131. निम्न में से लोक वाद्य यंत्रों का कौन सा समूह सुमेलित नहीं है -
- A. मृदंग, चंग, खंजरी, नौबत
- B. पुंगी, अलगोजा, नड़, मशक
- C. रावणहत्था, जंतर, निशान, सतारा
- D. मंजीरा, झांझ, थाली, खड़ताल
व्याख्या: इस समूह में रावणहत्था और जंतर (तत् वाद्य), निशान (अवनद्ध वाद्य) और सतारा (सुषिर वाद्य) शामिल हैं, जो अलग-अलग श्रेणियों के हैं। अन्य समूहों में सभी वाद्य एक ही श्रेणी के हैं।
132. देवनारायण जी की फड़ के वाचन के साथ किस वाद्य यंत्र का प्रयोग किया जाता है -
- A. मंजीरा
- B. मांदल
- C. जंतर
- D. कुंडी
व्याख्या: देवनारायण जी की फड़ का वाचन करते समय उनके भोपे जंतर वाद्य यंत्र बजाते हैं।
133. निम्नलिखित में से कौन संगीत के जयपुर घराने से संबंधित है -
- A. भीमसेन जोशी
- B. जसराज
- C. गिरजा देवी
- D. मलिकार्जुन मंसूर
व्याख्या: मलिकार्जुन मंसूर जयपुर-अतरौली घराने के एक प्रसिद्ध खयाल गायक थे।
134. राजस्थान के पंडित विश्व मोहन भट्ट का संबंध किस वाद्य यंत्र से स्थापित किया जा सकता है -
- A. मोहनवीणा
- B. ड्रम सेट
- C. सितार
- D. सरोद
व्याख्या: पंडित विश्व मोहन भट्ट ने मोहनवीणा नामक वाद्य यंत्र का आविष्कार किया है, जो गिटार का एक संशोधित रूप है।
135. 'मरूभूमि की कोकिला' कहा जाता है-
- A. गवरी देवी
- B. बन्नो बेगम
- C. अल्लाह जिलाई बाई
- D. मांगी बाई
व्याख्या: अल्लाह जिलाई बाई को उनकी सुरीली आवाज और मांड गायकी में योगदान के लिए 'मरुभूमि की कोकिला' कहा जाता है।
136. राजस्थान में भाट जाति का मुख्य कार्य है -
- A. विभिन्न परिवारों की वंशावली का अभिलेख रखना
- B. उत्सव पर ढोल बजाना
- C. शादी के अवसर पर गीत गाना
- D. उत्सव पर नाच दिखाना
व्याख्या: भाट जाति का पारंपरिक कार्य विभिन्न वंशों और परिवारों की वंशावलियों को याद रखना और उनका बखान करना है।
137. अलवर जिले के जोगी जाती के लोग किस वाद्य को बजाते है-
- A. जन्तर
- B. रबाज
- C. भपंग
- D. सारंगी
व्याख्या: भपंग मेवात क्षेत्र के जोगियों का एक प्रमुख और अनूठा वाद्य यंत्र है।
138. राजस्थान में ‘पावंड़ा’ लोकगीत किस अवसर पर गाया जाता है -
- A. शादी के अवसर पर दुल्हन की बहनों के द्वारा गाया गया गीत
- B. नए दामाद के ससुराल आने पर स्त्रियों के द्वारा गाया गया गीत
- C. राजस्थान की महिलाओं के द्वारा गाया गया सगुण भक्ति गीत
- D. उपरोक्त में से कोई नहीं
व्याख्या: ‘पावणा’ या ‘पांवड़ा’ गीत नए दामाद के पहली बार ससुराल आने पर उसके स्वागत में गाए जाते हैं।
139. नाथद्वारा के डांग नृत्य में निम्न वाद्य यंत्र का प्रयोग किया जाता है -
- A. ढोल
- B. मांडल
- C. थाली
- D. उपरोक्त सभी
व्याख्या: नाथद्वारा के डांग नृत्य में ढोल, मांदल और थाली, इन तीनों वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया जाता है।
140. लोक गीत ओल्यूं गाया जाता है -
- A. प्रिय की याद में
- B. वीरता के महिमामण्डन में
- C. शोक की घड़ी में
- D. उत्सव के अवसर पर
व्याख्या: ओल्यूं का अर्थ है 'याद'। यह गीत किसी प्रिय व्यक्ति, विशेषकर बेटी की विदाई पर उसकी याद में गाया जाता है।