151. टॉडगढ़-रावली वन्यजीव अभयारण्य में स्थित दीवैर स्थल (Deewair Place) राजा ____ से संबंधित है -
- A. उदय सिंह
- B. शक्ति सिंह
- C. महाराणा प्रताप
- D. विक्रम सिंह
व्याख्या: दीवैर का ऐतिहासिक स्थल महाराणा प्रताप से संबंधित है, जहाँ उन्होंने 1582 में मुगलों पर एक निर्णायक जीत हासिल की थी। यह स्थल टॉडगढ़-रावली वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में स्थित है।
152. निम्नलिखित से मिलान कीजिए:सूची I (घटना/तथ्य)सूची II (तिथि/व्यक्ति/कथन)A. राजस्थान वन्य-पक्षी संरक्षण अधिनियम 1. 23 अप्रैल 1951C. राजस्थान में वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 2. 1 सितम्बर, 1973D. वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम राष्ट्रीय स्तर पर लागू 3. 9 सितम्बर 1972सही विकल्प:
- A. A-1, B-2, C-3
- B. A-3, B-1, C-2
- C. A-3, B-2, C-1
- D. A-2, B-3, C-1
व्याख्या: सही मिलान इस प्रकार है: राजस्थान वन्य-पक्षी संरक्षण अधिनियम 23 अप्रैल 1951 को लागू हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 9 सितंबर 1972 को लागू हुआ और इसे राजस्थान में 1 सितंबर 1973 को अपनाया गया।
153. राजस्थान में निम्नलिखित में से किस स्थान पर ‘उड़न गिलहरीयां’ पाई जाती हैं -
- A. मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क
- B. रणथम्भोर नेशनल पार्क
- C. सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य
- D. सरिस्का टाइगर रिजर्व
व्याख्या: सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य (प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़) विशेष रूप से उड़न गिलहरियों (Flying Squirrels) के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें स्थानीय भाषा में 'आसोवा' कहा जाता है। यह जीव रात में सक्रिय होता है।
154. ‘राजस्थान वन एवं जैव विविधता परियोजना’ किसकी सहायता से प्रारम्भ की गई -
- A. स्वीडन
- B. विश्व बैंक
- C. जापान
- D. फ्रांस
व्याख्या: राजस्थान वन एवं जैव विविधता परियोजना (RFBP) जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के वित्तीय सहयोग से शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य वनीकरण और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देना था।
155. मानसी वाकल और सोम नदियां किस वन्यजीव अभ्यारण से गुजरती है -
- A. सज्जनगढ़
- B. कुंभलगढ़
- C. फुलवारी की नाल
- D. माउण्ट आबू
व्याख्या: फुलवारी की नाल अभयारण्य, जो उदयपुर में स्थित है, से मानसी, वाकल और सोम नदियाँ निकलती हैं। यह इस क्षेत्र की जल सुरक्षा और पारिस्थितिकी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
156. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान में किस स्थान पर स्थित है।
- A. बाड़मेर
- B. भरतपुर
- C. धौलपुर
- D. राजसमंद
व्याख्या: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, जिसे घना पक्षी विहार भी कहा जाता है, राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है। यह एक विश्व धरोहर स्थल है और प्रवासी पक्षियों, विशेषकर साइबेरियन सारस के लिए प्रसिद्ध है।
157. ‘बाघों की भूमि’ किस अभयारण्य को कहा गया -
- A. कार्बेट नेशनल पार्क
- B. कान्हा नेशनल पार्क
- C. रणथम्भौर नेशनल पार्क
- D. सरिस्का अभयारण्य
व्याख्या: रणथम्भौर नेशनल पार्क को इसकी उच्च बाघ घनत्व और बाघों को आसानी से देखे जाने की संभावनाओं के कारण 'बाघों की भूमि' (Land of Tigers) कहा जाता है।
158. निम्नलिखित में से किस वर्ष में दर्राह वन्यजीव अभ्यारण्य को राष्ट्रीय उद्यान (मुकंदरा हिल्स (दर्राह) राष्ट्रीय उद्यान) घोषित किया गया -
- A. 2012 में
- B. 2004 में
- C. 2006 में
- D. 2010 में
व्याख्या: दर्राह वन्यजीव अभयारण्य, जवाहर सागर अभयारण्य और चंबल वन्यजीव अभयारण्य के कुछ हिस्सों को मिलाकर 9 जनवरी 2012 को 'मुकंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान' के रूप में अधिसूचित किया गया था।
159. केसर बाग वन्यजीव क्षेत्र स्थित है -
- A. धौलपुर में
- B. भीलवाडा में
- C. बांसवाड़ा में
- D. उदयपुर में
व्याख्या: केसर बाग वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित है। यह रामसागर और वन विहार अभयारण्यों के साथ धौलपुर के तीन प्रमुख वन्यजीव क्षेत्रों में से एक है।
160. राजस्थान में सीतामाता अभयारण्य प्रसिद्ध है-
- A. शेर के लिए
- B. सारस के लिए
- C. उड़न गिलहरी के लिए
- D. काले हिरण के लिए
व्याख्या: सीतामाता अभयारण्य अपनी अनूठी उड़न गिलहरी के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इसके अलावा, यह सागवान वनों और चौसिंघा (चार सींगों वाला मृग) के लिए भी प्रसिद्ध है।