11. नीति निर्देशक सिद्धांत हैं -
- A.वाद योग्य
- B.वाद योग्य नहीं
- C.मौलिक अधिकार
- D.उपरोक्त में से कोई नहीं
व्याख्या: 'वाद योग्य नहीं' (Non-justiciable) होने का अर्थ है कि इन सिद्धांतों को लागू करवाने के लिए न्यायालय में नहीं जाया जा सकता। ये सरकार के लिए नैतिक निर्देश हैं, कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं।
12. मूल अधिकार और राज्य के नीति निर्देशक तत्व में क्या अंतर है ?
- A.राज्य के नीति निर्देशक तत्त्व बंधनकारी है जबकि मूल अधिकार नहीं
- B.राज्य के नीति निर्देशक तत्त्व वाद योग्य है जबकि मूल अधिकार नहीं
- C.मूल अधिकार वाद योग्य है जबकि राज्य के नीति निर्देशक तत्व नहीं
- D.उपर्युक्त में से कोई नहीं
व्याख्या: मुख्य अंतर यह है कि मौलिक अधिकारों के हनन पर नागरिक सीधे अदालत जा सकते हैं (वाद योग्य), जबकि नीति निर्देशक तत्वों को अदालत द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता (वाद योग्य नहीं)।
13. भारतीय नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता प्राप्त करने की बात कही गई है -
- A.अनुच्छेद 40
- B.अनुच्छेद 44
- C.अनुच्छेद 45
- D.अनुच्छेद 48 क
व्याख्या: अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य, भारत के समस्त राज्यक्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता (Uniform Civil Code) प्राप्त कराने का प्रयास करेगा।
14. काम करने के अधिकार को राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के अंतर्गत रखा गया है ?
- A.अनुच्छेद 18
- B.अनुच्छेद 21
- C.अनुच्छेद 41
- D.अनुच्छेद 46
व्याख्या: अनुच्छेद 41 के अनुसार, राज्य अपनी आर्थिक क्षमता और विकास की सीमाओं के भीतर, काम करने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और बेरोजगारी, बुढ़ापा, बीमारी जैसी दशाओं में सार्वजनिक सहायता का अधिकार सुनिश्चित करने का प्रभावी प्रावधान करेगा।
15. भारत के संविधान में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रोत्साहन देना सन्निहित है -
- A.संविधान के प्रस्तावना में
- B.राज्य के नीति निर्देशक तत्त्व में
- C.मौलिक कर्तव्य में
- D.नवम अनुसूची में
व्याख्या: अनुच्छेद 51, जो राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का हिस्सा है, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने, राष्ट्रों के बीच न्यायपूर्ण और सम्मानजनक संबंध बनाए रखने का निर्देश देता है।
16. मूलभूत संविधान में कौन - से भाग में राज्य लोक कल्याण की संकल्पना सम्मिलित की गई है ?
- A.संविधान की प्रस्तावना में
- B.संविधान की दूसरी अनुसूची में
- C.संविधान की तीसरी अनुसूची में
- D.राज्य के नीति निर्देशक तत्व में
व्याख्या: राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (विशेषकर अनुच्छेद 38) में 'लोक कल्याणकारी राज्य' (Welfare State) की स्थापना का आदर्श स्पष्ट रूप से वर्णित है, जिसका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करना है।
17. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों का उल्लेख है ?
- A.अनुच्छेद 33-46
- B.अनुच्छेद 34-48
- C.अनुच्छेद 36-51
- D.अनुच्छेद 34-52
व्याख्या: भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से लेकर 51 तक राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (Directive Principles of State Policy) का विस्तृत उल्लेख किया गया है।
18. मौलिक अधिकार एवं राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों के विषय में कौन - सा कथन सही है ?
- A.वे एक-दूसरे के पूरक हैं
- B.वे परस्पर विरोधी है
- C.उन दोनों में कोई अंतर नहीं है
- D.वे दोनों वाद योग्य हैं
व्याख्या: सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में यह स्पष्ट किया है कि मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक तत्व एक दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हैं। एक का लक्ष्य राजनीतिक लोकतंत्र है तो दूसरे का सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र, और दोनों मिलकर एक कल्याणकारी राज्य का निर्माण करते हैं।
19. राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों में निम्नलिखित में से किन-किन प्रकार के सिद्धांत अंतर्निहित है ?
- A.आर्थिक सिद्धांत
- B.सामाजिक सिद्धांत
- C.प्रशासनिक सिद्धांत
- D.उपर्युक्त सभी
व्याख्या: नीति निर्देशक तत्वों में आर्थिक (जैसे समान वेतन), सामाजिक (जैसे कमजोर वर्गों का उत्थान), प्रशासनिक (जैसे न्यायपालिका का पृथक्करण), और गांधीवादी (जैसे ग्राम पंचायत) सभी प्रकार के सिद्धांत शामिल हैं।
20. संविधान में कल्याणकारी राज्य का आदेश दिया जाता है -
- A.42वें संशोधन में
- B.प्रस्तावना में
- C.नीति निर्देशक तत्त्वों में
- D.मूल अधिकारों में
व्याख्या: एक 'कल्याणकारी राज्य' (Welfare State) की स्थापना का स्पष्ट आदेश या निर्देश संविधान के भाग IV में वर्णित नीति निर्देशक तत्वों में दिया गया है।