1. संविधान में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को शामिल करने के पीछे क्या उद्देश्य है ?
- A.राजनीतिक लोकतंत्र की स्थापना
- B.सामजिक लोकतंत्र की स्थापना
- C.सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना
- D.गांधीवादी आदर्शों के अनुरूप लोकतंत्र की स्थापना
Answer: राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का मुख्य उद्देश्य भारत में एक 'कल्याणकारी राज्य' की स्थापना करना है, जो सामाजिक और आर्थिक न्याय पर आधारित हो। ये तत्व सरकार को नीतियां बनाते समय इन सिद्धांतों को ध्यान में रखने का निर्देश देते हैं ताकि सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र स्थापित हो सके।
2. निम्न कथनों पर विचार कीजिये 1. भारत के संविधान में पुरुषों और महिलाओं द्वारा समान कार्य के लिए समान वेतन देने को बढ़ावा देने के लिए कोई उपबन्ध नहीं हैं 2. भारत के संविधान पिछड़े वर्गों को परिभाषित नहीं किया गया हैं l उपरोक्त कथनों में से कौन सा सही हैं
- A.केवल 1
- B.केवल 2
- C.1 और 2 दोनों
- D.न तो 1 और न ही 2
Answer: कथन 1 गलत है क्योंकि अनुच्छेद 39(घ) में 'समान कार्य के लिए समान वेतन' का प्रावधान है। कथन 2 सही है क्योंकि संविधान में 'पिछड़े वर्गों' की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं दी गई है; इसे परिभाषित करने का अधिकार सरकार और आयोगों पर छोड़ा गया है।
3. शराबबंदी संविधान की किस धारा में निर्देशित हैं
- A.धारा 47
- B.धारा 37
- C.धारा 50
- D.धारा 48
Answer: संविधान का अनुच्छेद 47 (धारा 47) राज्य को यह निर्देश देता है कि वह लोगों के पोषण स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने का प्रयास करेगा और विशेष रूप से, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नशीले पेय और दवाओं के सेवन पर प्रतिबंध लगाएगा।
4. इनमें से कौन राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में सम्मिलित नहीं है ?
- A.मद्य निषेध
- B.काम का अधिकार
- C.समान कार्य हेतु समान वेतन
- D.सूचना का अधिकार
Answer: मद्य निषेध (अनुच्छेद 47), काम का अधिकार (अनुच्छेद 41), और समान कार्य हेतु समान वेतन (अनुच्छेद 39) नीति निर्देशक तत्वों का हिस्सा हैं। 'सूचना का अधिकार' एक मौलिक अधिकार है जिसे अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मान्यता दी गई है।
5. किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम ने राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्वों को मौलिक अधिकारों की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली बनाया ?
- A.42वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976
- B.43वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1977
- C.44वां संवैधानिक अधिनियम, 1978
- D.45वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1980
Answer: 42वें संशोधन, 1976 ने यह प्रावधान जोड़ा कि यदि कोई कानून अनुच्छेद 39(b) और 39(c) में दिए गए नीति-निर्देशक तत्वों को लागू करने के लिए बनाया जाता है, तो उसे इस आधार पर अमान्य नहीं किया जा सकता कि वह अनुच्छेद 14 या 19 द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
6. किसी नीति निर्देशक सिद्धांत को प्राय: समाजवादी माना जाता है ?
- A.ग्राम पंचायतों की स्थापना
- B.गोवध पर प्रतिबन्ध
- C.अंतर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा को प्रोत्साहन
- D.आय की असमानताओं को कम से कम करना
Answer: ग्राम पंचायतों की स्थापना (अनुच्छेद 40) को गांधीवादी सिद्धांत माना जाता है, जो स्थानीय स्वशासन और सत्ता के विकेंद्रीकरण पर जोर देता है। यह गांधीजी के 'ग्राम स्वराज्य' के दर्शन के अनुरूप है।
7. निम्न में से कौन सा राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में शामिल हैं 1. मानव के दुर्व्यापार और बलात श्रम का प्रतिषेध 2. मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकर औषधियों के औषधीय प्रयोजनों से भिन्न उपयोग का प्रतिषेध कूट
- A.केवल 1
- B.केवल 2
- C.1 और 2 दोनों
- D.न तो 1 और न ही 2
Answer: मानव के दुर्व्यापार और बलात श्रम का प्रतिषेध एक मौलिक अधिकार है (अनुच्छेद 23)। मादक पेयों पर प्रतिषेध राज्य के नीति निर्देशक तत्व (अनुच्छेद 47) का हिस्सा है। इसलिए केवल कथन 2 सही है।
8. निम्नलिखित में से कौन - सा एक संविधान के 42वें संशोधन द्वारा नीति निदेशक तत्त्वों में नहीं जोड़ा गया ?
