21. चारबैत, जो राजस्थान की प्रचलित लोक गायन शैली है, कहां की प्रसिद्ध है -
- A. जैसलमेर
- B. टोंक
- C. बांसवाड़ा
- D. श्रीगंगानगर
व्याख्या: चारबैत एक पठानी मूल की लोक गायन शैली है जो राजस्थान में टोंक के नवाबों के शासनकाल में प्रसिद्ध हुई।
22. मूमल लोकगीत किस क्षेत्र की राजकुमारी के जीवन पर आधारित है -
- A. भरतपुर
- B. जैसलमेर
- C. जयपुर
- D. उदयपुर
व्याख्या: मूमल लोकगीत लोद्रवा (जैसलमेर) की राजकुमारी मूमल और अमरकोट के राजकुमार महेंद्र की प्रेम कहानी पर आधारित है।
23. ‘होलर के गीत’ सम्बन्धित है -
- A. बालक जन्मोत्सव
- B. विवाह
- C. बाल विवाह प्रथा उपहास
- D. दुल्हन की विदाई
व्याख्या: ‘होलर’ या 'जच्चा' गीत बच्चे के जन्म के अवसर पर गाए जाने वाले मांगलिक गीत हैं।
24. खड़ताल निम्न में से क्या है -
- A. नृत्य
- B. राग
- C. वाद्ययंत्र
- D. तालाब
व्याख्या: खड़ताल लकड़ी के दो टुकड़ों से बना एक घन वाद्ययंत्र है, जिसे हाथ में रखकर बजाया जाता है।
25. कच्छी घोड़ी नृत्य के समय बजाया जाने वाला वाद्य यंत्र है -
- A. ताशा
- B. सतारा
- C. झांझ
- D. चंग
व्याख्या: कच्छी घोड़ी नृत्य के दौरान संगीत में लय प्रदान करने के लिए मुख्य रूप से झांझ (मंजीरे का बड़ा रूप) का उपयोग किया जाता है।
26. निम्न में से कौनसा जोड़ा गलत है -
- A. तत् वाद्य - इकतारा
- B. अवनद्ध - मृदंग
- C. सुषिर - लेजिम
- D. घन - खड़ताल
व्याख्या: लेजिम एक घन वाद्य है, सुषिर वाद्य नहीं। सुषिर वाद्य वे होते हैं जिन्हें फूंक मारकर बजाया जाता है।
27. टाबर री मौत माथै गाइजण वाळा लोकगीत कहीजे -
- A. रातीजोगा
- B. हीड़ा
- C. छेड़ा
- D. ओळूं
व्याख्या: राजस्थानी लोक संस्कृति में बच्चे की मृत्यु पर गाए जाने वाले शोक गीतों को 'छेड़ा' कहा जाता है।
28. चौतारा, कामायचा कौन से लाकवाद्य परंपरा से जुड़े हैं -
- A. सुषिर वाद्य
- B. तत् वाद्य
- C. अवनद्ध वाद्य
- D. घन वाद्य
व्याख्या: चौतारा और कामायचा दोनों में तार लगे होते हैं, इसलिए ये तत् वाद्य परंपरा से संबंधित हैं।
29. पीठी रा गीत कद गाइजै -
- A. झडूले पर
- B. ब्याव में
- C. जलम पर
- D. मिरतू पर
व्याख्या: 'पीठी' विवाह (ब्याव) की एक रस्म है, जिसमें वर-वधू को हल्दी का लेप लगाया जाता है। इसी समय 'पीठी रा गीत' गाए जाते हैं।
30. पटेल्या, बीछियो, लालर व माछर क्या हैं -
- A. मेवाड़ के प्रसिद्ध गीत
- B. मारवाड़ के प्रसिद्ध गीत
- C. मेवात के प्रसिद्ध गीत
- D. हाड़ौती के प्रसिद्ध गीत
व्याख्या: पटेल्या, बीछियो, लालर और माछर मेवाड़ के पर्वतीय क्षेत्रों में आदिवासियों द्वारा गाए जाने वाले प्रसिद्ध लोकगीत हैं।