111. मृत्यु उत्सव के लिए राजस्थान में निम्न में से कौनसा एक नाम है-
- A. दापा
- B. मोसर
- C. हेल्मो
- D. बढ़ार
व्याख्या: 'मौसर' राजस्थान में मृत्यु भोज के लिए प्रचलित एक नाम है।
112. राजस्थान के रीति – रिवाजों में ‘आंणौ’ क्या है -
- A. विवाह के पश्चात् दुल्हन को दूसरी बार ससुराल भेजना
- B. जलझूलनी की एकादशी पूजा
- C. कुँआ पूजन
- D. दुल्हन के परिवार द्वारा वर की बारात का डेरा देखने जाना
व्याख्या: 'आंणौ' या गौना वह रिवाज है जिसमें विवाह के बाद दुल्हन को दूसरी बार (या पहली बार स्थाई रूप से) उसके ससुराल भेजा जाता है।
113. सती प्रथा का अन्य नाम है -
- A. सहमरण
- B. सहगमन
- C. अन्वारोहण
- D. ये सभी
व्याख्या: सती प्रथा को 'सहमरण', 'सहगमन' और 'अन्वारोहण' इन सभी नामों से जाना जाता था, क्योंकि इसमें पत्नी पति के साथ ही मृत्यु को प्राप्त होती थी।
114. ‘सहगमन’ प्रथा का संबंध था -
- A. कन्या वध से
- B. विधवा विवाह से
- C. सती प्रथा से
- D. बाल विवाह से
व्याख्या: 'सहगमन' का अर्थ है 'साथ जाना'। यह प्रथा सती प्रथा से संबंधित है, जिसमें विधवा अपने मृत पति के साथ चिता पर बैठ जाती थी।
115. राजस्थान की संस्कृति में ‘मुगधणा’ क्या है-
- A. माताजी को मेहंदी चढाकर मेहमानों में बाँटना |
- B. लाख की चूड़ियाँ जिसमें चाँदी की कड़ी पिरोई जाती है |
- C. भोजन पकाने के लिए लकडियां जो विनायक स्थापना के पश्चात लाई जाती है |
- D. वधू को मूँग और घी खिलाना |
व्याख्या: 'मुगधणा' या 'मुग्धणा' विवाह की एक रस्म है जिसमें गणेश (विनायक) स्थापना के बाद भोजन पकाने के लिए लकड़ियां लाई जाती हैं।
116. सीरावन किसे कहते हैं -
- A. कृषकों का सुबह का भोजन
- B. रात को सोने से पहले का भोजन
- C. विवाह की एक रस्म
- D. एक प्रकार का आभूषण
व्याख्या: 'सीरावन' या 'कलेवा' राजस्थान में किसानों द्वारा सुबह किए जाने वाले नाश्ते या भोजन को कहा जाता है।
117. लार्ड डलहौजी ने स्त्रियों को विधवा विवाह से मुक्ति प्रदान करने हेतु 'विधवा पुनर्विवाह अधिनियम' किस वर्ष बनाया
- A. 1850 में
- B. 1852 में
- C. 1856 में
- D. 1862 में
व्याख्या: ईश्वर चंद्र विद्यासागर के प्रयासों से, लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में मसौदा तैयार हुआ और लॉर्ड कैनिंग के समय में 1856 में 'विधवा पुनर्विवाह अधिनियम' पारित किया गया।
118. राजस्थान के रीति-रिवाजों में ‘मौसर’ किसे कहा जाता है -
- A. गृह-प्रवेश
- B. दहेज
- C. विवाह के अवसर पर प्रीति भोज
- D. मृत्यु-भोज
व्याख्या: 'मौसर' राजस्थान में मृत्यु के बाद दिए जाने वाले भोज को कहा जाता है।
119. जागीरदारों में पहले लोग अपनी शादी में दहेज के साथ में कुछ कुंआरी कन्याएं भी देते थे इसे किस नाम से पुकार जाता था -
- A. गौना
- B. महर
- C. गोला
- D. डावड़ी
व्याख्या: इस प्रथा को 'डावड़ी' या 'डावरिया प्रथा' कहा जाता था, जिसमें राजा-महाराजा अपनी बेटी के विवाह में दहेज के साथ कुछ कुंवारी कन्याएं भी देते थे।
120. किस संस्कार को यज्ञोपवीत संस्कार भी कहते हैं -
- A. वेदारम्भ
- B. विद्यारम्भ
- C. उपनयन
- D. समावर्तन
व्याख्या: 'उपनयन' संस्कार को 'यज्ञोपवीत' या 'जनेऊ' संस्कार भी कहा जाता है। इसी संस्कार के बाद बालक द्विज कहलाता है।