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राजस्थान की मध्यकालीन प्रशासनिक व्यवस्था

राजस्थान इतिहास - राजस्थान की मध्यकालीन प्रशासनिक व्यवस्था
51. सेना का दूसरा प्रमुख अंग घुड़सवार था, किस राज्य में घुड़सवार सेना माधव रिसाला और राज्य रिसाला में विभाजित थी -
  • A. कोटा
  • B. जोधपुर
  • C. बीकानेर
  • D. जयपुर
52. मुगल दरबार में राजा द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि, जो वहाँ की गतिविधियों से निरंतर राजा को अवगत करवाता रहता था वह क्या कहलाता था -
  • A. खुफिया नवीस
  • B. हाकिम खैरात
  • C. पोतदार
  • D. वकील
53. जोधपुर राज्य में विधवा के पुनर्विवाह पर प्रति विवाह 1 रु. की दर से कर लिया जाता था, जिसे ‘कागली या नाता’ कहा जाता था इसी प्रकार का कर जयपुर राज्य में क्या कहलाता था -
  • A. छेली राशि
  • B. नाता बराड़
  • C. नाता कागली
  • D. नाता
54. राजस्थान के प्रारंभिक मध्यकाल के राज्यों में ‘अक्षपटलिक’ की जिम्मेदारी थी-
  • A. मुख्य कोषपाल के रूप में काम करना।
  • B. मुख्य लेखाधिकारी के रूप में काम करना।
  • C. विदेश मंत्री के रूप में काम करना।
  • D. प्रधान मंत्री के रूप में काम करना।
55. अधिकारी, जिसे मुगल काल में विद्वानों को गुजारा भत्ता (मदद-ए-माश) प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गयी थी, को किस नाम से जाना जाता था -
  • A. वकील
  • B. वज़ीर
  • C. सद्र
  • D. मीर बक्शी
56. सोलह, बत्तीस और गोल का संबंध किससे है -
  • A. बीकानेर राज्य में सामन्तों की श्रेणियां
  • B. जयपुर राज्य में सामन्तों की श्रेणियां
  • C. मेवाड़ राज्य में सामन्तों की श्रेणियां
  • D. मारवाड़ राज्य में सामन्तों की श्रेणियां
57. ईजारा जाना जाता है-
  • A. भूमि मूल्यांकन के लिए
  • B. मुद्रा परिवर्तन के लिए
  • C. राजस्व की ठेका प्रणाली के लिए
  • D. स्वर्ण की खरीद के लिए
58. मारवाड़ में वीरता, सेवा के लिए ‘सिरोपाव’ देने की परम्परा रही थी, सर्वोच्च सिरोपाव था -
  • A. पालकी सिरोपाव
  • B. हाथी सिरोपाव
  • C. घोड़ा सिरोपाव
  • D. कड़ा दुशाला सिरोपाव
59. मारवाड़ में वीरता, सेवा के लिए ‘सिरोपाव’ देने की परम्परा रही थी, सर्वोच्च सिरोपाव था -
  • A. पालकी सिरोपाव
  • B. हाथी सिरोपाव
  • C. घोड़ा सिरोपाव
  • D. कड़ा दुशाला सिरोपाव