11. कर्म का सिद्धांत सम्बंधित है
- A.न्याय से
- B.मीमांसा से
- C.वेदांत में
- D.वैशेषिक से
व्याख्या: मीमांसा दर्शन मुख्य रूप से वेदों में वर्णित यज्ञ, कर्मकांड और उनके फलों की व्याख्या करता है। यह 'कर्म' के सिद्धांत पर केंद्रित है, यानी किस कर्म से क्या फल मिलता है।
12. उत्तर-वैदिक काल से संबंधित मृदभांड संस्कृति है
- A.गेरुवर्णी मृदभांड (OCP) संस्कृति
- B.चित्रित धूसर मृदभांड (PGW) संस्कृति
- C.a और b दोनों
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: पुरातात्विक रूप से, चित्रित धूसर मृदभांड (Painted Grey Ware) संस्कृति को उत्तर-वैदिक काल (लगभग 1000-600 ईसा पूर्व) से जोड़ा जाता है, जबकि गेरुवर्णी मृदभांड ऋग्वैदिक काल से संबंधित हैं।
13. कौन-सा वेद अंशतः गद्य रूप में भी रचित है ?
- A.ऋग्वेद
- B.यजुर्वेदः
- C.सामवेद
- D.अथर्ववेद
व्याख्या: यजुर्वेद में यज्ञों की विधियों का वर्णन है। इसमें पद्य (कविता) के साथ-साथ गद्य (साधारण वाक्य) का भी प्रयोग किया गया है, जो इसे अन्य वेदों से अलग करता है।
14. ऋग्वेद में कुल कितने मंडल हैं?
व्याख्या: ऋग्वेद को 10 पुस्तकों या खंडों में विभाजित किया गया है, जिन्हें 'मंडल' कहा जाता है। प्रत्येक मंडल में विभिन्न देवताओं को समर्पित सूक्त (भजन) हैं।
15. पूर्व-वैदिक या ऋग्वैदिक संस्कृति का काल किसे माना जाता है?
- A.1500 ई०पू०-1000 ई०पू०
- B.1000 ई०पू०-600 ई०पू०
- C.600 ई०पू०-600 ई०
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: इतिहासकार ऋग्वेद की रचना और उस पर आधारित संस्कृति के काल को लगभग 1500 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व के बीच मानते हैं। इसे पूर्व-वैदिक काल कहा जाता है।
16. धर्म' तथा 'ऋतू' भारत की प्राचीन वैदिक संस्कृति के एक केन्द्रीय विचार को चित्रित करते हैं | इस सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए -1. 'धर्म' व्यक्ति के दायित्वों एवं स्वयं दूसरों के प्रति व्यक्तिगत कर्तव्यों की संकल्पना था |2. 'ऋत' मूलभूत नैतिक विधान था जो सृष्टि और उसमें अंतर्निहित सारे तत्वों में से कौन-सा / कौन-से कथन सही है /हैं ?
- A.केवल 1
- B.केवल 2
- C.1 और 2 दोनों
- D.न तो 1 और न ही 2
व्याख्या: दोनों कथन सही हैं। 'ऋत' ब्रह्मांड के नैतिक और प्राकृतिक संतुलन का नियम था, जबकि 'धर्म' उस संतुलन को बनाए रखने के लिए व्यक्ति के सामाजिक और व्यक्तिगत कर्तव्यों का विधान था।
17. प्रारंभिक आर्यों के बारे में निम्न कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?
- A.वे संस्कृत बोलने वाले थे
- B.वे घुड़सवारी किया करते थे
- C.वे कई झुण्डों में भारत पहुँचे
- D.वे मुख्यतः नगरों में निवास करते थे
व्याख्या: यह कथन गलत है। प्रारंभिक वैदिक आर्यों की सभ्यता ग्रामीण और कबीलाई थी। वे मुख्यतः गाँवों में रहते थे और उनका जीवन पशुचारण पर आधारित था, न कि वे नगरों में रहते थे।
18. निम्नलिखित में किसका संकलन ऋग्वेद पर आधारित है?
- A.यजुर्वेद
- B.सामवेद
- C.अथर्ववेद
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: सामवेद को 'भारतीय संगीत का जनक' कहा जाता है। इसके अधिकांश मंत्र (ऋचाएं) ऋग्वेद से ही लिए गए हैं और उन्हें यज्ञों के दौरान गाने के लिए संगीतमय धुनों में ढाला गया है।
19. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I A. ब्रह्म विवाहB. दैव विवाहC. आर्ष विवाहD. प्रजापत्य विवाहnसूची-II1. समान वर्ण या जाति का विवाह2. पुरोहित का पारिश्रमिक में मिले कन्या के साथ विवाह3. कन्या मूल्य के रूप में एक जोड़ी गाय व बैल चुकाकर किया गया विवाह4. बिना दहेज़ का विवाह
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- C.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
- D.A → 4, B → 2, C → 3, D → 1
व्याख्या: यह विवाह के उत्तम प्रकारों का सही मिलान है: ब्रह्म (समान वर्ण में), दैव (पुरोहित से), आर्ष (गाय-बैल के बदले), और प्रजापत्य (बिना दहेज के)।
20. प्रतिलोम विवाह तब माना जाता था
- A.जब उच्च वर्ण का पुरुष निम्न वर्ण की नारी के साथ विवाह कर लेता था
- B.जब उच्च वर्ण की नारी निम्न वर्ण के पुरुष के साथ विवाह कर लेती थी
- C.जब उच्च वर्ण का पुरुष उच्च वर्ण की नारी के साथ विवाह कर लेता था
- D.जब निम्न वर्ण का पुरुष निम्न वर्ण की नारी के साथ विवाह कर लेता था
व्याख्या: जब उच्च वर्ण की स्त्री निम्न वर्ण के पुरुष से विवाह करती थी, तो उसे 'प्रतिलोम विवाह' कहा जाता था और इसे समाज में अनुचित माना जाता था। इसके विपरीत विवाह को 'अनुलोम' कहा जाता था।