31. निम्नलिखित में से किस वाद में उच्चतम न्यायालय ने संविधान के मूल ढाँचें का सिद्धांत प्रतिपादित किया था ?
- A.गोलकनाथ
- B.ए. के. गोपालन
- C.केशवनन्द भारती
- D.मेनका गांधी
व्याख्या: 1973 के ऐतिहासिक केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने 'संविधान के मूल ढांचे' (Basic Structure) का सिद्धांत दिया, जिसके अनुसार संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन तो कर सकती है, लेकिन संविधान की मूल संरचना को नहीं बदल सकती।
32. सर्वोच्च न्यायालय कौन - सा प्रलेख जारी नहीं कर सकता है ?
- A.बंदी प्रत्यक्षीकरण
- B.निषेधाज्ञा
- C.प्रतिषेध
- D.परमादेश
व्याख्या: सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 32 के तहत पाँच प्रकार की रिट जारी कर सकता है: बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण और अधिकार-पृच्छा। निषेधाज्ञा (Injunction) आमतौर पर निचली अदालतों द्वारा जारी किया जाने वाला एक आदेश है।
33. न्यायिक पुनर्विलोकन में न्यायालय को निम्नलिखित अधिकार प्राप्त है -
- A.यदि कोई कानून या आदेश संविधान के विपरीत हो तो उसे असंवैधानिक घोषित करना
- B.निचले न्यायालयों के आदेश का पुनरावलोकन करना
- C.निचले न्यायालयों के निर्णय के विरुद्ध अपील सुनना
- D.कानून का इस दृष्टि से परीक्षण कि क्या उसके बनाने में निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन हुआ है
व्याख्या: न्यायिक पुनर्विलोकन का सार यह है कि यदि संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा बनाया गया कोई कानून या कार्यपालिका द्वारा जारी कोई आदेश संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो न्यायालय उसे शून्य या असंवैधानिक घोषित कर सकता है।
34. भारत के उच्चतम न्यायालय को
- A.केवल प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार है
- B.केवल अपीलीय क्षेत्राधिकार है
- C.प्रारम्भिक और अपीलीय क्षेत्राधिकार है
- D.प्रारम्भिक, अपीलीय और परामर्शदायी क्षेत्राधिकार है
व्याख्या: भारत के उच्चतम न्यायालय के पास कई प्रकार के क्षेत्राधिकार हैं, जिनमें मुख्य रूप से प्रारंभिक (जैसे केंद्र-राज्य विवाद), अपीलीय (निचली अदालतों के फैसलों के खिलाफ अपील) और परामर्शदायी (राष्ट्रपति को सलाह देना) शामिल हैं।
35. संविधान की व्याख्या करने का अंतिम अधिकार किसे प्राप्त है ?
- A.लोकसभाध्यक्ष
- B.राष्ट्रपति
- C.एटॉर्नी जनरल ऑफ़ इंडिया
- D.सर्वोच्च न्यायालय
व्याख्या: भारतीय संविधान का अंतिम व्याख्याकार और संरक्षक सर्वोच्च न्यायालय है। संविधान के किसी भी प्रावधान पर विवाद की स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अंतिम माना जाता है।
36. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की सेवानिवृति की आयु कितनी होती है ?
- A.62 वर्ष
- B.65 वर्ष
- C.68 वर्ष
- D.70 वर्ष
व्याख्या: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त होते हैं। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए यह आयु 62 वर्ष है।
37. भारतीय संविधान के किस भाग में संघीय न्यायपालिका का उल्लेख है ?
- A.भाग-II
- B.भाग-III
- C.भाग-IV
- D.भाग-V
व्याख्या: संघीय न्यायपालिका, यानी सर्वोच्च न्यायालय का उल्लेख संविधान के भाग V में 'संघ' (The Union) के अध्याय 4 के अंतर्गत अनुच्छेद 124 से 147 तक किया गया है।
38. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों की निम्न में से कौन - सी अहर्ता होनी चाहिए ?
- A.वह किसी एक या अधिक उच्च न्यायालयों में लगातार कम से कम 5 वर्ष तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चूका हो
- B.वह किसी एक या अधिक उच्च न्यायालयों में लगातार 10 वर्षों तक अधिवक्ता रहा हो
- C.वह एक पारंगत विधिवेत्ता हो
- D.उपर्युक्त में से कोई भी
व्याख्या: सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए, व्यक्ति को दिए गए विकल्पों में से कोई भी एक योग्यता पूरी करनी होती है: (A) 5 साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश, या (B) 10 साल के लिए उच्च न्यायालय का वकील, या (C) राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता।
39. सर्वोच्च न्यायालय किसे हटाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश कर सकता है ?
- A.मंत्रिपरिषद के किसी भी सदस्य को
- B.संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को
- C.लोकसभाध्यक्ष को
- D.उपर्युक्त सभी को
व्याख्या: अनुच्छेद 317 के अनुसार, राष्ट्रपति संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष या किसी सदस्य को केवल सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई जांच और सिफारिश के बाद ही हटा सकते हैं।
40. सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ न्यायाधीश की नियुक्ति होती है जब -
- A.कतिपय न्यायाधीश दीर्घकालीन अवकाश पर चले जाते हैं
- B.स्थायी नियुक्ति के लिए कोई उपलब्ध नहीं होता
- C.न्यायालय के समक्ष लम्बित वादों में असाधारण वृद्धि होती है
- D.न्यायालय के किसी सत्र के लिए न्यायाधीशों का कोरम (गणपूर्ति) नहीं होता
व्याख्या: तदर्थ (Ad-hoc) न्यायाधीश की नियुक्ति तब की जाती है जब सर्वोच्च न्यायालय की किसी बैठक को पूरा करने के लिए न्यायाधीशों की गणपूर्ति (कोरम) कम पड़ जाती है, ताकि न्यायालय का कामकाज सुचारू रूप से चल सके।