71. रूपायन संस्थान बोरून्दा, जोधपुर की स्थापना कब हुई -
- A. 1957
- B. 1950
- C. 1978
- D. 1960
व्याख्या: राजस्थानी लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए कोमल कोठारी द्वारा रूपायन संस्थान की स्थापना 1960 में बोरून्दा (जोधपुर) में की गई थी।
72. निम्नलिखित में से किस संगीत का सम्बन्ध राजस्थान से नहीं है -
- A. बाउल
- B. मांगणियार
- C. भोपा
- D. लंगा
व्याख्या: बाउल संगीत पश्चिम बंगाल की एक लोक संगीत परंपरा है, जबकि मांगणियार, भोपा और लंगा राजस्थान की प्रसिद्ध संगीत जातियां हैं।
73. चारबैत, जो राजस्थान की प्रचलित लोक गायन शैली है, कहां प्रसिद्ध है -
- A. टोंक
- B. जैसलमेर
- C. बांसवाडा
- D. श्रीगंगानगर
व्याख्या: चारबैत मूल रूप से अफगानिस्तान की एक शैली है जो राजस्थान में टोंक जिले में बहुत लोकप्रिय है।
74. सुम्मेलित कीजिए -
- A. 2, 3, 1, 4
- B. 1, 2, 3, 4
- C. 2, 3, 4, 1
- D. 3, 4, 2, 1
व्याख्या: सही मिलान है: इकतारा - तत् वाद्य (2), अलगोजा - सुषिर वाद्य (3), झांझ - घन वाद्य (1), मादल - अवनद्ध वाद्य (4)।
75. शहनाई वाद्ययंत्रों के किस परिवार से संबंधित है -
- A. सुशिर
- B. ढोल
- C. बीट
- D. बैरल
व्याख्या: शहनाई को फूंक मारकर बजाया जाता है, इसलिए यह सुषिर वाद्य यंत्रों के परिवार से संबंधित है।
76. निम्नलिखित में से कौन सा वाद्य यंत्र मिट्टी के मटके के संकरे मुँह पर कांसे की प्लेट ढंककर दो डंडियों से बजाया जाता है और सर्प दंश के इलाज के दौरान पूर्वी राजस्थान में प्रयोग होता है -
- A. घड़ा
- B. भरनी
- C. थाली
- D. घण्टा
व्याख्या: भरनी एक विशेष वाद्य यंत्र है जो मिट्टी के मटके से बनता है और इसका उपयोग सर्प दंश के इलाज के लिए किया जाता है।
77. निम्नलिखित में से कौनसा तत् लोक वाद्य यन्त्र नहीं हैं -
- A. रावणहत्था
- B. रवज
- C. भपंग
- D. मादल
व्याख्या: मादल एक अवनद्ध (चमड़े से मढ़ा हुआ) वाद्य है, जबकि रावणहत्था, रवज और भपंग तत् (तार वाले) वाद्य हैं।
78. किस वाद्य यन्त्र की आकृति चिलम के आकार जैसी होती है -
- A. मशक
- B. सतारा
- C. पूंगी
- D. शहनाई
व्याख्या: शहनाई का निचला हिस्सा चौड़ा होता है जो इसे चिलम जैसा आकार देता है।
79. किसे ‘वागड़ की मीरा’ भी कहा जाता है -
- A. कर्माबाई
- B. गवरीबाई
- C. कालीबाई
- D. लिछमाबाई
व्याख्या: डूंगरपुर की गवरी बाई, भगवान कृष्ण की एक महान भक्त थीं, और उनकी भक्ति के कारण उन्हें 'वागड़ की मीरा' कहा जाता है।
80. साकर खान को 2012 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया क्योंकि वे ____ लोक वाद्य के सबसे बड़े प्रवक्ता थे-
- A. खड़ताल
- B. कामायचा
- C. सारंगी
- D. मोरचंग
व्याख्या: साकर खान कामायचा के एक महान उस्ताद थे और इस वाद्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।