21. चौहान शासकों को वत्सगौत्रीय ब्राह्मण किस शिलालेख में बताया गया है -
- A. कुम्भलगढ़
- B. बिजौलिया
- C. रणकपुर
- D. आमेर
व्याख्या: 1170 ई. के बिजौलिया शिलालेख में चौहान वंश के शासकों को 'वत्स गोत्र' का 'विप्र' (ब्राह्मण) बताया गया है। यह शिलालेख चौहानों की ब्राह्मण उत्पत्ति के सिद्धांत का मुख्य स्रोत है।
22. मेवाड़ के सिसोदियाओं को निम्न माना जाता है -
- A. सूर्यवंशी
- B. चद्रवंशी
- C. अग्निवंशी
- D. नागवंशी
व्याख्या: मेवाड़ का सिसोदिया राजवंश स्वयं को भगवान राम के वंशज के रूप में मानता है, और भगवान राम सूर्यवंश से थे। इसलिए, सिसोदियाओं को सूर्यवंशी माना जाता है।
23. 7 वीं शताब्दी से 12 वीं शताब्दी का काल कौनसा काल कहलाता है -
- A. राजपूत काल
- B. तुगलक काल
- C. वर्द्धन काल
- D. मराठा काल
व्याख्या: सम्राट हर्ष की मृत्यु के बाद और तुर्कों के आक्रमण से पहले, यानी 7वीं से 12वीं सदी तक उत्तर भारत में प्रमुख रूप से विभिन्न राजपूत वंशों का शासन रहा, इसीलिए इस काल को 'राजपूत काल' कहा जाता है।
24. युआन च्वांग द्वारा उल्लेखित ‘पो-लि-ये-ता-लो’ के रूप में किस स्थान की पहचान की गई है -
- A. बैराठ
- B. भीनमाल
- C. जालौर
- D. पाली
व्याख्या: चीनी यात्री युआन च्वांग (ह्वेनसांग) ने जिस स्थान का उल्लेख 'पो-लि-ये-ता-लो' के रूप में किया है, उसकी पहचान आधुनिक बैराठ (प्राचीन विराटनगर) से की जाती है।
25. निम्नलिखित में से किस विद्वान के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति अग्निकुण्ड से हुई थी -
- A. श्री गौरीशंकर ओझा
- B. डा. गोपीनाथ शर्मा
- C. कवि चन्दरबरदाई
- D. डा. दशरथ शर्मा
व्याख्या: राजपूतों की अग्निकुंड से उत्पत्ति का सिद्धांत सबसे प्रसिद्ध रूप से कवि चंदबरदाई के महाकाव्य 'पृथ्वीराज रासो' में मिलता है।
26. राजपूतों की विदेशी उत्पत्ति का मत सर्वप्रथम किसके द्वारा प्रतिपादित किया गया -
- A. कर्नल टाॅड
- B. विलियम क्रुक
- C. विंसेन्ट स्मिथ
- D. डी. आर. भण्डारकर
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड पहले विद्वान थे जिन्होंने व्यवस्थित रूप से यह सिद्धांत प्रस्तुत किया कि राजपूतों की उत्पत्ति शक और सीथियन जैसी विदेशी लड़ाकू जनजातियों से हुई है।
27. सर्वप्रथम राजपूतों के लिए रघुकुल शब्द का प्रयोग किसने किया -
- A. चन्द्रशेखर
- B. नयनचन्द्र सूरी
- C. राजशेखर
- D. जयसिंह सूरी
व्याख्या: गुर्जर-प्रतिहार राजा महेंद्रपाल प्रथम के दरबारी कवि राजशेखर ने अपने राजा को 'रघुकुल-तिलक' (रघु के वंश का गहना) कहकर संबोधित किया था, जिससे उनके वंश को भगवान राम के रघुकुल से जोड़ा गया।
28. गौरी शंकर ओझा और मुहणोत नैंसी के अनुसार गोहिल वंश थे
- A. सुर्यवंशी
- B. अग्नी वंशी
- C. यज्ञकुंड से
- D. ब्राह्मण वंशी
व्याख्या: इतिहासकार गौरीशंकर ओझा और मुहणोत नैणसी, दोनों ने मेवाड़ के गुहिल (गोहिल) वंश को सूर्यवंशी माना है, अर्थात् उनकी उत्पत्ति सूर्य देव से बताई है।
29. नागर ब्राह्मणों से राजपूतों की उत्पत्ति का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया -
- A. डॉ. डी.आर. भंडारकर
- B. विंसेंट स्मिथ
- C. गौरी शंकर
- D. जेम्स टॉड
व्याख्या: डॉ. डी.आर. भंडारकर ने कुछ शिलालेखों की अपनी व्याख्या के आधार पर यह सिद्धांत दिया कि कुछ राजपूत वंश, विशेष रूप से गुहिल, मूल रूप से नागर ब्राह्मण थे।
30. गुरू विशिष्ठ ने राजपूतों की उत्पत्ति के लिए यज्ञ का आयोजन कहां किया था -
- A. पुष्कर
- B. माउण्ट आबू
- C. रणथम्भौर
- D. भीनमाल
व्याख्या: प्रचलित अग्निकुंड कथा के अनुसार, राक्षसों का संहार करने के लिए योद्धाओं को उत्पन्न करने हेतु गुरु वशिष्ठ ने माउंट आबू पर एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया था।