11. राजस्थान के किस जिले में ‘खड़ीन’ जल संरक्षण की प्रचलित विधि है -
- A. नागौर
- B. बीकानेर
- C. जैसलमेर
- D. पाली
व्याख्या: **खड़ीन**, जो कृषि और जल संरक्षण की एक अनूठी विधि है, मुख्य रूप से **जैसलमेर** जिले में पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा विकसित की गई थी।
12. जैसलमेर जिले में पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा शुरू की गई परम्परागत जल संरक्षण की विधि कहलाती है –
- A. कुंडी
- B. टांका
- C. खड़ीन
- D. जोहड़
व्याख्या: 15वीं शताब्दी में **जैसलमेर** के पालीवाल ब्राह्मणों ने ढलान वाले खेतों पर मेड़ बनाकर वर्षा जल को रोकने और कृषि करने की तकनीक विकसित की, जिसे **खड़ीन** कहा जाता है।
13. निम्न में से कौन-सा रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम राजस्थान से संबंधित है -
- A. कुल
- B. जोहड़
- C. गुल
- D. कुण्ड
व्याख्या: **जोहड़** शेखावाटी क्षेत्र में वर्षा जल संचयन के लिए बनाए गए कच्चे कुएं होते हैं। 'गुल' और 'कुल' हिमालयी क्षेत्रों की प्रणालियाँ हैं।
14. वर्षा जल संरक्षण के लिए रानीसर टांका कहाँ स्थित है -
- A. जैसलमेर
- B. जोधपुर
- C. बाडमेर
- D. बीकानेर
व्याख्या: **रानीसर टांका** जोधपुर में मेहरानगढ़ किले की तलहटी में स्थित एक ऐतिहासिक वर्षा जल संग्रहण कुंड है। इसका निर्माण राव जोधा की पत्नी रानी जसमादे ने करवाया था।
15. शेखावाटी भू-भाग में कूएं स्थानीय भाषा में किस नाम से जाने जाते हैं -
- A. बावड़ी
- B. जोहड़
- C. बेरा
- D. खूं
व्याख्या: शेखावाटी क्षेत्र में वर्षा जल को इकट्ठा करने के लिए बनाए गए कच्चे या पक्के कुंडनुमा कुओं को स्थानीय रूप से **जोहड़** कहा जाता है।
16. शेखावाटी भू-भाग में कूएं स्थानीय भाषा में किस नाम से जाने जाते हैं -
- A. बावड़ी
- B. जोहड़
- C. बेरा
- D. खूं
व्याख्या: शेखावाटी क्षेत्र में वर्षा जल को इकट्ठा करने के लिए बनाए गए कच्चे या पक्के कुंडनुमा कुओं को स्थानीय रूप से **जोहड़** कहा जाता है।