1. उत्परीवर्तन का सिद्धांत प्रतिपादित किया था
- C. लैमार्क
- A. हक्सले
- B. डार्विन
- D. डी० ब्रीज
व्याख्या: ह्यूगो डी व्रीज ने उत्परिवर्तन का सिद्धांत प्रतिपादित किया, जिसमें कहा गया कि विकास अचानक होने वाले बड़े परिवर्तनों (उत्परिवर्तन) के कारण होता है, न कि क्रमिक परिवर्तनों के कारण।
2. समरूप अंग होते है
- A. रचना में समान
- C. रचना व कार्य दोनों में समान
- B. कार्य में समान
- D. कार्य विहीन
व्याख्या: समरूप अंग (Analogous organs) वे अंग होते हैं जिनकी मूल संरचना और उत्पत्ति भिन्न होती है, लेकिन वे समान कार्य करते हैं, जैसे कीट और पक्षी के पंख।
3. प्रयोग और अनुप्रयोग का कानून इनके द्वारा प्रतिपादित किया गया था
- C. लामार्क
- D. डार्विन
- A. ह्यूगो डी ब्राइस
- B. लेंडरबर्ग
व्याख्या: जीन-बैप्टिस्ट लैमार्क ने 'अंगों के उपयोग और अनुपयोग का नियम' प्रतिपादित किया, जो उनके विकासवाद के सिद्धांत का हिस्सा था।
4. ऐसे अंग जो विभिन्न कार्यों में उपयोग होने के कारण काफी असमान हो सकते है लेकिन उनकी मूल संरचना एक भुनिय प्रकिर्या में समानता रहती है कहलाते है
- B. असमजात अंग
- D. समजात अंग
- C. समरूप अंग
- A. अवशेषी अंग
व्याख्या: यह समजात अंगों (Homologous organs) की परिभाषा है। इनकी मूल संरचना और भ्रूणीय उत्पत्ति समान होती है, लेकिन विभिन्न कार्यों के लिए अनुकूलित होने के कारण वे अलग दिख सकते हैं, जैसे मनुष्य का हाथ और चमगादड़ का पंख।
5. योग्यतम की उतरजीविका का प्रतिपादन किया
- B. डार्विन
- A. लैमार्क
- D. पाश्चर
- C. डी० ब्रीज
व्याख्या: चार्ल्स डार्विन ने अपने प्राकृतिक चयन के सिद्धांत में 'योग्यतम की उत्तरजीविता' (Survival of the Fittest) की अवधारणा का प्रतिपादन किया।
6. पक्षियों और कीटों के पंख कैसे होते हैं ?
- C. समवृति
- B. पोषक
- D. समजात
- A. अयुक्तिसंगत
व्याख्या: पक्षी और कीट के पंख समवृत्ति (analogous) अंग हैं। उनकी उत्पत्ति और संरचना अलग-अलग है, लेकिन वे दोनों उड़ने का समान कार्य करते हैं।
7. उत्परीवर्तन के सिद्धांत के जन्मदाता है
- A. मेंडल
- B. अरस्तू
- D. डार्विन
- C. डी० ब्रीज
व्याख्या: ह्यूगो डी व्रीज को उत्परिवर्तन के सिद्धांत का जनक माना जाता है, जिसे उन्होंने इवनिंग प्रिमरोज़ पौधे पर अपने काम के आधार पर प्रस्तावित किया था।
8. लामार्कवाद का मूल सिद्धांतहै
- D. नये अंगो का अचानक विकास
- A. विभिन्नताए
- B. उपार्जित लक्षणों की वंशागति
- C. जीवन संघर्ष
व्याख्या: लैमार्कवाद का मूल सिद्धांत 'उपार्जित लक्षणों की वंशानुगति' है, जिसके अनुसार एक जीव अपने जीवनकाल में जो लक्षण प्राप्त करता है, वे उसकी संतानों में चले जाते हैं।
9. जीवन की उत्पति हुई
- D. वायु में
- A. पहाड़ो पर
- B. भूमि पर
- C. जल में
व्याख्या: वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति लगभग 3.5 अरब साल पहले महासागरों (जल) में हुई थी।
10. जैव विकास के सन्दर्भ में सांपो में अंगो का लोप होने को स्पष्ट किया जाता है
- B. बिलों में रहने के प्रति अनुकूलन से
- C. प्राक्रतिक चयन से
- D. उपार्जित लक्षणों की वंशागति से
- A. अंगो का उपयोग तथा अनुप्रयोग किये जाने से
व्याख्या: लैमार्क के सिद्धांत के अनुसार, सांपों में पैरों का लोप उनके 'अनुपयोग' के कारण हुआ, क्योंकि वे बिलों में रहने के लिए अनुकूलित हो गए थे।