- A.शोषण से युवाओं तथा बच्चों की सुरक्षा
- B.समान न्याय तथा नि:शुल्क कानूनी सलाह
- C.सभी नागरिकों के लिए समान आचार संहिता
- D.उद्योगों के प्रबन्धन में श्रमिकों की भागीदारी
Answer: 'सभी नागरिकों के लिए समान आचार संहिता' (अनुच्छेद 44) मूल संविधान का ही हिस्सा था। 42वें संशोधन द्वारा बच्चों की सुरक्षा (अनु. 39), समान न्याय (अनु. 39A), और उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी (अनु. 43A) को जोड़ा गया था।
9. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा निम्न दुर्बल वर्गों को शिक्षा सम्बन्धी सुरक्षा प्रदान की गई है ?
- A.अनुच्छेद 45
- B.अनुच्छेद 46
- C.अनुच्च्चेद 47
- D.अनुच्छेद 48
Answer: अनुच्छेद 46 राज्य को यह निर्देश देता है कि वह अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देगा और उन्हें सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से बचाएगा।
10. संविधान का वह कौन - सा भाग है जो संविधान के निर्माताओं के मस्तिष्क और उद्देश्यों को प्रतिबिंबित करता है ?
- A.मूल अधिकार
- B.संविधान की प्रस्तावना
- C.राज्य के नीति निर्देशक तत्व
- D.भारतीय नागरिकता
Answer: राज्य के नीति निर्देशक तत्व उन आदर्शों और लक्ष्यों को दर्शाते हैं जिन्हें संविधान निर्माता भविष्य के भारत में प्राप्त करना चाहते थे। ये तत्व एक कल्याणकारी, सामाजिक और आर्थिक रूप से न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के उनके दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करते हैं।
11. नीति निर्देशक सिद्धांत हैं -
- A.वाद योग्य
- B.वाद योग्य नहीं
- C.मौलिक अधिकार
- D.उपरोक्त में से कोई नहीं
Answer: 'वाद योग्य नहीं' (Non-justiciable) होने का अर्थ है कि इन सिद्धांतों को लागू करवाने के लिए न्यायालय में नहीं जाया जा सकता। ये सरकार के लिए नैतिक निर्देश हैं, कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं।
12. मूल अधिकार और राज्य के नीति निर्देशक तत्व में क्या अंतर है ?
- A.राज्य के नीति निर्देशक तत्त्व बंधनकारी है जबकि मूल अधिकार नहीं
- B.राज्य के नीति निर्देशक तत्त्व वाद योग्य है जबकि मूल अधिकार नहीं
- C.मूल अधिकार वाद योग्य है जबकि राज्य के नीति निर्देशक तत्व नहीं
- D.उपर्युक्त में से कोई नहीं
Answer: मुख्य अंतर यह है कि मौलिक अधिकारों के हनन पर नागरिक सीधे अदालत जा सकते हैं (वाद योग्य), जबकि नीति निर्देशक तत्वों को अदालत द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता (वाद योग्य नहीं)।
13. भारतीय नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता प्राप्त करने की बात कही गई है -
- A.अनुच्छेद 40
- B.अनुच्छेद 44
- C.अनुच्छेद 45
- D.अनुच्छेद 48 क
Answer: अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य, भारत के समस्त राज्यक्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता (Uniform Civil Code) प्राप्त कराने का प्रयास करेगा।
14. काम करने के अधिकार को राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के अंतर्गत रखा गया है ?
- A.अनुच्छेद 18
- B.अनुच्छेद 21
- C.अनुच्छेद 41
- D.अनुच्छेद 46
Answer: अनुच्छेद 41 के अनुसार, राज्य अपनी आर्थिक क्षमता और विकास की सीमाओं के भीतर, काम करने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और बेरोजगारी, बुढ़ापा, बीमारी जैसी दशाओं में सार्वजनिक सहायता का अधिकार सुनिश्चित करने का प्रभावी प्रावधान करेगा।
15. भारत के संविधान में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रोत्साहन देना सन्निहित है -
- A.संविधान के प्रस्तावना में
- B.राज्य के नीति निर्देशक तत्त्व में
- C.मौलिक कर्तव्य में
- D.नवम अनुसूची में
Answer: अनुच्छेद 51, जो राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का हिस्सा है, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने, राष्ट्रों के बीच न्यायपूर्ण और सम्मानजनक संबंध बनाए रखने का निर्देश देता है।
16. मूलभूत संविधान में कौन - से भाग में राज्य लोक कल्याण की संकल्पना सम्मिलित की गई है ?
- A.संविधान की प्रस्तावना में
- B.संविधान की दूसरी अनुसूची में
- C.संविधान की तीसरी अनुसूची में
- D.राज्य के नीति निर्देशक तत्व में
Answer: राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (विशेषकर अनुच्छेद 38) में 'लोक कल्याणकारी राज्य' (Welfare State) की स्थापना का आदर्श स्पष्ट रूप से वर्णित है, जिसका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करना है।
17. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों का उल्लेख है ?
