71. ऋत (प्राकृतिक संतुलन) स्थापित करने के कारण किस वैदिक देवता को 'ऋतस्य गोप' कहा गया है?
- A.इन्द्र
- B.वरुण
- C.सूर्य
- D.विष्णु
व्याख्या: वरुण देवता को 'ऋत' अर्थात् ब्रह्मांड की नैतिक और प्राकृतिक व्यवस्था का संरक्षक माना जाता था। इसी कारण उन्हें 'ऋतस्य गोप' (ऋत का रक्षक) कहा गया है।
72. ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी किसे माना गया है?
- A.सिन्धु
- B.सरस्वती
- C.परुष्णी
- D.शतुद्रि
व्याख्या: ऋग्वेद में सरस्वती नदी को सबसे पवित्र, 'नदीतमा' (नदियों में श्रेष्ठ), 'मातेतमा' (माताओं में श्रेष्ठ) कहा गया है। यह ज्ञान और विद्या की देवी भी मानी जाती हैं।
73. प्राचीन भारत में ‘निष्क' से जाने जाते थे
- A.स्वर्ण आभूषण
- B.गायें
- C.ताँबे के सिक्के
- D.चाँदी के सिक्के
व्याख्या: वैदिक काल में 'निष्क' मूल रूप से गले में पहने जाने वाले सोने के आभूषण को कहते थे। बाद के समय में इसका प्रयोग सिक्के या मुद्रा की एक इकाई के रूप में भी होने लगा।
74. आर्यों के आर्कटिक होम सिद्धान्त का पक्ष किसने लिया था ?
- A.पार्जिटर
- B.ए.सी. दास
- C.बी. जी. तिलक
- D.जैकोबी
व्याख्या: बाल गंगाधर तिलक ने अपनी पुस्तक 'The Arctic Home in the Vedas' में वेदों में वर्णित खगोलीय घटनाओं के आधार पर यह सिद्धांत दिया कि आर्यों का मूल निवास स्थान आर्कटिक (उत्तरी ध्रुव) क्षेत्र था।
75. ऋग्वैदिक काल के उस सबसे प्रधान देवता की पहचान करें, जिसकी स्तुति में 250 सूक्तों की रचना की गयी थी
- A.इन्द्र
- B.अग्नि
- C.वरुण
- D.सूर्य
व्याख्या: इंद्र ऋग्वैदिक काल के सबसे प्रमुख देवता थे। वे वर्षा, युद्ध और तूफान के देवता माने जाते थे। ऋग्वेद में लगभग 250 सूक्त (भजन) उन्हें समर्पित हैं, जो किसी भी अन्य देवता से अधिक हैं।
76. धर्मशास्त्रों में भूराजस्व की दर क्या हैं?
व्याख्या: प्राचीन भारत के धर्मशास्त्रों और स्मृतियों में, भू-राजस्व (लगान) की सामान्य दर उपज का छठा भाग (1/6) निर्धारित की गई थी।
77. 'शुल्व सूत्र' किस विषय से संबंधित पुस्तक है?
- A.ज्यामिति
- B.ज्योतिष
- C.गणित
- D.खगोल
व्याख्या: शुल्व सूत्र में यज्ञ की वेदियों के निर्माण के लिए विभिन्न आकारों और मापों का वर्णन है, जो रेखागणित (ज्यामिति) के उन्नत ज्ञान को दर्शाता है। इन्हें भारतीय ज्यामिति का प्राचीनतम ग्रंथ माना जाता है।
78. निम्न में से कौन-सी स्मृति प्राचीनतम है?
- A.मनु स्मृति
- B.याज्ञवल्क्य स्मृति
- C.नारद स्मृति
- D.पाराशर स्मृति
व्याख्या: मनुस्मृति को सबसे प्राचीन और सबसे प्रामाणिक स्मृति ग्रंथ माना जाता है। इसकी रचना शुंग काल के आसपास (लगभग 200 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी) मानी जाती है।
79. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (वेद)A. ऋग्वेदB. यजुर्वेद C. सामवेदD. अथर्ववेद सूची-II (यज्ञकर्ता)1. हीता/होतृ2. अधर्व्यु3. उद्गाता/उद्गातृ4. ब्रह्मा
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
- C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- D.A → 4, B → 3, C → 2, D → 1
व्याख्या: यह वेदों और उनके मंत्रों का पाठ करने वाले पुरोहितों का सही मिलान है: ऋग्वेद का पाठ 'होतृ', यजुर्वेद का 'अध्वर्यु', सामवेद का 'उद्गातृ' और अथर्ववेद का निरीक्षण 'ब्रह्मा' करता था।
80. निम्नलिखित में से कौन-सी एक ऋग्वैदिक आर्यों की लाक्षणिक विशेषता नहीं है?
- A.वे अश्वों, रथों और कांस्य के उपयोग से परिचित थे
- B.वे लोहे के उपयोग से परिचित थे
- C.वे गौ से परिचित थे, जो संपत्ति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण रूप थी
- D.वे ताम्र और आधुनिक हल-फाल के उपयोग से परिचित थे
व्याख्या: यह कथन गलत है। ऋग्वैदिक आर्य लोहे से अपरिचित थे। लोहे का प्रयोग भारत में उत्तर-वैदिक काल (लगभग 1000 ईसा पूर्व के बाद) में शुरू हुआ।