121. रबाब, चिकारा और चौतारा किस प्रकार के वाद्य यंत्र है -
- A. तत् वाद्य
- B. घन वाद्य
- C. अवनद्ध वाद्य
- D. सुषिर वाद्य
व्याख्या: रबाब, चिकारा और चौतारा, इन सभी में तार लगे होते हैं और इन्हें गज या मिजराब से बजाया जाता है, अतः ये तत् वाद्य हैं।
122. मेवाड़ क्षेत्र में भील स्त्री-पुरूषों द्वारा गाया जाने वाला युगल गीत कहलाता है -
- A. पपैयो
- B. सूवंटिया
- C. हमसीढ़ो
- D. हरजस
व्याख्या: हमसीढ़ो मेवाड़ के भील समुदाय का एक प्रसिद्ध युगल गीत है, जिसे स्त्री और पुरुष साथ मिलकर गाते हैं।
123. रावण हत्था क्या है -
- A. एक प्रकार की चित्रकला
- B. विशेष शैली के मांडणा
- C. वाद्ययंत्र
- D. एक प्रकार की मेंहन्दी
व्याख्या: रावणहत्था राजस्थान का एक प्राचीन और लोकप्रिय तत् वाद्ययंत्र है।
124. राजस्थान के किस क्षेत्र में ‘नड़’ वाद्ययंत्र अधिकतर प्रयुक्त होता है -
- A. जयपुर
- B. कोटा
- C. जैसलमेर
- D. अजमेर
व्याख्या: नड़ वाद्ययंत्र का प्रयोग मुख्य रूप से जैसलमेर के रेगिस्तानी क्षेत्र में किया जाता है।
125. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही है -
- A. खड़ताल-सुषिर वाद्य
- B. रबाब-तत् वाद्य
- C. बांकिया-घन वाद्य
- D. डेरू-सुषिर वाद्य
व्याख्या: रबाब एक तार वाला (तत्) वाद्य है, इसलिए यह युग्म सही है। खड़ताल (घन), बांकिया (सुषिर), और डेरू (अवनद्ध) के युग्म गलत हैं।
126. अधोलिखित को सुमेलित कीजिए -
- A. 2, 3, 1, 4
- B. 2, 4, 3, 2
- C. 3, 1, 4, 2
- D. 4, 1, 3, 2
व्याख्या: सही मिलान है: डागर घराना - बहराम खां, जयपुर घराना - मनरंग, मेवाती घराना - मोतीराम ज्योतिराम, अतरौली घराना - दुल्लु खां।
127. अल्ला जिलाई - बाई की पहचान किस क्षेत्र में रही -
- A. लंगा गायन
- B. मांड गायन
- C. हवेली गायन
- D. मांगणियार लोक गीत
व्याख्या: अल्ला जिलाई बाई की अंतरराष्ट्रीय पहचान मांड गायन के क्षेत्र में थी।
128. डमरू एवं पिनाक का प्रवर्तक माना जाता है-
- A. विष्णु
- B. शिव
- C. ब्रह्मा
- D. कृष्ण
व्याख्या: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, डमरू और पिनाक धनुष का संबंध भगवान शिव से है।
129. राजस्थान के निम्नलिखित में से किस शहर में होली के दौरान ‘रम्मत’ का आयोजन किया जाता है -
- A. करौली
- B. जोधपुर
- C. जैमलमेर
- D. बीकानेर
व्याख्या: रम्मत, जो एक लोकनाट्य शैली है, का आयोजन होली के अवसर पर विशेष रूप से बीकानेर में किया जाता है।
130. 'राग कल्पद्रुम' के रचयिता है-
- A. महाराणा कुम्भा
- B. राणा हम्मीर
- C. राधाकृष्ण
- D. कृष्णानन्द व्यास
व्याख्या: 'राग कल्पद्रुम' नामक संगीत ग्रंथ की रचना कृष्णानन्द व्यास ने की थी।