1. ब्रिटिश काल के दौरान राजस्थान में खरड़ा क्या था -
- A. राज्य की सेना जब किसी गाँव के पास पड़ाव ड़ालती, तो उसके भोजन के लिए गांव के लोगों से वसूल किया जाने वाला धन ।
- B. गढ़ के निर्माण व मरम्मत हेतु दो रुपए प्रति घर से वसूले जाते थे।
- C. श्रमजीवी जातियों से वसूली जाने वाली राशि।
- D. इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: 'खरड़ा' ब्रिटिश काल में राजस्थान की रियासतों में श्रमजीवी जातियों, जैसे कारीगरों और मजदूरों से वसूला जाने वाला एक प्रकार का कर था।
2. सींकला, झेरणा, नेतरा तथा गिड़गिड़ी संबंधित है -
- A. फसल कटाई से
- B. दही बिलौनी से
- C. कपड़ा रंगाई से
- D. चित्रकारी से
व्याख्या: ये सभी शब्द दही से मक्खन निकालने की पारंपरिक प्रक्रिया (दही बिलोने) में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों के नाम हैं। जैसे नेतरा रस्सी होती है और झेरणा मथनी होती है।
3. ‘बजेड़ा’ किसे कहते है -
- A. पान का खेत
- B. अफीम का खेत
- C. बंजड़ खेत
- D. समतल खेत
व्याख्या: राजस्थान में पान की खेती के लिए जो विशेष खेत तैयार किया जाता है, उसे स्थानीय भाषा में 'बजेड़ा' कहा जाता है।
4. बूढ़े ऊंट को कहते है -
- A. जमीकखत
- B. डोलण
- C. झूलण
- D. पाकट
व्याख्या: राजस्थानी भाषा में एक बूढ़े और कमजोर ऊँट के लिए 'पाकट' शब्द का प्रयोग किया जाता है।
5. सूड़ है -
- A. खेत से खरपतवार हटाना
- B. खेत जोतने से पहले खेत के झाड़-झखाड़ साफ करना
- C. खेत के चारों ओर मेड़ करना
- D. खेत को समतल करना
व्याख्या: 'सूड़' खेती-बाड़ी से जुड़ा एक शब्द है, जिसका अर्थ है खेत की जुताई करने से पहले उसमें उगी हुई अनावश्यक झाड़ियों और पौधों को काटकर साफ करना।
6. गांव की सीमा के लिए प्रयुक्त शब्द कौनसा है -
- A. डीमडू
- B. कांकड
- C. गोरमो
- D. मगरा
व्याख्या: राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में गाँव की सीमा या उसके चारों ओर के रास्ते को 'गोरमो' कहा जाता है। 'कांकड़' शब्द भी सीमा के लिए प्रयुक्त होता है।
7. ‘लूरबो’ किसे कहते हैं -
- A. खेत में निरर्थक घास-पात को उखाड़ना
- B. खेत में तैयार फसल को काटना
- C. पशुओं के चराने का स्थान
- D. खेत के चारों ओर की दीवार
व्याख्या: खेत में फसल के साथ उग आई अनावश्यक घास-फूस या खरपतवार को हटाने की प्रक्रिया को 'लूरबो' या 'निनाण' करना कहते हैं।
8. राजस्थान में ‘बीड़’ _______ स्थानीय नाम है।
- A. चारागाह का
- B. केटीले वन का
- C. तिलहन का
- D. खाद्यान्न का
व्याख्या: राजस्थान में, विशेष रूप से शेखावाटी क्षेत्र में, पशुओं के चरने के लिए छोड़े गए घास के मैदानों या चारागाह भूमि को स्थानीय रूप से 'बीड़' कहा जाता है।
9. राजस्थानी लोक में पहेली नैं कांई कैयो जावै -
- A. गिंगरथ
- B. वात
- C. आडी
- D. टपूकड़ा
व्याख्या: राजस्थानी लोक साहित्य में पहेली को 'आडी' कहा जाता है। यह ज्ञान और मनोरंजन का एक पारंपरिक माध्यम है।
10. ‘उदेई’ प्रयुक्त होता है -
- A. मिट्टी हेतु
- B. पत्थर हेतु
- C. लकड़ी हेतु
- D. दीमक हेतु
व्याख्या: राजस्थानी भाषा में लकड़ी को खराब करने वाले कीड़े दीमक को 'उदेई' कहा जाता है।