11. राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम - 2011 किस तारीख से प्रवृत्त हुआ -
- A. 2 अक्टूबर, 2011
- B. 31 अक्टूबर, 2011
- C. 14 नवंबर, 2011
- D. 19 नवंबर, 2011
व्याख्या: यह अधिनियम 14 नवंबर, 2011 से राजस्थान में लागू हुआ, जिसे 'बाल दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है।
12. राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2011 के बारे में अधोलिखित कथनों को पढ़िए -(i) इसकी शुरुआत 15 सरकारी विभागों की 108 सेवाओं से की गई।(ii) सेवा प्रदान करने की निर्धारित अवधि की गणना में राजकीय अवकाशों को छोड़ा जाता है।सही कूट का चयन कीजिए -
- A. केवल (i) सही है
- B. केवल (ii) सही है
- C. न तो (i) ना ही (ii) सही है
- D. (i) एवं (ii) दोनों सही हैं
व्याख्या: अधिनियम की शुरुआत वास्तव में 15 विभागों की 108 सेवाओं के साथ हुई थी और समय-सीमा की गणना करते समय सरकारी छुट्टियों को नहीं गिना जाता है। दोनों कथन सत्य हैं।
13. राजस्थान लोक सेवा गारन्टी अधिनियम 2011 के तहत अपील दायर करने के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं -कथन I : कोई भी व्यक्ति जिसका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है, अस्वीकृति के 30 दिनों के भीतर नामित अधिकारी के खिलाफ अपील कर सकता है।कथन II : यह भी उल्लेख है कि प्रथम अपील अधिकारी तीस दिन की अवधि समाप्त होने के बाद ही अपील स्वीकार कर सकता है।
- A. केवल कथन I सही है।
- B. केवल कथन II सही है।
- C. दोनों कथन I और II सही हैं।
- D. दोनों कथन I और II गलत हैं।
व्याख्या: कथन I सही है क्योंकि अपील 30 दिनों के भीतर की जा सकती है। कथन II भी सही है क्योंकि यदि आवेदक देरी का पर्याप्त कारण बताता है, तो 30 दिन के बाद भी अपील स्वीकार की जा सकती है।
14. राजस्थान लोकसेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के अंतर्गत प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय के विरुद्ध कितने दिनों में द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी को अपील की जा सकती है -
- A. 60 दिन
- B. 45 दिन
- C. 15 दिन
- D. 30 दिन
व्याख्या: यदि कोई नागरिक प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वह निर्णय की तारीख से 60 दिनों के भीतर द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील कर सकता है।
15. सिटिजन चार्टर का उद्देश्य नहीं है-
- A. गुणात्मक और समयबद्ध सेवा प्रदान करना
- B. नागरिक उन्मुखी शासन
- C. उत्तरदायी सरकार
- D. जनता की माँगों की प्रभावी सुनवाई का तंत्र सृजित करना
व्याख्या: सिटिजन चार्टर का मुख्य उद्देश्य सेवाओं के मानक, गुणवत्ता और समय-सीमा तय करके शासन को नागरिक-उन्मुख और जवाबदेह बनाना है, न कि मांगों की सुनवाई के लिए एक नया तंत्र बनाना।
16. राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारन्टी अधिनियम, 2011 किस तारीख से प्रवृत्त हुआ -
- A. 21 सितम्बर, 2011
- B. 30 अक्टूबर, 2011
- C. 14 नवम्बर, 2011
- D. 01 जनवरी, 2012
व्याख्या: यह अधिनियम 14 नवंबर 2011 को लागू हुआ था। यह तिथि राजस्थान के प्रशासनिक सुधारों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
17. राजस्थान लोक सेवा गारन्टी प्रदान अधिनियम, 2011 के अतंर्गत प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय के विरुद्ध कोई व्यक्ति कितने दिनों में द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी के पास शिकायत कर सकता है -
- A. 50 दिन
- B. 60 दिन
- C. 70 दिन
- D. 75 दिन
व्याख्या: प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होने पर, व्यक्ति को 60 दिनों की समय-सीमा के भीतर द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील करने का अधिकार है।
18. कॉलम I में अधिनियम/आयोग को कॉलम II में वर्ष से मिलान कीजिए।कॉलम I (अधिनियम/आयोग) कॉलम II (वर्ष)1. राजस्थान लोक सेवा प्रदान गारन्टी अधिनियम a. 20002. 74वाँ संवैधानिक संशोधन विधेयक b. 20113. राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग c. 19924. राज्य सूचना आयोग d. 2006निम्न में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें:
- A. 1-c, 2-d, 3-a, 4-b
- B. 1-b, 2-c, 3-d, 4-a
- C. 1-a, 2-b, 3-c, 4-d
- D. 1-b, 2-c, 3-a, 4-d
व्याख्या: सही मिलान है: 1-लोक सेवा गारंटी अधिनियम (2011), 2-74वां संशोधन (1992), 3-राज्य मानवाधिकार आयोग (2000 में क्रियाशील), 4-राज्य सूचना आयोग (2006)।
19. राजस्थान लोक सेवा प्रदान की गारन्टी अधिनियम 2011, राजस्थान में किस महीने में लागू हुआ था -
- A. नवम्बर 2011
- B. दिसम्बर 2012
- C. अक्टूबर 2012
- D. जनवरी 2011
व्याख्या: यह अधिनियम 14 नवंबर 2011 को लागू हुआ, इसलिए सही महीना नवंबर है।
20. राजस्थान लोक सेवा गारन्टी डिलिवरी अधिनियम के सम्बन्ध में क्या सही नहीं है -
- A. प्रारंभ में अधिनियम में 15 विभागों की 108 सेवाओं को शामिल किया गया।
- B. सरकार ने सेवाएं प्रदान नहीं करने और उसमें देरी होने पर जुर्माने का प्रावधान किया।
- C. नियत समय सीमा की गणना करते समय अवकाशों को शामिल नहीं किया जायेगा।
- D. प्रथम अपील, द्वितीय अपील तथा पुनरीक्षण आवेदन के साथ फीस देय होगी।
व्याख्या: यह कथन गलत है क्योंकि इस अधिनियम के तहत नागरिकों को राहत देने के लिए किसी भी अपील या पुनरीक्षण आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।