141. ‘झोरावा’ लोक गीत का सम्बन्ध है -
- A. उदयपुर से
- B. जैसलमेर से
- C. बीकानेर से
- D. बाड़मेर से
व्याख्या: झोरावा एक विरह गीत है जो जैसलमेर क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय है।
142. तीजन बाई निम्नलिखित में से किस लोक गीत से संबधित है -
- A. करमा
- B. कोरकू
- C. गरबा
- D. पंडवानी
व्याख्या: तीजन बाई छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध पंडवानी लोक-गायन शैली की कलाकार हैं, जिसमें महाभारत की कथाओं का गायन होता है।
143. लोक वाद्य यंत्र ‘भपंग’ राजस्थान के किस क्षेत्र से सम्बंधित है -
- A. मेवात
- B. मेवाड़
- C. मेरवाड़ा
- D. मारवाड़
व्याख्या: भपंग, डमरू के आकार का एक तत् वाद्य है, जो मुख्य रूप से मेवात (अलवर) क्षेत्र में प्रचलित है।
144. राजस्थान के किस लोक वाद्य को ज्यूज़ हार्प भी कहा जाता है -
- A. खड़ताल
- B. मोर चंग
- C. रावण हत्था
- D. कमायचा
व्याख्या: मोरचंग, जो लोहे का बना एक छोटा सुषिर वाद्य है, बनावट और बजाने की शैली में पश्चिमी वाद्य 'ज्यू'ज हार्प' के समान है।
145. गणगौर के अवसर पर नृत्य के साथ गाये जाने वाले घूमर लोकगीत को मारवाड़ क्षेत्र में कहते हैं -
- A. घूम
- B. घेरा
- C. लूर
- D. गोर
व्याख्या: मारवाड़ में गणगौर के अवसर पर किए जाने वाले घूमर नृत्य को 'लूर' कहा जाता है।
146. मांगणियारो द्वारा प्रयुक्त वाद्य यंत्र कौन सा है -
- A. जन्तर
- B. भपंग
- C. रवाज
- D. कमायचा
व्याख्या: कामायचा मांगणियार समुदाय का सबसे प्रमुख और पारंपरिक वाद्य यंत्र है।
147. सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए एवं सही कूट का चयन कीजिए -
- A. II III I IV
- B. I IV III II
- C. III I IV II
- D. IV I III II
व्याख्या: सही मिलान है: डागर घराना - बहराम खाँ, जयपुर घराना - मनरंग, मेवाती घराना - मोतीराम ज्योतिराम, अतरौली घराना - दुल्लु खाँ।
148. शेखावाटी में ख्याति प्राप्त स्वतंत्रता सेनानी डूंगरजी-जवाहर जी के बलिदान की स्मृति में गाया जाने वाला गीत है -
- A. पंछीड़ा गीत
- B. पुरविए
- C. झोरावा
- D. छावली गीत
व्याख्या: डूंगरजी-जवाहरजी की वीरता और बलिदान का वर्णन करने वाले लोकगीतों को 'छावली' कहा जाता है।
149. सुषिर वाद्यों में सर्वश्रेष्ठ, सुरीला व मांगलिक वाद्य है-
- A. बांसुरी
- B. अलगोजा
- C. शहनाई
- D. पूंगी
व्याख्या: शहनाई को उसकी मधुर ध्वनि के कारण सबसे सुरीला और शुभ (मांगलिक) सुषिर वाद्य माना जाता है, और इसका प्रयोग विवाह जैसे अवसरों पर होता है।
150. शहनाई, नक्कारा व चंग प्रधान साज है-
- A. नौटंकी के
- B. रम्मत के
- C. तमाशा के
- D. तुर्रा-कलंगी के
व्याख्या: तुर्रा-कलंगी लोकनाट्य के प्रदर्शन में शहनाई, नक्कारा और चंग जैसे वाद्य यंत्रों का प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है।