151. राजस्थान में नोह (भरतपुर), जोधपुरा (जयपुर), सुनारी (झुंझुनू) से किस संस्कृति के हथियार एवं उपकरण मिले हैं -
- A. ताम्रपाषणकालीन संस्कृति
- B. ताम्रकालीन संस्कृति
- C. ताम्र-कांस्य संस्कृति
- D. लौह संस्कृति
व्याख्या: ये तीनों स्थल राजस्थान में लौह-युगीन संस्कृति के प्रमुख केंद्र हैं, जहाँ से लोहे के उपकरण मिले हैं।
152. राम सैकाश्म और स्फटिक नामक पाषाणकालीन उपकरण प्राप्त हुए हैं -
- A. कालीबंगा
- B. हड़प्पा
- C. बालाकोट
- D. आहड़
व्याख्या: आहड़ से विभिन्न प्रकार के पत्थर के उपकरण भी मिले हैं, जिनमें राम सैकाश्म और स्फटिक शामिल हैं।
153. घग्गर नदी के किनारे कौन सी सभ्यता स्थित है -
- A. आहड़
- B. कालीबंगा
- C. गणेश्वर
- D. बागोर
व्याख्या: कालीबंगा सभ्यता हनुमानगढ़ में घग्गर (प्राचीन सरस्वती) नदी के बाएं तट पर स्थित थी।
154. “बालाथल सभ्यता” का पुरातत्व स्थल कहाँ स्थित है?
- A. हनुमानगढ़
- B. अजमेर
- C. वल्लभनगर, उदयपुर
- D. माऊन्ट आबू, सिरोही
व्याख्या: बालाथल सभ्यता उदयपुर जिले की वल्लभनगर तहसील में स्थित है।
155. निम्नलिखित में से कौन सा पुरातत्वविद बैराठ के अन्वेषण/ उत्खनन से संबद्ध नहीं है -
- A. एलेक्जेण्डर कनिंघम
- B. दयाराम साहनी
- C. एन. आर. बनर्जी
- D. एच. डी. सांकलिया
व्याख्या: एच. डी. सांकलिया का संबंध मुख्य रूप से आहड़ सभ्यता के उत्खनन से है, न कि बैराठ से।
156. गणेश्वर सभ्यता के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है -
- A. यह कांतली नदी के तट पर स्थित था।
- B. इसकी खुदाई रतन चंद अग्रवाल ने की थी।
- C. यह लौह युग की सभ्यता थी।
- D. तांबे की छड़ी और मछली पकड़ने का कांटा भी मिला।
व्याख्या: यह कथन गलत है क्योंकि गणेश्वर एक ताम्रयुगीन सभ्यता थी, लौह युगीन नहीं।
157. आहड़ में खुदाई से काले व लाल रंग के मृदभाण्ड जो उपलब्ध हुए हैं, उन्हें किस शैली से पकाया जाता था -
- A. खुली तपाई शैली
- B. बन्द भट्ट तपाई शैली
- C. उल्टी तपाई शैली
- D. उपर्युक्त सभी
व्याख्या: आहड़ के बर्तनों को पकाने के लिए 'उल्टी तपाई शैली' (Inverted Firing Technique) का उपयोग किया जाता था, जिससे बर्तन अंदर से काला और बाहर से लाल हो जाता था।
158. ताम्र संस्कृति के चिन्ह किस जिले में उपलब्ध है -
- A. उदयपुर
- B. कोटा
- C. बून्दी
- D. अलवर
व्याख्या: उदयपुर जिले में आहड़, बालाथल, झाड़ोल जैसे प्रमुख ताम्र संस्कृति के केंद्र स्थित हैं।
159. भूकम्प व तन्दूर के प्राचीन साक्ष्य प्राप्त हुए हैं -
- A. बागोर
- B. बैराठ
- C. कालीबंगा
- D. नगरी
व्याख्या: कालीबंगा के उत्खनन में दरार युक्त दीवारें मिली हैं, जिन्हें विश्व के प्राचीनतम भूकंप का साक्ष्य माना जाता है, साथ ही यहाँ से तंदूर के भी प्रमाण मिले हैं।
160. प्राचीनकाल में निम्नलिखित में से किस स्थान को ताम्रवती नगरी के नाम से भी जाना जाता था -
- A. आहड
- B. कालीबंगा
- C. खेतड़ी
- D. गणेश्वर
व्याख्या: आहड़ को दसवीं-ग्यारहवीं शताब्दी में 'आघाटपुर' या 'आघाटदुर्ग' भी कहा जाता था और तांबे के व्यापार के कारण 'ताम्रवती' भी कहते थे।