61. पंचायती राज के तीन स्तर _______ हैं -
- (अ) ग्राम सभा → पंचायत समिति → ग्राम पंचायत
- (ब) ग्राम पंचायत → जिला परिषद → प्रखंड समिति
- (स) जिला परिषद → पंचायत समिति → ग्राम पंचायत
- (द) प्रखंड समिति → जिला परिषद → ग्राम पंचायत
व्याख्या: पंचायती राज की त्रिस्तरीय संरचना में सबसे निचले स्तर पर ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत समिति (ब्लॉक/प्रखंड समिति), और शीर्ष स्तर पर जिला परिषद होती है।
62. 74वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम अनुसार, निम्नलिखित में से किन लोगों को स्थानीय निकायों में आरक्षण मिलता है -1. अनुसूचित जनजाति (ST)2. अनुसूचित जातियाँ (SC)3. अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)4. स्त्रियाँनिम्न में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें:
- (अ) केवल 1, 2 और 4
- (ब) केवल 1, 3 और 4
- (स) केवल 2, 3 और 4
- (द) सभी 1, 2, 3 और 4
व्याख्या: 74वें संशोधन के तहत शहरी स्थानीय निकायों में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण अनिवार्य है। महिलाओं के लिए कम से कम एक-तिहाई आरक्षण अनिवार्य है। साथ ही, यह राज्य विधानमंडल को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए भी आरक्षण का प्रावधान करने की अनुमति देता है।
63. नागौर में, पंचायती राज की त्रिस्तरीय प्रणाली किस पंचवर्षीय योजना के तहत शुरू हुई -
- (अ) पहली
- (ब) दूसरी
- (स) तीसरी
- (द) चौथी
व्याख्या: पंचायती राज की शुरुआत 2 अक्टूबर 1959 को हुई थी, जो दूसरी पंचवर्षीय योजना (1956-1961) की अवधि के दौरान थी।
64. सभी पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल कितने वर्ष होता है -
- (अ) 5 वर्ष
- (ब) 7 वर्ष
- (स) 3 वर्ष
- (द) 8 वर्ष
व्याख्या: संविधान के अनुच्छेद 243-E के अनुसार, प्रत्येक पंचायत का कार्यकाल उसकी पहली बैठक की तारीख से पांच वर्ष का होता है।
65. ग्राम स्तर पर प्रतिनिधिक प्रजातन्त्र जिसके द्वारा लागू किया गया है , वह है -
- (अ) ग्राम सभा
- (ब) पंचायत
- (स) सरपंच
- (द) पंच
व्याख्या: ग्राम सभा को प्रत्यक्ष लोकतंत्र की संस्था माना जाता है, जहाँ गांव के सभी मतदाता मिलकर सीधे तौर पर निर्णय प्रक्रिया में भाग लेते हैं और विकास कार्यों पर चर्चा करते हैं, जो प्रतिनिधिक प्रजातंत्र का एक रूप है।
66. 74वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, ______ से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में नगर निगम होना चाहिए।
- (अ) छः लाख
- (ब) पाँच लाख
- (स) तीन लाख
- (द) चार लाख
व्याख्या: यद्यपि बड़े शहरी क्षेत्रों के लिए नगर निगम का प्रावधान है, लेकिन राजस्थान नगरपालिका अधिनियम के अनुसार, 1 लाख से अधिक और 5 लाख से कम आबादी वाले क्षेत्रों में नगर परिषद और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में नगर निगम स्थापित किए जाते हैं। दिए गए विकल्पों में 'तीन लाख' सबसे निकट और तार्किक सीमा है।
67. निम्नलिखित प्रश्न में अभिकथन (A) का एक कथन और उसके बाद कारण (R) का एक कथन दिया गया है।निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर को चुनें :अभिकथन (A) : 74वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम से पूर्व, प्रत्येक राज्य में नगरीय प्रशासन की संगठनात्मक व्यवस्था भिन्न थी।कारण (R) : भारतीय संविधान निर्माताओं ने स्थानीय प्रशासन विषय को राज्य सूची में रखा और प्रत्येक राज्य अपनी आवश्यकता अनुसार शहरी निकायों का नियमन करने के लिए स्वतंत्र था।
- (अ) (A) और (R) दोनों सही हैं किन्तु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
- (ब) (A) गलत है किन्तु (R) सही है।
- (स) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
- (द) (A) सही है किन्तु (R) गलत है।
व्याख्या: अभिकथन (A) सही है क्योंकि 74वें संशोधन से पहले शहरी निकायों के लिए कोई राष्ट्रीय मानक नहीं था। कारण (R) भी सही है क्योंकि 'स्थानीय स्वशासन' राज्य सूची का विषय है, जिससे राज्यों को अपने कानून बनाने की स्वतंत्रता थी। कारण, अभिकथन की सही व्याख्या करता है क्योंकि राज्य सूची का विषय होने के कारण ही व्यवस्था में भिन्नता थी।
68. 74 वें संविधानिक संशोधन के अनुसार महानगर क्षेत्र का तात्पर्य है -
- (अ) दस लाख या उससे अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र
- (ब) दस लाख जनसंख्या वाला क्षेत्र
- (स) पाँच लाख जनसंख्या वाला क्षेत्र
- (द) पाँच लाख या उससे अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र
व्याख्या: संविधान के अनुच्छेद 243P(c) में 'महानगरीय क्षेत्र' (Metropolitan area) को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिसका अर्थ है दस लाख (एक मिलियन) या उससे अधिक की आबादी वाला क्षेत्र।
69. राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 को किस वर्ष में संशोधित कर राजस्थान पंचायत समिति और जिला परिषद सेवा के गठन का प्रावधान किया गया -
- (अ) 2020
- (ब) 2021
- (स) 2022
- (द) 2023
व्याख्या: वर्ष 2021 में किए गए संशोधन के माध्यम से, राजस्थान पंचायती राज अधिनियम में राजस्थान पंचायत समिति और जिला परिषद सेवा के गठन का प्रावधान जोड़ा गया।
70. राजस्थान में पंचायत समिति के प्रधान के विरुद्ध अविश्वास के प्रस्ताव पर विचार करने के लिये किसी बैठक के गठन के लिये गणपूर्ति उसमें मतदान के हकदार व्यक्तियों की कुल संख्या की _____ होगी।
- (अ) एक चौथाई (1/4)
- (ब) दसवाँ भाग (1/10)
- (स) एक तिहाई (1/3)
- (द) दो तिहाई (2/3)
व्याख्या: पंचायत समिति के प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक तभी वैध मानी जाएगी, जब मतदान के हकदार कुल सदस्यों में से कम से कम एक-तिहाई सदस्य उपस्थित हों।