट्टी के बारे में दो कथन दिए गए हैं :कथन -I: लेटेराइट मिट्टी डरंगरपुर, उदयपुर के मध्य और दक्षिणी भाग और राजसमंद क्षेत्रों में पाई जाती है।कथन-II: लोहे (आयरन) की उपस्थिति के कारण यह लाल दिखती है।उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
- A. कथन I सत्य है, किन्तु कथन II असत्य है।
- B. कथन I असत्य है, किन्तु कथन II सत्य है।
- C. कथन I और II दोनों सत्य हैं।
- D. कथन I और II दोनों असत्य हैं।
व्याख्या: दोनों कथन सही हैं। लैटेराइट मिट्टी राजस्थान के दक्षिणी जिलों में पाई जाती है और इसका लाल रंग लौह ऑक्साइड की अधिकता के कारण ही होता है।
53. राजस्थान के किस प्रदेश में अल्फीसोल्स समूह की मृदा मिलती है -
- A. जयपुर, अलवर, दौसा
- B. जैसलमेर, बाड़मेर, पाली
- C. उदयपुर, सिरोही, पाली
- D. कोटा, बूंदी, भरतपुर
व्याख्या: अल्फीसोल्स (जलोढ़ मृदा) पूर्वी मैदानी प्रदेश में पाई जाती है, जिसमें जयपुर, अलवर, दौसा, भरतपुर, टोंक आदि जिले शामिल हैं। यह कृषि के लिए बहुत उपजाऊ होती है।
54. निम्नलिखित में से राजस्थान का कौनसा जिला अवनालिका अपरदन से सर्वाधिक ग्रसित है -
- A. झालावाड़
- B. दौसा
- C. टोंक
- D. करौली
व्याख्या: चंबल नदी और उसकी सहायक नदियाँ कोटा, सवाई माधोपुर, करौली और धौलपुर जिलों में बड़े-बड़े गड्ढे और नालियाँ बना देती हैं, जिसे अवनालिका अपरदन कहते हैं। दिए गए विकल्पों में करौली सर्वाधिक प्रभावित जिलों में से है।
55. कौनसा मृदा का मुख्य घटक नहीं है -
- A. लवण
- B. जल
- C. खनिज
- D. ह्यूमस
व्याख्या: मृदा के चार मुख्य घटक होते हैं: खनिज पदार्थ (लगभग 45%), जैविक पदार्थ या ह्यूमस (लगभग 5%), जल (लगभग 25%) और वायु (लगभग 25%)। लवण मिट्टी में मौजूद हो सकता है, लेकिन यह मुख्य घटक नहीं है।
56. राजस्थान के नागौर, पाली, बाड़मेर एवं जैसलमेर जिलों में मुख्यतः कौनसी मृदा पाई जाती है -
- A. बलुई मृदा
- B. काली मृदा
- C. लाल मृदा
- D. पीली मृदा
व्याख्या: ये सभी जिले पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थलीय और अर्ध-मरुस्थलीय क्षेत्र में आते हैं, जहाँ की प्रमुख मिट्टी बलुई (रेतीली) मृदा है।
57. निम्न कथनों पर विचार कीजिए -क. भूरी रेतीली मिट्टी में फास्फेट तत्व का बाहुल्य होता है।ख. दुमट व कछारी मिट्टी में चूना, फाॅस्फोरस, पोटाश तथा लोहा आदि अधिक मात्रा में पाया जाता है।ग. काली मिट्टी में गंधक व लोहे की मात्रा अधिक होती है।
- A. केवल क सही है।
- B. केवल क एवं ख सही है।
- C. केवल ख सही है।
- D. केवल क एवं ग सही है।
व्याख्या: कथन 'ग' गलत है क्योंकि काली मिट्टी में पोटाश, चूना और लोहा तो होता है, लेकिन यह फॉस्फोरस, नाइट्रोजन और गंधक (सल्फर) में कमजोर होती है। कथन 'क' और 'ख' सही हैं।
58. मूँगफली की फसल उपयुक्त मिट्टी है-
- A. दोमट मिट्टी
- B. पीली मिट्टी
- C. जलोढ़ मिट्टी
- D. काली मिट्टी
व्याख्या: मूँगफली की खेती के लिए हल्की, अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट या पीली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसकी बनावट जड़ों को आसानी से फैलने और फली के विकास में मदद करती है।
59. निम्नलिखित में से कौन-सा मृदाओं के द्वितीय पोषण तत्वों का उदाहरण नहीं है -
- A. बोरोन
- B. पोटाश
- C. मैंगनीज
- D. काॅपर
व्याख्या: पोटाश (पोटेशियम) एक प्राथमिक पोषक तत्व है, न कि द्वितीयक। पौधों के लिए प्राथमिक पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश हैं, जबकि कैल्शियम, मैग्नीशियम और सल्फर द्वितीयक पोषक तत्व हैं।
60. कथन-राजस्थान में मिट्टी के कटाव की समस्या है।कारण-राजस्थान में चम्बल, बनास, घग्घर व बाणगंगा आदि नदियां मिट्टी के कटाव का प्रमुख कारण है।
- A. कथन सही है लेकिन कारण गलत है।
- B. कथन गलत है लेकिन कारण सही है।
- C. कथन सही है और कारण भी सही है।
- D. कथन गलत है और कारण भी गलत है।
व्याख्या: राजस्थान में मिट्टी का कटाव एक गंभीर समस्या है, और चंबल जैसी नदियाँ अपने तेज बहाव के कारण बड़े पैमाने पर बीहड़ों का निर्माण करती हैं, जो मिट्टी के कटाव का एक प्रमुख उदाहरण है। इसलिए, कथन और कारण दोनों सही हैं।