26. निम्न में कौन संगमयुगीन व्याकरण रचना सर्वाधिक महत्वपूर्ण रचना मानी गयी है?
- A.एतुतगोई
- B.पादकिल्कणेक्कू
- C.तोलकापियम्
- D.इनमें से कोई नहीं
Answer: तोलकापियम् को केवल एक व्याकरण ग्रंथ ही नहीं, बल्कि संगम युग की सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है।
27. किसके संबंध में यह कहावत है ‘जितनी जमीन में एक हाथी लेट सकता है उतनी जमीन सात आदमियों का पेट भर सकता है
- A.कावेरी डेल्टा
- B.तुंगभद्रा के तटवर्ती क्षेत्र
- C.रायचूर दोआब
- D.इनमें से कोई नहीं
Answer: यह कहावत कावेरी नदी के डेल्टा की अत्यधिक उर्वरता और कृषि समृद्धि का वर्णन करती है, जो चोल साम्राज्य का हृदय स्थल था।
28. तिरुवल्लुवर की रचना 'कुरल' या 'मुप्पाल' को कहा जाता है
- A.तमिल भूमि का बाइबिल
- B.तमिल भूमि का महान व्याकरण ग्रंथ
- C.तमिल भूमि का महान नाट्य ग्रंथ
- D.इनमें से कोई नहीं
Answer: 'कुरल' को इसके नैतिक और सार्वभौमिक उपदेशों के कारण अत्यंत सम्मान दिया जाता है और इसे 'तमिल भूमि का बाइबिल' या 'पांचवां वेद' भी कहा जाता है।
29. संगम युग में उरैयूर किसलिए विख्यात था ?
- A.मसालों के व्यापार का महत्वपूर्ण केन्द्र
- B.कपास के व्यापार का महत्वपूर्ण केन्द्र
- C.विदेशी व्यापार का महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र
- D.आंतरिक व्यापार का महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र
Answer: उरैयूर, जो चोलों की प्रारंभिक राजधानी थी, संगम काल में सूती कपड़े और कपास के व्यापार का एक बहुत बड़ा और प्रसिद्ध केंद्र था।
30. संगम युग में उरैयूर किसलिए विख्यात था ?
- A.मसालों के व्यापार का महत्वपूर्ण केन्द्र
- B.कपास के व्यापार का महत्वपूर्ण केन्द्र
- C.विदेशी व्यापार का महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र
- D.आंतरिक व्यापार का महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र
Answer: उरैयूर, जो चोलों की प्रारंभिक राजधानी थी, संगम काल में सूती कपड़े और कपास के व्यापार का एक बहुत बड़ा और प्रसिद्ध केंद्र था।