91. निम्न में से कौन-सा वाद्य घन वाद्य नहीं है -
- A. झांझ
- B. खडताल
- C. मंजीरा
- D. जंतर
व्याख्या: जंतर एक तत् (तार वाला) वाद्य है, जबकि झांझ, खड़ताल और मंजीरा घन (धातु से बने और टकराकर बजाए जाने वाले) वाद्य हैं।
92. ‘तारपी’ वाद्ययंत्र का प्रयोग मुख्यतः किस जाति के द्वारा किया जाता है -
- A. कथोडियों
- B. मांगणियारों
- C. नटों
- D. जोगियों
व्याख्या: तारपी एक सुषिर वाद्य है जिसे मुख्य रूप से कथौड़ी जनजाति के लोग बजाते हैं।
93. सारंगी के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है -
- A. इसमें कुल 27 तारें होती हैं।
- B. यह रोहिड़ा, तून, सागवान या कैर की लकड़ी से बनाई जाती है।
- C. सिंधि सारंगी में तारों की संख्या गुजरातण सारंगी से कम होती है।
- D. इसका वादन गज की सहायता से किया जाता है।
व्याख्या: यह कथन गलत है। सिंधी सारंगी, सारंगी के अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक जटिल होती है और इसमें तारों की संख्या अक्सर अधिक होती है।
94. ‘जला’ गीत स्त्रियों द्वारा कब गाया जाता है -
- A. कुंआ पूजन के समय
- B. जलझूलनी एकादशी के अवसर पर
- C. वर की बारात का डेरा देखने जाने पर
- D. तीज पूजन के अवसर पर
व्याख्या: यह गीत वधू पक्ष की महिलाओं द्वारा तब गाया जाता है जब वे दूल्हे की बारात के ठहरने का स्थान (डेरा) देखने जाती हैं।
95. पटेल्या, लालर, मूमल, बिछियो हैं –
- A. राजस्थानी आभूषण
- B. राजस्थानी लोकगीत
- C. राजस्थानी लोकवाद्य
- D. राजस्थानी लोकनाट्य
व्याख्या: ये सभी राजस्थान के प्रसिद्ध लोकगीतों के नाम हैं।
96. निम्नलिखित में से कौन सा वाद्य यंत्र पुंगी का परिष्कृत रूप है, जिसमें नलीदार तुम्बी के नीचे चौड़े भाग में दो बांस की नालियाँ फंसाई जाती हैं -
- A. सतारा
- B. मुरला/मुरली
- C. सुरनाई
- D. तुरही
व्याख्या: मुरला या मुरली, जिसे लंगा जाति के लोग बजाते हैं, पंगी का ही एक उन्नत और सुरीला रूप है।
97. ‘राजस्थान कबीर यात्रा’ का संबंध निम्नलिखित में से किस क्षेत्र से है -
- A. गायन
- B. चित्रण
- C. लेखन
- D. वानिकी
व्याख्या: राजस्थान कबीर यात्रा एक घूमता-फिरता संगीत समारोह है जिसमें लोक कलाकार कबीर और अन्य संतों के पदों का गायन करते हैं।
98. निम्नलिखित में से कौन सा वाद्य यंत्र अष्टभुजाकार है और होली के अवसर पर डंडे पर कपड़ा लपेटकर बजाया जाता है -
- A. तासा
- B. धौंसा
- C. घेरा
- D. खंजरी
व्याख्या: घेरा एक अष्टभुजाकार लकड़ी के फ्रेम पर बना चंग जैसा वाद्य है जिसे होली पर बजाया जाता है।
99. पाबूजी की फड़ में भोपा द्वारा प्रयोग किया जाने वाला लोकवाद्य है -
- A. रावण हत्था
- B. कुण्डी
- C. मंजीरा
- D. पूंगी
व्याख्या: पाबूजी के भोपे उनकी फड़ का वाचन करते समय रावणहत्था बजाते हैं।
100. लांगूरिया गीत का सम्बन्ध है -
- A. शिलादेवी
- B. कैला देवी
- C. करणी माता
- D. राणी सती
व्याख्या: लांगुरिया गीत करौली की कैला देवी की आराधना में उनके भक्तों द्वारा गाए जाते हैं।