121. किस संस्कार के पश्चात् ब्रह्मचर्याश्रम की शुरूआत होती है-
- A. विद्यारम्भ
- B. उपनयन
- C. समावर्तन
- D. चूड़ाकर्म
व्याख्या: उपनयन संस्कार के बाद ही बालक शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल जाता था और उसके ब्रह्मचर्य आश्रम का आरंभ होता था।
122. कन्या वध को गैर कानूनी घोषित करने वाली राजस्थान की पहली रियासत थी -
- A. झालावाड़
- B. जयपुर
- C. शाहपुरा
- D. कोटा
व्याख्या: राजस्थान में कोटा रियासत ने सर्वप्रथम 1833 में कन्या वध को गैर-कानूनी घोषित किया था।
123. दीपदान परम्परा का सम्बन्ध ................ पवित्र शहर से है -
- A. पुष्कर
- B. सालासर
- C. खाटू श्याम
- D. गोगामेड़ी
व्याख्या: 'दीपदान' की परंपरा का संबंध मुख्य रूप से पुष्कर से है, जहाँ कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु पुष्कर झील में दीपक प्रवाहित करते हैं।
124. ‘बड़ालिया’ से तात्पर्य है -
- A. वधू पक्ष द्वारा वर पक्ष का स्वागत करना
- B. शोकस्वरूप अपने दाढ़ी, मूंछ व बाल कटवा देना
- C. अफीम द्वारा मेहमानों की मनुहार करना
- D. वैवाहिक सम्बन्धों में मध्यस्थता करने वाला
व्याख्या: 'बड़ालिया' उस व्यक्ति को कहा जाता है जो विवाह संबंधों में मध्यस्थ की भूमिका निभाता है और दोनों पक्षों के बीच बातचीत करवाता है।
125. आखा से क्या आशय है -
- A. मकान की छत
- B. मांगलिक अवसर पर काम आने वाले चावल या गेहूं के दाने
- C. छोटी एवं हल्की बैलगाड़ी
- D. पत्थर खोदने में पुयुक्त उपकरण
व्याख्या: 'आखा' या 'अक्षत' उन चावल या गेहूं के दानों को कहा जाता है जिनका उपयोग मांगलिक कार्यों जैसे पूजा और विवाह में किया जाता है।
126. बाखड़ी शब्द प्रयुक्त किया जाता है -
- A. गाय और भैंस के लिये
- B. वैवाहिक रस्म के लिये
- C. कृषि उपकरण के लिये
- D. सिंचाई उपकरण के लिये
व्याख्या: 'बाखड़ी' शब्द अक्सर युवा गाय या भैंस (बछड़ी) के लिए प्रयोग किया जाता है।
127. राजस्थान की परंपराओं में ‘मौसर’ को क्या कहा जाता है -
- A. दहेज
- B. मृत्युभोज
- C. गृह प्रवेश
- D. शादी के अवसर पर रात्रिभोज
व्याख्या: 'मौसर' राजस्थान में प्रचलित मृत्युभोज का एक नाम है।
128. कौनसा संस्कार शिशु जन्म से पूर्व नहीं किया जा सकता -
- A. गर्भाधान
- B. पुंसवन
- C. सीमन्तोन्नयन
- D. निष्क्रमण
व्याख्या: 'निष्क्रमण' संस्कार शिशु के जन्म के बाद किया जाता है, जिसमें उसे पहली बार घर से बाहर निकाला जाता है। गर्भाधान, पुंसवन और सीमन्तोन्नयन जन्म से पूर्व के संस्कार हैं।
129. राजस्थानी संस्कृति में ‘जांनोटण’ क्या है -
- A. वर-पक्ष की ओर से दिया जाने वाला भोज
- B. भूमि का माप
- C. एक प्रकार का लोक गीत
- D. एक कृषि कर
व्याख्या: 'जांनोटण' वर पक्ष द्वारा विवाह के अवसर पर दिए जाने वाले भोज को कहा जाता है।
130. आदिवासीयों में कटकी वस्त्र पहना जाता है -
- A. विधवाओं के द्वारा
- B. पुरूषों द्वारा
- C. अविवाहित युवतियों द्वारा
- D. विवाहित स्त्रियों द्वारा
व्याख्या: 'कटकी' वस्त्र आदिवासी अविवाहित युवतियों और बालिकाओं द्वारा पहना जाने वाला एक घाघरा होता है।