21. पूर्व वैदिक आर्यों का धर्म प्रमुखतः था
- A.भक्ति
- B.मूर्ति पूजा और यज्ञ
- C.प्रकृति पूजा और यज्ञ
- D.प्रकृति पूजा और भक्ति
व्याख्या: ऋग्वैदिक आर्य प्रकृति की शक्तियों जैसे इंद्र (वर्षा), अग्नि, सूर्य, वायु आदि की पूजा करते थे और उन्हें प्रसन्न करने के लिए यज्ञ करते थे। उस समय मूर्ति पूजा या भक्ति का प्रचलन नहीं था।
22. ब्राह्मण ग्रंथों में सर्वाधिक प्राचीन कौन है?
- A.ऐतरेय ब्राह्मण
- B.शतपथ ब्राह्मण
- C.गोपथ ब्राह्मण
- D.पंचविश ब्राह्मण
व्याख्या: शतपथ ब्राह्मण, जो शुक्ल यजुर्वेद से संबंधित है, सबसे बड़ा, सबसे महत्वपूर्ण और सबसे प्राचीन ब्राह्मण ग्रंथ माना जाता है।
23. यज्ञ संबंधी विधि-विधानों का पता चलता है
- A.ऋग्वेद से
- B.सामवेद से
- C.ब्राह्मण ग्रंथों से
- D.यजुर्वेद में
व्याख्या: यजुर्वेद को 'कर्मकांडीय वेद' भी कहा जाता है। इसमें यज्ञ की विधियों, मंत्रों और उनके अनुष्ठान के नियमों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
24. 'अथर्व' का अर्थ
- A.पवित्र जादू
- B.यज्ञ
- C.स्तुति
- D.दर्शन
व्याख्या: अथर्ववेद का नाम अथर्वण ऋषि के नाम पर पड़ा है। इसमें तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, वशीकरण और औषधियों का वर्णन है, इसलिए इसका शाब्दिक अर्थ 'पवित्र जादू' से लिया जाता है।
25. 'व्रीहि' शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
व्याख्या: वैदिक साहित्य में 'व्रीहि' शब्द का प्रयोग चावल के लिए किया गया है, जबकि 'यव' शब्द का प्रयोग जौ के लिए किया गया है।
26. एशिया माइनर स्थित बोगाजकोई का महत्त्व इसलिए है कि
- A.वहाँ जो अभिलेख प्राप्त हुए हैं, उनमें 4 वैदिक देवताओं-इन्द्र, वरुण, मित्र, नासत्य–को उल्लेख मिलता है
- B.मध्य एशिया व तिब्बत के बीच एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र था
- C.वेद के मूल ग्रंथ की रचना यहीं हुई थी
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: तुर्की में मिले लगभग 1400 ईसा पूर्व के बोगाजकोई अभिलेख में हित्ती और मितानी राजाओं के बीच एक संधि का उल्लेख है, जिसमें वैदिक देवताओं इंद्र, वरुण, मित्र और नासत्य को साक्षी माना गया है। यह आर्यों के मध्य एशिया से संबंध का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है।
27. कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली है
- A.पूर्व-मीमांसा
- B.सांख्य दर्शन
- C.न्याय दर्शन
- D.उत्तर-मीमांसा
व्याख्या: कपिल मुनि को भारत के सबसे प्राचीन दर्शनों में से एक 'सांख्य दर्शन' का प्रवर्तक माना जाता है। यह दर्शन सृष्टि के विकास को पुरुष और प्रकृति के द्वैतवाद पर आधारित मानता है।
28. प्रथम विधि निर्माता कौन हैं?
- A.मनु
- B.चाणक्य
- C.चन्द्रगुप्त
- D.सेल्यूकस
व्याख्या: पौराणिक परंपरा के अनुसार, मनु को मानव जाति का पूर्वज और पहला विधि-निर्माता माना जाता है। 'मनुस्मृति' नामक ग्रंथ उन्हीं के नाम पर है, जो हिंदू कानून का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
29. न्यायदर्शन को प्रचारित किया था
- A.चार्वाक ने
- B.गौतम ने
- C.कपिल ने
- D.जैमिनी ने
व्याख्या: अक्षपाद गौतम को 'न्याय दर्शन' का प्रणेता माना जाता है। यह दर्शन तर्कशास्त्र (logic) और प्रमाण (ज्ञान के स्रोत) पर आधारित है।
30. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (उपवेद)A. आयुर्वेदB. धनुर्वेदC. गंधर्ववेदD. शिल्पवेद/ अर्थशास्त्रसूची-II (संबंधित वेद1. ऋग्वेद2. यजुर्वेद3. सामवेद4. अथर्ववेद
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
- C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- D.A → 4, B → 3, C → 2, D → 1
व्याख्या: यह उपवेदों और उनसे संबंधित मुख्य वेदों का सही मिलान है: आयुर्वेद (चिकित्सा) ऋग्वेद से, धनुर्वेद (युद्धकला) यजुर्वेद से, गंधर्ववेद (संगीत) सामवेद से, और शिल्पवेद (वास्तु) अथर्ववेद से जुड़ा है।