21. राजस्थान में ‘मोटा राजा’ के नाम से कौन प्रसिद्ध था -
- A. मारवाड का सूरसिंह
- B. मारवाड़ का उदयसिंह
- C. मारवाड़ का जसवंतसिंह
- D. मारवाड़ का गजसिंह
व्याख्या: मारवाड़ के शासक उदयसिंह ने अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली थी, और अकबर ने ही उन्हें 'मोटा राजा' की उपाधि दी थी। यह उपाधि उनके शारीरिक डील-डौल के कारण दी गई थी।
22. राव जोधा ने किस वर्ष मंडोर को विजित किया था -
- A. 1453
- B. 1438
- C. 1440
- D. 1458
व्याख्या: अपने पिता राव रणमल की हत्या के बाद, राव जोधा ने कई वर्षों के संघर्ष के पश्चात 1453 ई. में मेवाड़ के अधिकार से मंडोर को पुनः जीत लिया।
23. किसके शासनकाल में जोधपुर ‘पोलो का घर’ कहलाता था -
- A. सरदार सिंह
- B. जसवंत सिंह
- C. तख्त सिंह
- D. विजय सिंह
व्याख्या: महाराजा सरदार सिंह के शासनकाल में पोलो का खेल जोधपुर में अत्यधिक लोकप्रिय हुआ, जिससे जोधपुर को 'पोलो का घर' कहा जाने लगा।
24. जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग का निर्माण किसने करवाया -
- A. महाराजा उम्मेदसिंह
- B. राजा रामसिंह
- C. राव जोधा
- D. राजा नरसिंह
व्याख्या: जोधपुर शहर के संस्थापक राव जोधा ने 1459 ई. में चिड़ियाटूक पहाड़ी पर मेहरानगढ़ दुर्ग की नींव रखी थी।
25. मुगलों के निरंतर संघर्ष में रहने वाले मारवाड़ (जोधपुर) के शासक का नाम बताइये -
- A. मालदेव
- B. चन्द्रसेन
- C. उदयसिंह
- D. जसवन्तसिंह
व्याख्या: राव चन्द्रसेन ने आजीवन मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और अपनी स्वतंत्रता के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे। इसी कारण उन्हें 'मारवाड़ का प्रताप' भी कहा जाता है।
26. मालदेव की किस रानी ने मण्डोर के निकट ‘बहुजी - रो - तालाब’ का निर्माण करवाया था -
- A. हीरा - दे - झाली
- B. स्वरूप - दे - झाली
- C. उमा - दे - भटियानी
- D. पारबती सिसोदेनी
व्याख्या: राव मालदेव की रानी स्वरूप दे झाली ने जनहित के लिए मंडोर के पास 'बहुजी-रो-तालाब' नामक जलाशय का निर्माण करवाया था।
27. किस बीकानेर के नरेश को जांगलधर बादशाह की उपाधि प्रदान की गई -
- A. कर्णसिंह
- B. गंगासिंह
- C. लुणकरण सिंह
- D. रायसिंह
व्याख्या: बीकानेर के शासक कर्णसिंह को मुगल दरबार द्वारा 'जांगलधर बादशाह' की उपाधि दी गई थी। 'जांगलदेश' बीकानेर क्षेत्र का प्राचीन नाम था।
28. कॉलम I में राजवंश का कॉलम II में संस्थापक के साथ मिलान करें।कॉलम I (राजवंश)कॉलम II (संस्थापक)1. राठौड़a. चूडामन2. चौहानb. दुलह राय3. जाटc. वासुदेव4. कच्छवाहाd. सिहा
- A. 1-a, 2-b, 3-c, 4-d
- B. 1-d, 2-c, 3-a, 4-b
- C. 1-c, 2-d, 3-b, 4-a
- D. 1-b, 2-a, 3-d, 4-c
व्याख्या: सही मिलान है: राठौड़ वंश - सिहा (d), चौहान वंश - वासुदेव (c), जाट वंश (भरतपुर) - चूड़ामन (a), और कच्छवाहा वंश - दुलह राय (b)।
29. राव चूँडा के शासनकाल के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है -
- A. राव चूँडा ने मण्डौर को राठौड़ों की राजधानी बनाया और नाड़ौल, डीड़वाना, नागौर तक राज्य विस्तार किया।
- B. राव चूँडा ने अपनी पुत्री हंसाबाई का विवाह मेवाड़ के राणा लाखा से किया।
- C. इंदा परिहार ने मण्डौर को यवनों से छीनकर राव चूँडा को दहेज में दिया और उसे अपना सामंत बनाया।
- D. राव चूँडा ने अपनी रानी किशोरी देवी के पुत्र सत्ता जी को उत्तराधिकारी घोषित किया, जो अंधा था।
व्याख्या: यह कथन असत्य है। राव चूँडा ने अपनी प्रिय रानी किशोरी देवी के प्रभाव में आकर उसके पुत्र कान्हा को अपना उत्तराधिकारी बनाया था, न कि सत्ता जी को। इससे उनके ज्येष्ठ पुत्र रणमल नाराज हो गए थे।
30. निम्न में से कौन बीकानेर राज्य का दरबारी था -
- A. सुन्दरदास
- B. बांकीदास
- C. दयालदास
- D. नैणसी
व्याख्या: दयालदास सिढायच बीकानेर के महाराजा रतन सिंह के दरबारी थे और उन्होंने 'दयालदास री ख्यात' नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की, जिसमें बीकानेर के राठौड़ शासकों का इतिहास है।