- A.अनुच्छेद 33-46
- B.अनुच्छेद 34-48
- C.अनुच्छेद 36-51
- D.अनुच्छेद 34-52
Answer: भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से लेकर 51 तक राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (Directive Principles of State Policy) का विस्तृत उल्लेख किया गया है।
18. मौलिक अधिकार एवं राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों के विषय में कौन - सा कथन सही है ?
- A.वे एक-दूसरे के पूरक हैं
- B.वे परस्पर विरोधी है
- C.उन दोनों में कोई अंतर नहीं है
- D.वे दोनों वाद योग्य हैं
Answer: सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में यह स्पष्ट किया है कि मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक तत्व एक दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हैं। एक का लक्ष्य राजनीतिक लोकतंत्र है तो दूसरे का सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र, और दोनों मिलकर एक कल्याणकारी राज्य का निर्माण करते हैं।
19. राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों में निम्नलिखित में से किन-किन प्रकार के सिद्धांत अंतर्निहित है ?
- A.आर्थिक सिद्धांत
- B.सामाजिक सिद्धांत
- C.प्रशासनिक सिद्धांत
- D.उपर्युक्त सभी
Answer: नीति निर्देशक तत्वों में आर्थिक (जैसे समान वेतन), सामाजिक (जैसे कमजोर वर्गों का उत्थान), प्रशासनिक (जैसे न्यायपालिका का पृथक्करण), और गांधीवादी (जैसे ग्राम पंचायत) सभी प्रकार के सिद्धांत शामिल हैं।
20. संविधान में कल्याणकारी राज्य का आदेश दिया जाता है -
- A.42वें संशोधन में
- B.प्रस्तावना में
- C.नीति निर्देशक तत्त्वों में
- D.मूल अधिकारों में
Answer: एक 'कल्याणकारी राज्य' (Welfare State) की स्थापना का स्पष्ट आदेश या निर्देश संविधान के भाग IV में वर्णित नीति निर्देशक तत्वों में दिया गया है।
21. नीति निर्देशक तत्त्व का महत्त्व किसके लिए हैं ?
- A.नागरिक
- B.राज्य
- C.समाज
- D.संघ
Answer: नीति निर्देशक तत्व मुख्य रूप से 'राज्य' (जिसमें केंद्र, राज्य सरकारें, संसद, विधानमंडल और अन्य सभी सार्वजनिक प्राधिकरण शामिल हैं) के लिए हैं। ये तत्व राज्य को उसकी नीतियां और कानून बनाते समय मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
22. एक कल्याणकारी राज्य के निर्देश आदर्श वर्णित हैं -
- A.राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में
- B.मौलिक अधिकारों के अध्याय में
- C.संविधान की सातवीं अनुसूची में
- D.संविधान की प्रस्तावना में
Answer: एक कल्याणकारी राज्य के निर्माण के लिए आवश्यक निर्देश और आदर्शों का सबसे स्पष्ट और विस्तृत वर्णन राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में ही किया गया है।
23. निम्नांकित में से कौन - सा राज्य नीति का नीति निर्देशक सिद्धांत नहीं है ?
- A.अंतर्राष्ट्रीय शान्ति को प्रोत्साहन
- B.14 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना
- C.गोवध निषेध
- D.निजी सम्पत्ति की समाप्ति
Answer: नीति निर्देशक सिद्धांतों में अंतर्राष्ट्रीय शांति को प्रोत्साहन (अनु. 51), बच्चों को शिक्षा (अनु. 45), और गोवध निषेध (अनु. 48) शामिल हैं। निजी संपत्ति की समाप्ति का सिद्धांत इसमें शामिल नहीं है।
24. संविधान का कौन - सा अंश भारत के नागरिकों को आर्थिक न्याय प्रदान करने का संकेत करता है ?
- A.राज्य के नीति निर्देशक तत्त्व
- B.मौलिक अधिकार
- C.प्रस्तावना
- D.उपर्युक्त सभी
Answer: राज्य के नीति निर्देशक तत्व (विशेषकर अनुच्छेद 38 और 39) स्पष्ट रूप से आर्थिक न्याय की स्थापना का संकेत देते हैं, जैसे आय की असमानताओं को कम करना और संसाधनों का उचित वितरण सुनिश्चित करना।
25. नीति निर्देशक तत्त्वों को कार्यान्वित करने के लिए क्या मूल अधिकारों का हनन हो सकता है ?
- A.हाँ
- B.कुछ का
- C.नहीं
- D.विवादग्रस्त है
Answer: हाँ, कुछ विशेष मामलों में। 42वें संशोधन के अनुसार, यदि सरकार अनुच्छेद 39(b) और (c) (संसाधनों का समान वितरण) को लागू करने के लिए कानून बनाती है, तो उसे अनुच्छेद 14 और 19 (समानता और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार) के उल्लंघन के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती।