41. कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान की सामन्त व्यवस्था की तुलना किससे की थी -
- A. मुगल प्रशासनिक व्यवस्था
- B. इंग्लैंड की फ्यूडल व्यवस्था
- C. गुप्तकालीन शासन व्यवस्था
- D. मराठा शासन प्रणाली
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक में राजस्थान की सामंती व्यवस्था और मध्यकालीन यूरोप की फ्यूडल (जागीरदारी) व्यवस्था के बीच कई समानताएं बताई हैं।
42. लाटा अथवा बटाई क्या था -
- A. भू-राजस्व व्यवस्था, जिसमें भुगतान नकद होता था।
- B. भू-राजस्व व्यवस्था, जिसमें भुगतान फसल के रूप में होता था।
- C. राज्य द्वारा ली जाने वाली एक प्रकार की बेगार।
- D. सामंत द्वारा अधिरोपित एक प्रकार का उपकर।
व्याख्या: यह भू-राजस्व निर्धारण की एक प्रणाली थी, जिसमें किसान नकद राशि के बजाय अपनी उपज का एक निश्चित हिस्सा राज्य को कर के रूप में देता था।
43. निम्नलिखित में से असत्य विकल्प का चयन करें।
- A. अमात्य - मुख्यमंत्री
- B. बंदीपति - मुख्य भाट
- C. भीषगाधिराज - प्रधानमंत्री
- D. संधिविग्रहिक - संधि और युद्ध का मंत्री
व्याख्या: यह विकल्प असत्य है क्योंकि 'भीषगाधिराज' का अर्थ राजवैद्य या प्रमुख चिकित्सक होता था, न कि प्रधानमंत्री। प्रधानमंत्री के लिए 'प्रधान' या 'अमात्य' पद था।
44. मध्यकालीन राजस्थान के राज्यों में शासक के बाद सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी जाना जाता था -
- A. महामात्य के रूप में
- B. मुख्य मंत्री के रूप में
- C. संधिविग्रहिक के रूप में
- D. प्रधान के रूप में
व्याख्या: अधिकांश राजपूताना रियासतों में, शासक के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक पदानुक्रम में सर्वोच्च अधिकारी 'प्रधान' होता था।
45. दीवान के पद पर सामान्यतः गैर राजपूत जाति के व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता था। दीवान को निम्न में से किस पदाधिकारी को नियुक्त करने का अधिकार प्राप्त नहीं था -
- A. आमिल
- B. फौजदार
- C. कोतवाल
- D. पोतदार
व्याख्या: 'पोतदार' खजाने का अधिकारी होता था और उसकी नियुक्ति सीधे शासक द्वारा की जाती थी ताकि वित्तीय मामलों पर सीधा नियंत्रण बना रहे। यह दीवान के अधिकार क्षेत्र से बाहर था।
46. निम्नलिखित में से असत्य कथन नहीं है -
- A. एक राजा का दूसरे राजा के साथ किया जाने वाला पत्र व्यवहार रूक्का कहलाता था।
- B. बादशाह की मौजूदगी में शहजादे द्वारा जारी किया गया शाही आदेश-मन्सूर कहलाता था।
- C. मुगल बादशाह द्वारा अपने अधीनस्थ को जागीर प्रदान करने की लिखित स्वीकृति वाक्य कहलाती थी।
- D. राजा द्वारा अपने अधीनस्थ को जारी किया जाने वाला आदेश फरमान कहलाता था।
व्याख्या: यह कथन सत्य है। 'मन्सूर' उस शाही आदेश को कहते थे जो शहजादे द्वारा जारी किया जाता था और जिस पर बादशाह की मुहर होती थी। अन्य कथन गलत हैं।
47. किस राज्य में लूट-खसोट से राज्य को बचाने के लिए नए सैनिक दायित्वों की पूर्ति हेतु रुखवाली भाछ लागू की गई थी -
- A. जोधपुर
- B. बीकानेर
- C. उदयपुर
- D. कोटा
व्याख्या: 'रुखवाली भाछ' एक प्रकार का रक्षा कर था, जो बीकानेर रियासत में बाहरी लुटेरों और आक्रमणकारियों से राज्य की रक्षा के लिए सेना के खर्च हेतु प्रजा से वसूला जाता था।
48. निम्नलिखित में से असत्य विकल्प का चयन करें।
- A. प्रत्येक किसान के परिवार के प्रत्येक सदस्य से 1 रु. की दर से वसूला जाने वाला कर अंगा कर या अंग लाग कहलाता था।
- B. राज्याभिषेक, जन्मदिन तथा त्योहारों के अवसर पर लगने वाले दरबारों के समय सामन्तों, जागीरदारों, मुत्सद्दी व अधिकारियों द्वारा राजा को दी जाने वाली भेंट ‘नजराना’ कहलाती थी।
- C. पशुओं की बिक्री पर लिया जाने वाला कर लाटा कहलाता था।
- D. खेत में खड़ी फसल का अनुमान लगाकर भूस्वामी अपना हिस्सा तय कर देते थे, जिसे कूंता कहते थे।
व्याख्या: यह कथन असत्य है क्योंकि 'लाटा' फसल के बंटवारे पर आधारित एक भू-राजस्व प्रणाली थी, न कि पशुओं की बिक्री पर लगने वाला कोई कर।
49. मध्यकालीन राजस्थान के राज्यों में शासक के बाद सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी को __ कहा जाता था।
- A. प्रधान
- B. महामात्य
- C. मुख्य मंत्री
- D. संधिविग्रिहिक
व्याख्या: राजस्थान की मध्यकालीन राज व्यवस्था में, शासक के बाद सर्वोच्च प्रशासनिक और राजनीतिक पद 'प्रधान' का होता था, जो मुख्यमंत्री के समान था।
50. सामंतों से वार्षिक उपज का अनुमान, जिसे ‘रेख’ कहते थे, कर लिया जाता था इसे मारवाड़ में किस नाम से जाना जाता था -
- A. पट्टा रेख
- B. भरतु रेख
- C. 1 व 2 दोनों
- D. इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: मारवाड़ में, जागीर के पट्टे में उल्लिखित अनुमानित आय को 'पट्टा रेख' और राज्य को चुकाई जाने वाली वास्तविक सैन्य सेवा या नकद राशि को 'भरतु रेख' कहा जाता था।