41. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में से किस अनुच्छेद का संबंध अंतर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा के संवर्द्धन से है ?
- A.अनुच्छेद 48
- B.अनुच्छेद 51
- C.अनुच्छेद 52
- D.अनुच्छेद 54
व्याख्या: अनुच्छेद 51 राज्य को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने, राष्ट्रों के साथ न्यायपूर्ण संबंध बनाए रखने और अंतर्राष्ट्रीय विवादों को मध्यस्थता द्वारा निपटाने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश देता है।
42. भारत के कल्याणकारी राज्य होने का विचार पाया जाता है |
- A.संविधान की प्रस्तावना में
- B.मौलिक अधिकारों में
- C.नीति निर्देशक तत्त्वों में
- D.(a) और (c) दोनों में
व्याख्या: कल्याणकारी राज्य का विचार प्रस्तावना (जो सामाजिक, आर्थिक न्याय की बात करती है) और नीति निर्देशक तत्वों (जो इसे प्राप्त करने के लिए निर्देश देते हैं) दोनों में निहित है।
43. भारत के किस राज्य में समान नागरिक संहिता लागू है ?
- A.मेघालय
- B.केरल
- C.हरियाणा
- D.गोवा
व्याख्या: गोवा भारत का एकमात्र राज्य है जहाँ पुर्तगाली नागरिक संहिता, 1867 पर आधारित एक समान नागरिक संहिता लागू है।
44. भारतीय संविधान के कौन - से संशोधन अधिनियम द्वारा टकराव की दशा में राज्य की नीति-निर्देशक तत्त्वों को मूल अधिकारों पर वरीयता प्रदान की गई है ?
- A.26वां
- B.42वां
- C.43वां
- D.52वां
व्याख्या: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने यह व्यवस्था की कि यदि अनुच्छेद 39(b) और (c) को लागू करने के लिए कोई कानून बनाया जाता है तो उसे अनुच्छेद 14 और 19 के तहत मौलिक अधिकारों पर वरीयता दी जाएगी।
45. निम्न में से किसने नीति निर्देशक सिद्धातों को बैंक की सुविधानुसार देय उत्तर दिनांकित चेक कहा
- A.एच. कुंजरू
- B.ए.के. अय्यर
- C.एच. वी. कामथ
- D.के.टी.शाह
व्याख्या: संविधान सभा के सदस्य के.टी. शाह ने नीति निर्देशक सिद्धांतों की आलोचना करते हुए उन्हें 'एक ऐसा चेक कहा जो बैंक की सुविधानुसार देय है' (a cheque on a bank, payable only when the resources of the bank permit)।
46. भारतीय संविधान में प्रतिष्ठापित राज्य की नीति के निदेशक तत्वों के अंतर्गत निम्न प्रावधानों पर विचार कीजिये-- 1.भारतीय नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता सुरक्षित करना 2. ग्राम पंचायतों को संघटित करना 3. ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उदद्योगो को प्रोत्साहित करना 4. सभी कर्मकारों के लिए यथोचित अवकाश तथा सांस्कृतिक अवसर सुरक्षित करना इनमें से कौन से गाँधीवादी सिद्धांत है जो राज्य की नीति के निदेशक तत्वों में प्रतिबिम्बित होते हैं
- A.1,2,4
- B.2,3
- C.1,3,4
- D.1,2,3,4
व्याख्या: गांधीवादी सिद्धांतों में मुख्य रूप से ग्राम पंचायतों का संगठन (अनुच्छेद 40) और ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन (अनुच्छेद 43) शामिल हैं, क्योंकि ये गांधीजी के ग्राम स्वराज्य और आत्मनिर्भरता के दर्शन पर आधारित हैं।
47. समान न्याय और नि:शुल्क विधि सहायता का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है ?
- A.अनुच्छेद 39
- B.अनुच्छेद 39 A
- C.अनुच्छेद 40
- D.अनुच्छेद 44
व्याख्या: अनुच्छेद 39A, जिसे 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य को निर्देश देता है कि कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण न्याय पाने से वंचित न रह जाए और उसे मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध हो।
48. संविधान के किस अनुच्छेद में न्यायपालिका का कार्यपालिका से पृथक्करण का उल्लेख किया गया है ?
- A.अनुच्छेद 45
- B.अनुच्छेद 46
- C.अनुच्छेद 58
- D.अनुच्छेद 50
व्याख्या: अनुच्छेद 50 राज्य को यह निर्देश देता है कि वह राज्य की सार्वजनिक सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करने के लिए कदम उठाए ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित हो सके।
49. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत किस प्रकार मौलिक अधिकारों से भिन्न हैं ?
- A.पूर्वोक्त केंद्र सरकार के लिए है एवं उपरोक्त राज्यों के लिए
- B.पूर्वोक्त संविधान का अंश नहीं है जबकि उपरोक्त है
- C.राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत प्रवर्तनीय नहीं है जबकि मूल अधिकार प्रवर्तनीय है
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: सबसे मौलिक अंतर यह है कि मूल अधिकार 'प्रवर्तनीय' (enforceable) हैं, यानी उनके उल्लंघन पर आप अदालत जा सकते हैं। जबकि नीति निर्देशक सिद्धांत 'प्रवर्तनीय नहीं' (non-enforceable) हैं, उन्हें अदालत के माध्यम से लागू नहीं किया जा सकता।
50. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत किस प्रकार मौलिक अधिकारों से भिन्न हैं ?
- A.पूर्वोक्त केंद्र सरकार के लिए है एवं उपरोक्त राज्यों के लिए
- B.पूर्वोक्त संविधान का अंश नहीं है जबकि उपरोक्त है
- C.राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत प्रवर्तनीय नहीं है जबकि मूल अधिकार प्रवर्तनीय है
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: सबसे मौलिक अंतर यह है कि मूल अधिकार 'प्रवर्तनीय' (enforceable) हैं, यानी उनके उल्लंघन पर आप अदालत जा सकते हैं। जबकि नीति निर्देशक सिद्धांत 'प्रवर्तनीय नहीं' (non-enforceable) हैं, उन्हें अदालत के माध्यम से लागू नहीं किया जा सकता।