121. राव मालदेव के दो सेनानायक, जो गिरी-सुमेल में शेरशाह के विरूद्ध लड़े थे -
- A. जैता और बीरम
- B. कुंपा और बीरम
- C. जैता और कुम्पा
- D. गोरा और बादल
व्याख्या: यह प्रश्न दोहराया गया है। जैता और कूम्पा, राव मालदेव के वीर सेनापति थे, जिन्होंने गिरी-सुमेल के युद्ध में असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया।
122. राठौड़ वंश का प्रथम बड़ा शासक कौन था -
- A. राव चूडा
- B. राव रणमल
- C. मोकल
- D. राव जोधा
व्याख्या: राव चूंडा को राठौड़ वंश का पहला प्रमुख शासक माना जाता है, जिन्होंने मंडोर पर अधिकार कर उसे अपनी राजधानी बनाया और मारवाड़ में राठौड़ सत्ता को एक मजबूत आधार प्रदान किया।
123. जोधपुर के किस राजकीय व्यक्ति को भागवत कथा पर आधारित ‘गज उद्धार’ ग्रंथ की रचना का श्रेय है -
- A. राव चन्द्रसेन
- B. महाराजा अजीत सिंह
- C. महाराजा बख्त सिंह
- D. महाराज कुमार शेरसिंह
व्याख्या: जोधपुर के महाराजा अजीत सिंह, जो स्वयं एक विद्वान और कवि थे, ने भागवत कथा के 'गजेंद्र मोक्ष' प्रसंग पर आधारित 'गज उद्धार' नामक ग्रंथ की रचना की थी।
124. किसे मारवाड़ का ‘अणबिन्दिया मोती’ कहा जाता है -
- A. राव चन्द्रसेन
- B. दुर्गादास राठौड़
- C. जसवन्त सिंह
- D. राव जोधा
व्याख्या: वीर दुर्गादास राठौड़ को उनकी अद्वितीय स्वामीभक्ति, त्याग और मारवाड़ के लिए अमूल्य सेवाओं के कारण 'मारवाड़ का अणबिंदिया मोती' (बिना बेधा हुआ मोती) कहा जाता है।
125. बीकानेर के राजा रायसिंह को 1593 ई. में किस अभियान पर भेजा गया -
- A. थट्टा
- B. बंगाल
- C. दक्कन
- D. मेवाड़
व्याख्या: मुगल सम्राट अकबर ने 1593 ई. में बीकानेर के राजा रायसिंह को सिंध के थट्टा क्षेत्र में एक विद्रोह को दबाने के लिए सैन्य अभियान पर भेजा था।
126. निम्न में से किस रियासत के उम्मेदसिंह अंतिम शासक थे -
- A. जैसलमेर
- B. जोधपुर
- C. बीकानेर
- D. जालौर
व्याख्या: यह प्रश्न दोहराया गया है। महाराजा उम्मेद सिंह जोधपुर रियासत के अंतिम शासक थे।
127. ‘कलियुग का कर्ण’ किसे कहते हैं -
- A. कल्याणमल
- B. मालदेव
- C. लूणकरण
- D. कुंभा
व्याख्या: बीकानेर के शासक राव लूणकरण को उनकी अत्यधिक दानशीलता के लिए 'कलियुग का कर्ण' कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें बीठू सूजा ने अपने ग्रंथ 'राव जैतसी रो छंद' में दी।
128. बीकानेर शासक कर्णसिंह किसके समकालीन थे-
- A. जहांगीर, शाहजहां
- B. शाहजहां, औरंगजेब
- C. अकबर, जहांगीर
- D. हुमायु, अकबर
व्याख्या: बीकानेर के शासक कर्णसिंह का शासनकाल (1631-1669 ई.) मुगल सम्राट शाहजहाँ और औरंगजेब के शासनकाल के साथ मेल खाता है।
129. निम्न में से वह शासक जिसने बीकानेरी भुजिया का प्रचलन किया तथा अंग्रेजों की शान में 800 ऊंट काबुल भेजे थे -
- A. डूंगरसिंह
- B. गंगासिंह
- C. रायसिंह
- D. सूरजसिंह
व्याख्या: बीकानेर के महाराजा डूंगर सिंह के शासनकाल में बीकानेरी भुजिया का प्रचलन शुरू हुआ। उन्होंने द्वितीय अफगान युद्ध के दौरान अंग्रेजों की मदद के लिए काबुल में 800 ऊंट भी भेजे थे।
130. बीकानेर के शासक रायसिंह का शासन काल था -
- A. 1556-1605 ई.
- B. 1574-1610 ई.
- C. 1574-1612 ई.
- D. 1571-1608 ई.
व्याख्या: बीकानेर के महाराजा रायसिंह ने 1574 ई. से 1612 ई. तक शासन किया। वे मुगल दरबार के सबसे विश्वसनीय सरदारों में से एक थे।