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राजस्थान के रीति-रिवाज एवं प्रथाएँ

Rajasthan Arts and Culture - राजस्थान के रीति-रिवाज एवं प्रथाएँ
41. प्रथम बार पुत्र के जन्म के अवसर पर बालक और उसके परिवार को ननिहाल पक्ष द्वारा वस्त्र व आभूषण दिए जाते हैं। यह रिवाज कहलाता है -
  • A. जामणा
  • B. मायरा
  • C. पहरावणी
  • D. जुहारी
42. बेटी का पहला प्रसव होने पर उसके पीहर वालों द्वारा जंवाई व उसके साथियों को भेंट देना कहलाता है-
  • A. दशोठन
  • B. कोथला
  • C. जलवा
  • D. पहरावणी
43. राजस्थान में ‘सागड़ी निवारण अधिनियम’ किस वर्ष पारित किया गया -
  • A. 1955 में
  • B. 1961 में
  • C. 1968 में
  • D. 1965 में
44. शमशान के पास वाले चौराहें पर अर्थी की दिशा बदलने को क्या कहते है-
  • A. पिंडदान
  • B. सातरवाड़ा
  • C. आधेटा
  • D. बखेर
45. ‘पड़दायत, खवासन, पासवान’ नामक महिलाएं संबंधित थी -
  • A. नृत्य गायन से
  • B. दास प्रथा से
  • C. लोक चित्रकारी से
  • D. धाय मां से
46. विवाह के दूसरे दिन वर पक्ष द्वारा नवदंपति के लिए आशीर्वाद समारोह व प्रीतिभोज को क्‍या कहते हैं -
  • A. कू
  • B. बढार
  • C. औलंदी
  • D. आणों
47. राजदरबार में पंक्तिबद्ध तरीके से बैठने की रिति को कहा जाता है-
  • A. पाशीब
  • B. कुरब
  • C. मिसल
  • D. नाजर
48. राजस्थान में गोला, दरोगा, चाकर, चेला आदि सम्बोधन किसके लिए प्रयुक्त होते थे -
  • A. तांत्रिक के लिए
  • B. घरेलू दास के लिए
  • C. पुलिसकर्मी के लिए
  • D. बन्धुआ मजदूर के लिए
49. शारदा एक्ट के प्रणेता थे -
  • A. अर्जुन लाल सेठी
  • B. रायबहादुर हरविलास
  • C. गोकुल भाई भट्ट
  • D. मोहनलाल सुखाड़िया
50. अप्रैल, 1930 में बाल विवाह निरोधक कानून के प्रणेता कौन थे -
  • A. अर्जुनलाल सेठी
  • B. रायबहादुर हरविलास
  • C. हीरालाल शास्त्री
  • D. जमनालाल बजाज