11. बटेवड़ा किस काम आता है -
- A. खेत बुवाई में
- B. उपले या कंडे संग्रह हेतु
- C. फसल रखवाली में
- D. पानी एकत्रित करने में
व्याख्या: 'बटेवड़ा' गोबर के उपलों या कंडों को बारिश से बचाने के लिए बनाया गया एक ढेर होता है, जिसे व्यवस्थित तरीके से जमाया जाता है। इसे 'पिरामिंडा' भी कहते हैं।
12. ‘अगेती एवं ‘पछेती’ शब्द प्रयुक्त होते हैं -
- A. जल्दी एवं विलम्बित बीजाई
- B. आना एवं जाना
- C. हर्बल दवा
- D. वर्तमान एवं भूतकाल
व्याख्या: कृषि के संदर्भ में, 'अगेती' का अर्थ है समय से पहले या जल्दी बुवाई करना, जबकि 'पछेती' का अर्थ है देर से या विलम्ब से बुवाई करना।
13. चुनाई का कार्य करने वाले को कहते हैं -
- A. लकड़हारा
- B. बिनोरा
- C. घोड़ला
- D. चेजारा
व्याख्या: राजस्थान में भवन निर्माण के दौरान ईंट-पत्थर की जुड़ाई या चुनाई का काम करने वाले कारीगर या मिस्त्री को 'चेजारा' कहा जाता है।
14. निम्न में से किसके लिए राजस्थानी भाषा में आड़ी, हीयाली शब्द प्रचलित हैं -
- A. मुहावरे
- B. लोकोक्ति
- C. फड़
- D. पहेलियाँ
व्याख्या: राजस्थानी भाषा में 'आड़ी' और 'हीयाली' दोनों ही शब्द 'पहेली' के लिए प्रयुक्त होते हैं, जो लोक साहित्य का महत्वपूर्ण अंग हैं।
15. आढ़तिया -
- A. किसान
- B. डाकू
- C. दलाल
- D. गायक
व्याख्या: अनाज मंडियों में किसानों की उपज को बिकवाने और उसके बदले कमीशन या दलाली लेने वाले व्यापारी को 'आढ़तिया' कहा जाता है।
16. ‘रेवड़’ है -
- A. खाद्य बीज
- B. पशुओं का झुण्ड
- C. मानव झुण्ड
- D. सब्जी
व्याख्या: विशेष रूप से भेड़-बकरियों के समूह या झुंड को राजस्थानी भाषा में 'रेवड़' कहा जाता है।
17. ‘कातरौ’ -
- A. बीज का प्रकार
- B. फसल का प्रकार
- C. फसली रोग
- D. पशु रोग
व्याख्या: 'कातरौ' एक प्रकार का कीट (कैटरपिलर) होता है जो फसलों को, विशेषकर बाजरे को, खाकर नष्ट कर देता है। इसलिए यह एक फसली रोग या कीट है।
18. कहानी कहने की वह कौन सी मौखिक परंपरा है जो राजस्थान में अभी भी अस्तित्व में है, जहां महाकाव्य महाभारत और रामायण की कहानियों के साथ पराणों की कहानियों, जाति वंशावली और लोक परंपरा की कहानियों को बताया जाता है।
- A. कावड़ संवाद
- B. कावड़ बंचना (वाचन)
- C. संवाद बंचना (वाचन)
- D. काव्य संचना
व्याख्या: 'कावड़ बंचना' एक पारंपरिक कथा-वाचन कला है जिसमें 'कावड़' (एक चलता-फिरता लकड़ी का मंदिर जिस पर चित्र बने होते हैं) के माध्यम से कहानियाँ सुनाई जाती हैं।
19. राजस्थान में स्त्री परिधान ‘पोमचा’ को कहा जाता हैं -
- A. पीला
- B. कैंवर जोड़
- C. कटकी
- D. फेटिया
व्याख्या: 'पोमचा' एक विशेष प्रकार की ओढ़नी होती है, जो मुख्य रूप से पीले रंग की होती है। इसे अक्सर बच्चे के जन्म पर माँ (पीहर पक्ष द्वारा) को दिया जाता है, इसलिए इसे 'पीला' भी कहते हैं।
20. राजस्थान में ‘पावड़ा’ का मतलब है -
- A. लोक कथा
- B. लोक गाथा
- C. लोक गीत
- D. लोक साहित्य
व्याख्या: 'पावड़ा' (या पवाड़ा) किसी लोक देवता या वीर पुरुष की वीरतापूर्ण उपलब्धियों का वर्णन करने वाली लोक-गाथाएं होती हैं, जिन्हें गाया जाता है।