1. सर्वप्रथम किस वर्ष समूचे राजस्थान राज्य में ग्राम पंचायतें संस्थापित की गई -
- (अ) 1953
- (ब) 1959
- (स) 1993
- (द) 1951
व्याख्या: राजस्थान पंचायत अधिनियम, 1953 के तहत पूरे राज्य में ग्राम पंचायतों की स्थापना की गई थी। यह त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था (1959) की औपचारिक शुरुआत से पहले का कदम था।
2. ग्राम सभा की ‘गणपूर्ति' कितनी है -
- (अ) कुल सदस्य संख्या का पाँचवाँ भाग
- (ब) कुल सदस्य संख्या का आधा भाग
- (स) कुल सदस्य संख्या का चौथाई भाग
- (द) कुल सदस्य संख्या का दसवाँ भाग
व्याख्या: ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने के लिए, कुल सदस्यों में से कम से कम दसवें हिस्से का उपस्थित होना अनिवार्य है। इसे ही गणपूर्ति या कोरम कहते हैं।
3. पंचायती राज संस्था के चुनाव लड़ने हेतु प्रत्याशी की निर्धारित न्यूनतम आयु सीमा क्या है -
- (अ) 18 वर्ष
- (ब) 21 वर्ष
- (स) 25 वर्ष
- (द) 30 वर्ष
व्याख्या: पंचायती राज संस्थाओं (जैसे सरपंच या पंच) का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए, जबकि मतदान करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है।
4. अनुच्छेद 40 के अनुसार, राज्य ग्राम पंचायतों का संगठन करने के लिए कदम उठाएगा और उनको ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें ________ योग्य बनाने के लिए आवश्यक हो।
- (अ) सामाजिक न्याय की इकाइयों के रूप में कार्य करने
- (ब) विकेन्द्रित शासन की इकाइयों के रूप म कार्य करने
- (स) स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने
- (द) विकास की इकाइयों के रूप में कार्य करने
व्याख्या: संविधान का अनुच्छेद 40 राज्य के नीति निदेशक तत्वों का हिस्सा है और यह राज्य को निर्देश देता है कि वह ग्राम पंचायतों को स्वायत्त शासन (स्व-शासन) की इकाइयों के रूप में स्थापित करे।
5. तहसीलदार के कार्य के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है -
- (अ) वह पटवारी के काम की निगरानी करता है।
- (ब) वह यह सुनिश्चित कर सकता है कि अभिलेख ठीक से रखे गए हैं और भू-राजस्व एकत्र किया गया है।
- (स) एक तहसीलदार जमीन से जुड़े विवादों की सुनवाई नहीं करता है।
- (द) एक तहसीलदार राजस्व अधिकारी के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
व्याख्या: यह कथन गलत है क्योंकि तहसीलदार राजस्व अधिकारी के रूप में भूमि संबंधी विवादों की सुनवाई करता है और उनका निस्तारण करता है।
6. पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाने का दायित्व किसका है -
- (अ) भारत निर्वाचन आयोग का
- (ब) पंचायती राज विभाग, राजस्थान का
- (स) राज्य निर्वाचन आयोग का
- (द) मुख्य चुनाव अधिकारी, राजस्थान का
व्याख्या: संविधान के 73वें संशोधन के अनुसार, राज्यों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की होती है।
7. निम्न में से किन पदाधिकारी/पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत प्राप्त होने पर लोकायुक्त, राजस्थान द्वारा जांच नहीं की जा सकती है -
- (अ) पंचायत समितियों के प्रधान एवं उप-प्रधान
- (ब) पंचायत समितियों की स्थायी समितियों के अध्यक्ष
- (स) सरपंच एवं पंच
- (द) जिला परिषद का उप-प्रमुख
व्याख्या: राजस्थान लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम के अनुसार, सरपंच और पंच लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं, इसलिए उनके खिलाफ जांच नहीं की जा सकती।
8. निम्नलिखित में से कौन राज्य के वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राजस्थान में नगरपालिकाओं के संसाधनों की अनुपूर्ति के लिए राज्य की संचित निधि के संवर्धन के लिए आवश्यक अध्युपायों के बारे में राष्ट्रपति को सिफारिशें करता है -
- (अ) भारत का वित्त आयोग
- (ब) नीति आयोग
- (स) राज्य सरकार
- (द) राज्यपाल
व्याख्या: राज्य वित्त आयोग अपनी सिफारिशें राज्यपाल को देता है, और फिर केंद्रीय वित्त आयोग इन सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति को सलाह देता है कि राज्य की संचित निधि को कैसे बढ़ाया जाए।
9. सन् 1959 से पूर्व राजस्थान में पंचायती राज प्रणाली के संबंध में कौनसा अधिनियम प्रवर्तन में था -
- (अ) राजस्थान पंचायत अधिनियम, 1953
- (ब) राजस्थान पंचायत अधिनियम, 1954
- (स) राजस्थान पंचायत एवं शहरी निकाय अधिनियम, 1953
- (द) इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: 1959 में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू होने से पहले, राजस्थान में ग्राम पंचायतों का संचालन 'राजस्थान पंचायत अधिनियम, 1953' के तहत होता था।
10. राजस्थान में जिला ग्रामीण विकास अभिकरणों का विलय जिला परिषदों में कब किया गया था -
- (अ) 2003
- (ब) 2007
- (स) 2002
- (द) 2005
व्याख्या: प्रशासनिक सुधारों के तहत, ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2003 में जिला ग्रामीण विकास अभिकरणों (DRDA) का विलय जिला परिषदों में कर दिया गया।