41. ऋग्वेद का कौन-सा मंडल पूर्णतः सोम को समर्पित है?
- A.सातवाँ मंडल
- B.आठवाँ मंडल
- C.नौवाँ मंडल
- D.दसवाँ मंडल
व्याख्या: ऋग्वेद का नौवां मंडल पूरी तरह से सोम देवता को समर्पित है। सोम एक पौधे का रस था जिसे यज्ञों में देवताओं को अर्पित किया जाता था।
42. किस वेद में जादुई माया और वशीकरण (magical charms and spells) का वर्णन है?
- A.ऋग्वेद
- B.यजुर्वेद
- C.सामवेद
- D.अथर्ववेद
व्याख्या: अथर्ववेद में देवताओं की स्तुति के साथ-साथ रोगों के निवारण, जादू-टोना, वशीकरण, तंत्र-मंत्र और सामान्य जीवन की समस्याओं से संबंधित मंत्र और उपचार दिए गए हैं।
43. वैदिक गणित का महत्त्वपूर्ण अंग है
- A.शतपथ ब्राह्मण
- B.अथर्ववेद
- C.शुल्व सूत्र
- D.छांदोग्य उपनिषद्
व्याख्या: शुल्व सूत्र वैदिक साहित्य का हिस्सा हैं और इनमें यज्ञ की वेदियों को बनाने के लिए आवश्यक ज्यामितीय (geometrical) ज्ञान और गणनाएं दी गई हैं, जो वैदिक गणित का आधार हैं।
44. ऋग्वैदिक काल से संबंधित मृदभांड संस्कृति है
- A.गेरुवर्णी मृदभांड (OCP) संस्कृति
- B.चित्रित धूसर मृदभांड (PGW) संस्कृति
- C.a और b दोनों
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: गेरुए रंग के मिट्टी के बर्तन (Ochre Coloured Pottery - OCP) की संस्कृति को पुरातात्विक रूप से ऋग्वैदिक काल (लगभग 1500-1000 ईसा पूर्व) से जोड़ा जाता है।
45. भारत के किस स्थल की खुदाई से लौह धातु के प्रचलन के प्राचीनतम प्रमाण मिले हैं ?
- A.तक्षशिला
- B.अतरंजीखेड़ा
- C.कौशाम्बी
- D.हस्तिनापुर
व्याख्या: उत्तर प्रदेश के एटा जिले में स्थित अतरंजीखेड़ा में हुई खुदाई से लगभग 1000 ईसा पूर्व के लोहे के उपयोग के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं, जो उत्तर-वैदिक काल से संबंधित हैं।
46. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I A. संग्रहीतृB. भागदूधC. क्षता/छत्रीD. अक्षवापसूची-II1. कोषाध्यक्ष2. कर-संग्रहकर्ता3. पांसे के खेल में राजा का सहायक4. प्रतिहारी/ राज प्रसाद का सक्षक
- A.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- B.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- C.A → 1, B → 3, C → 4, D → 2
- D.A → 2, B → 1, C → 4, D → 3
व्याख्या: यह उत्तर-वैदिक काल के अधिकारियों का सही मिलान है: संग्रहीतृ (कोषाध्यक्ष), भागदूध (कर संग्रहकर्ता), क्षत्ता (प्रतिहारी), और अक्षवाप (पासे के खेल में राजा का सहायक)।
47. किस वेद में प्राचीन वैदिक युग की संस्कृति के बारे में सूचना दी गई हैं?
- A.ऋग्वेद
- B.यजुर्वेद
- C.अथर्ववेद
- D.सामवेद
व्याख्या: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है, और इससे हमें प्रारंभिक वैदिक (ऋग्वैदिक) काल के लोगों के सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन के बारे में जानकारी मिलती है।
48. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I A. ऋग्वेदB. यजुर्वेदC. सामवेदD. अथर्ववेदसूची-II1. संगीतमय स्त्रोत2. स्त्रोत एवं कर्मकाण्ड3. तंत्र-मन्त्र एवं वशीकरण4. स्त्रोत एवं प्रार्थनाएं
- A.A → 4, B → 2, C → 1, D → 3
- B.A → 3, B → 2, C → 4, D → 1
- C.A → 4, B → 1, C → 2, D → 3
- D.A → 2, B → 3, C → 1, D → 4
व्याख्या: यह वेदों और उनकी विषय-वस्तु का सही मिलान है: ऋग्वेद (प्रार्थनाएं), यजुर्वेद (कर्मकांड), सामवेद (संगीत), और अथर्ववेद (तंत्र-मंत्र)।
49. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I A. पूषनB. रूद्र C. द्यौस/ द्यौ:D. अदितिसूची-II1. विवाह का देवता2. पशुओं का देवता3. जगत के पिता4. देवों की महान माता
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
- C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- D.A → 4, B → 2, C → 3, D → 1
व्याख्या: यह वैदिक देवताओं और उनके संबंधित क्षेत्रों का सही मिलान है। पूषन को बाद में विवाह का देवता माना गया, रुद्र पशुओं के देवता (पशुपति), द्यौस आकाश या जगत के पिता, और अदिति देवों की माता हैं।
50. गायत्री मंत्र की रचना किसने की थी ?
- A.वशिष्ठ
- B.विश्वामित्र
- C.इन्द्र
- D.परीक्षित
व्याख्या: ऋग्वेद में वर्णित प्रसिद्ध गायत्री मंत्र की रचना ऋषि विश्वामित्र ने की थी। यह मंत्र सूर्य देवता सवितृ को समर्पित है।