151. बीकानेर के महाराजा रायसिंह गद्दी पर कब बैठे -
- A. 1612 ई.
- B. 1585 ई.
- C. 1574 ई.
- D. 1541 ई.
व्याख्या: अपने पिता राव कल्याणमल की मृत्यु के बाद, रायसिंह 1574 ई. में बीकानेर की गद्दी पर बैठे थे।
152. मारवाड़ के चन्द्रसेन ने मुगलों से संघर्ष के लिए किस स्थान पर सेना को संगठित किया -
- A. भाद्राजूण
- B. लोहावट
- C. काणूजा
- D. खरातल
व्याख्या: जोधपुर पर मुगलों का अधिकार हो जाने के बाद, राव चन्द्रसेन ने भाद्राजूण के किले में शरण ली और उसे अपना केंद्र बनाकर मुगलों के खिलाफ अपनी सेना को संगठित किया।
153. महाराणा प्रताप का पथ प्रदर्शक किसे माना जाता है -
- A. महाराणा उदयसिंह
- B. महाराणा कुंभा
- C. राव चंद्रसेन
- D. राव मालदेव
व्याख्या: राव चंद्रसेन को 'महाराणा प्रताप का अग्रगामी' या 'पथ प्रदर्शक' माना जाता है क्योंकि उन्होंने प्रताप से पहले ही मुगलों की अधीनता स्वीकार न करके छापामार युद्ध प्रणाली से संघर्ष का रास्ता अपनाया था।
154. ‘मुहणोत नैणसी’ किस राज्य का दीवान था -
- A. बीकानेर
- B. जोधपुर
- C. उदयपुर
- D. जयपुर
व्याख्या: यह प्रश्न दोहराया गया है। मुहणोत नैणसी जोधपुर (मारवाड़) राज्य के शासक महाराजा जसवंत सिंह के दीवान थे।
155. निम्न में से किस शासक को अकबर के द्वारा ‘राय’ की उपाधि प्रदान की गई -
- A. महाराजा रायसिंह
- B. महाराजा सूरसिंह
- C. महाराजा गंगासिंह
- D. राव कल्याणमल
व्याख्या: अकबर ने बीकानेर के शासक रायसिंह को उनकी सेवाओं और योग्यता के कारण 'महाराजा' और 'राय' की उपाधियाँ प्रदान की थीं।
156. ‘मारवाड़ की पन्नाधाय’ के नाम से प्रख्यात स्त्री का का नाम बताइए, जिन्होंने युवराज अजीत सिंह की धाय (आया) होने का दायित्व निभाया -
- A. गोराधाय
- B. हीराधाय
- C. दुर्गाधाय
- D. सोनाधाय
व्याख्या: यह प्रश्न दोहराया गया है। गोरा धाय को उनके त्याग और बलिदान के लिए 'मारवाड़ की पन्नाधाय' के रूप में जाना जाता है।
157. निम्नलिखित में मारवाड़ के किस राठौड़ शासक ने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की थी -
- A. राव गंगा
- B. मालदेव
- C. जसवंत सिंह
- D. राव चन्द्रसेन
व्याख्या: यह प्रश्न दोहराया गया है। दिए गए विकल्पों में से, राव चन्द्रसेन ने कभी भी मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की।
158. मारवाड़ की पन्ना धाय किसे कहा जाता है -
- A. बीजल धाय
- B. गोरा धाय
- C. लाछा धाय
- D. बाला धाय
व्याख्या: यह प्रश्न दोहराया गया है। गोरा धाय को मारवाड़ की पन्ना धाय कहा जाता है।
159. निम्न में से किस महिला का संबंध खेजड़ी के वृक्षों की रक्षा से था -
- A. अमृता देवी
- B. करमा देवी
- C. गोरा देवी
- D. उपर्युक्त सभी
व्याख्या: अमृता देवी बिश्नोई खेजड़ली आंदोलन के लिए प्रसिद्ध हैं। करमा और गौरा देवी भी बिश्नोई समुदाय से थीं, जो पारंपरिक रूप से खेजड़ी सहित सभी वन्यजीवों और पेड़ों के संरक्षण के लिए जाने जाते हैं।
160. निम्नांकित साहित्यकारों को उनके शासकों से सुमेलित कीजिए एवं नीचे दिये गये कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए -साहित्यकार शासकअ . मुहणोत नैणसी 1. मालदेवब. महात्मा नरसेन 2. रायसिंहस. अत्रि 3. जसवन्त सिंहद. मुनि जैत 4. राणा कुंभाकूट - अ, ब, स, द
- A. 4, 3, 1, 2
- B. 2, 4, 3, 1
- C. 3, 1, 4, 2
- D. 1, 2, 3, 4
व्याख्या: सही मिलान है: मुहणोत नैणसी - जसवंत सिंह (3); महात्मा नरसेन - मालदेव (1); अत्रि (कुम्भलगढ़ प्रशस्ति के लेखक) - राणा कुंभा (4); मुनि जैत (या जयसोम) - रायसिंह (2)।